ईरान के परमाणु ठिकानों को नुकसान लेकिन पूरी तस्वीर साफ नहीं
२३ जून २०२५ईरान-इस्राएल संघर्ष में ईरान के परमाणु ठिकानों और दूसरी जगहों पर हफ्ते भर के इस्राएली हमलों में ईरान के एयर डिफेंस और मिसाइल क्षमता के साथ ही परमाणु केंद्रों को नुकसान पहुंचाने के बाद अमेरिकी सेना ने ईरान पर वार किया.अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने फोर्दो के परमाणु केंद्र में जमीन के भीतर "भारी नुकसान" होने की बात कही है. इस बीच ईरान भी इस्राएल पर हमलेकर रहा है.
अमेरिका और इस्राएल के अधिकारियों का कहना है कि 13,000 किलो से ज्यादा वजन का बंकर बस्टर बम अकेले ही ईरान के दुर्भेद्य परमाणु ठिकानों को निशाना बना सकता था. सात बी2 स्टील्थ बॉम्बर विमानों ने कुल 14 बम ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर गिराए हैं.
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी के मुखिया राफाएल ग्रोसी का कहना है, "इस वक्त कोई भी, जिसमें आईएईए (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) भी शामिल है, यह बताने की स्थिति में नहीं है कि फोर्दो में जमीन के नीचे कितना नुकसान हुआ है."
कितना नुकसान हुआ है
सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में नतांज के परमाणु संवर्धन केंद्र में अमेरिकी हमलों के बाद एक बड़ा गड्ढा देखा जा सकता है. अमेरिकी सेना ने केंद्र के भूमिगत हिस्से को निशाना बनाया है. करीब पांच मीटर का यह गड्ढा रविवार को अमेरिकी हमले के बाद प्लेनेट लैब्स पीबीसी और माक्सार टेक्नोलॉजीज के सैटेलाइटों से ली गई तस्वीरों में दिखा है. यह गड्ढा केंद्र के भूमिगत हिस्से के ऊपर है जहां सेंट्रीफ्यूज हॉल हैं. कितना नुकसान हुआ है, ईरान की तरफ से भी इसके बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है. इससे पहले के इस्राएली हमलों में जमीन पर मौजूद सेंट्रीफ्यूज हॉल और वहां के सभी बिजली उपकरणों को निशाना बनाया गया था. ऐसे में आशंका है कि वहां बिजली की सप्लाई बंद हो गई है.
इसफहान के परमाणु केंद्र के बारे में आईएईए ने कहा है कि अतिरिक्त इमारतें निशाना बनी हैं, इनमें कुछ यूरेनियम के कंवर्जन से जुड़ी हैं, इसके साथ ही "उस सुरंग के प्रवेश द्वार को भी नुकसान हुआ है जहां संवर्धित यूरेनियम रखने के लिए इस्तेमाल होता था." नतांज के यूरेनियम संवर्धन केंद्र के बारे में ग्रोसी का कहना है कि वह फिर से निशाना बना है.
संयुक्त राष्ट्र के असिस्टेंट महासचिव मिरोस्लाव जेंका ने सुरक्षा परिषद को बताया कि ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया है कि अमेरिकी हमलों से पहले ही तीनों ठिकानों को खाली कर दिया गया था और वहां से संवर्धित यूरेनियम को हटा लिया गया था.
ऐसा लग रहा है कि ईरान ने अमेरिकी हमलों से पहले परमाणु केंद्र पर मौजूद सुरंगों को भर दिया था. अमेरिका के एक न्यूक्लियर नॉनप्रोलिफरेशन ग्रुप ने सैटेलाइट की तस्वीरों का विश्लेषण करके दिखाया है कि ईरान ने इसफहान के परमाणु केंद्र के सुरंगों को भर दिया था. इन तस्वीरों में ट्रकों से गिराई जा रही मिट्टी को देखा जा सकता है. ग्रुप का कहना है कि अमेरिकी हमलों ने संभवतया सुरंगों के प्रवेश द्वार को निशाना बनाया है. ग्रुप के मुताबिक, "चार प्रवेश द्वारों में से कम से कम तीन ढह गए हैं, जबकि चौथे की स्थिति स्पष्ट नहीं है."
संवर्धित यूरेनियम की चिंता
ग्रोसी ने पश्चिमी देशों से कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आग्रह किया है और ईरान से कहा है कि वह आईएईए के निरीक्षकों को अपने परमाणु केंद्रों पर लौटने की अनुमति दे. खासतौर से उन्हें चिंता 60 फीसदी तक संवर्धित 4,400 किलो यूरेनियम की है. ग्रोसी ने बताया कि आईएईए के निरीक्षक ईरान में हैं लेकिन परमाणु केंद्रों तक जाने, नुकसान का आकलन करने और परमाणु सामग्री और उपकरणों की सुरक्षा के लिए बैर को खत्म करना होगा.
ग्रोसी ने यह भी कहा कि ईरान के फोर्दो में प्रमुख यूरेनियम संवर्धन केंद्र को हुए नुकसान का अंदाजा नहीं लगाया जा सका है. आईएईए प्रमुख ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ईरान के बुलाने पर हुई बैठक में कहा कि फोर्दो के ठिकाने पर दिख रहे गड्ढे संकेत दे रहे हैं कि अमेरिका ने जमीन भेदने वाले गोला बारूद का इस्तेमाल किया है, लेकिन जमीन के भीतर कितना नुकसान हुआ है इसका सही आकलन अब तक नहीं किया जा सका है.
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने अमेरिकी हमले में शामिल बी-2 स्टील्थ बॉम्बर विमानों की उड़ान का मैप भी जारी किया है. सात विमानों में से एक में महिला पायलट भी शामिल थी. मैप से पता चलता है कि इन विमानों ने ईरान पहुंचने के लिए भूमध्यसागर के ऊपर से उड़ान भरी और इस्राएल, जॉर्डन और इराक के ऊपर से गुजरे. फिलहाल यह जानकारी नहीं है कि इन तीनों देशों को विमानों के गुजरने की जानकारी थी या नहीं. इस्राएल का कहना है कि हमले उसकी सेना के साथ सहयोग में किए गए थे. अमेरिका का कहना है कि इस हमले में कोई इस्राएली विमान शामिल नहीं था.
पेंटागन ने मिशन की जानकारी देते हुए नक्शा पत्रकारों को सौंपा. इसमें बताया गया है कि तीनों परमाणु केंद्रों पर "अत्यधिक गंभीर नुकसान और विध्वंस हुआ है." अमेरिकी वायु सेना के जनरल डैन कायन ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन हैं. उन्होंने जोर दे कर कहा कि "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर" ने फोर्दो, नतांज और इसफहान के परमाणु केंद्रों को ध्वस्त कर दिया है. कायन ने कहा, "संघर्ष के अंतिम नुकसान का पता चलने में थोड़ा समय लगेगा लेकिन शुरुआती नुकसान विश्लेषण दिखा रहा है कि सभी तीनों केंद्रों में अत्यधिक गंभीर नुकसान और विध्वंस हुआ है."