अमेरिकी नौसेना का नया युद्धपोत
अमेरिकी नौसेना का नया विमानवाहक युद्धपोत मंगलवार को अपनी पहली तैनाती पर रवाना हो गया. जिन तकनीकों के साथ इसे बनाया गया है उसे लेकर कई दिक्कतें भी हुईं लेकिन अब यह पूरी तरह सेवा के लिये तैयार है.
यूएसएस जेराल्ड आर. फोर्ड
अमेरिका के 1974 से 1977 के बीच राष्ट्रपति रहे जेराल्ड आर. फोर्ड से इस युद्धपोत को यह नाम मिला है. करीब 13 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से तैयार युद्धपोत अटलांटिक सागर में अमेरिकी ताकत की एक नई नुमाइश होगा. फोर्ड क्लास के युद्धपोत 40 साल पहले अमेरिकी सेना में पहली बार शामिल हुए और आने वाले सालों में ये निमित्ज क्लास युद्धपोतों की जगह ले लेंगे.
कितना बड़ा है युद्धपोत
1100 फीट लंबे और 101,000 टन वजनी युद्धपोत को 2017 में कमीशन किया गया था. इतना अधिक वजन होने के बावजूद यह 54 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सागर की दूरी नाप सकता है. फोर्ड क्लास के युद्धपोत दिखने में निमित्ज क्लास जैसे ही हैं लेकिन तकनीकी रूप से काफी अलग हैं.
कितना बड़ा है युद्धपोत
1100 फीट लंबे और 101,000 टन वजनी युद्धपोत को 2017 में कमीशन किया गया था. इतना अधिक वजन होने के बावजूद यह 54 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सागर की दूरी नाप सकता है. फोर्ड क्लास के युद्धपोत दिखने में निमित्ज क्लास जैसे ही हैं लेकिन तकनीकी रूप से काफी अलग हैं.
नई तकनीक
विशाल और भारी वजन लेकर चलने में सक्षम युद्धपोत तकनीकी रूप से ऐसा है कि इसके संचालन के लिए दूसरे युद्धपोतों की तुलना में काफी कम लोगों की जरूरत पड़ती है. इसके साथ ही इस पर वो हथियार भी तैनात किये जा सकते हैं जिन्हें अभी विकसित किया जा रहा है.
नयी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम
युद्धक अभियानों के लिये युद्धपोत के परीक्षण के समय इसके ड्रोन के हमलों से बचाने वाले तंत्र को भी परखा गया. इस दौरान इसने बड़ी चतुराई से ना सिर्फ ड्रोन के हमलों को बेकार किया बल्कि ड्रोन को खत्म करने में भी सफल रहा.
विमानों का तेजी से उड़ना, उतरना
नये युद्धपोत में विमानों को तेजी से उड़ाने और उतारने के लिए एक नई तकनीक इस्तेमाल की गई है. इसे लेकर कुछ दिक्कतें भी हुईं. इसी साल फरवरी में 211 विमानों को उड़ा और उतार कर इसका परीक्षण किया गया. अमेरिकी संसद में पेश एक रिपोर्ट के मुताबिक इसे लेकर कुछ दिक्कतें अब भी हैं.
हथियार लोड करने की दिक्कत
जहाज की मैगजीन से डेक तक हथियारों को लाने वाली लिफ्ट के सिस्टम में भी कुछ दिक्कतों की बात कही गई थी. डेक पर लाने के बाद इन्हें विमानों में लोड किया जाता है. अमेरिकी संसद की रिपोर्ट में इसकी वजह से युद्धपोत को सेवा में उतारने में देरी की बात कही गई. हालांकि बाद की एक रिपोर्ट में कहा गया कि इसने परीक्षणों को पास कर लिया है.
भरोसा हासिल करने में समय लगेगा
गवर्नमेंट अकाउंटिबिलिटी ऑफिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्धपोत के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम और एडवांस्ड अरेस्टिंग गियर में अब भी कुछ दिक्कतें हैं. ये दोनों सिस्टम विमान को उड़ाने और उतारने में मदद करते हैं. अमेरिकी नौसेना का कहना है कि इस पर भरोसा हासिल करने में अभी कुछ साल लगेंगे.
पहला अभियान
अमेरिकी नौसेना के अनुसार फिलहाल इसे 9000 सैन्यकर्मियों, 20 जहाजों और 9 देशों के 60 विमानों के साथ तैनात किया गया है. इस तैनाती के दौरान यूएसएस गेराल्ड आर. फोर्ड जर्मनी, कनाडा और फ्रांस के साथ मिल कर काम करेगा. इसमें एयर डिफेंस, एंटी सबमरीन और पानी तथा जमीन पर अभियान के लिए ट्रेनिंग शामिल है.