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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

क्या ट्रंप की नीतियां विज्ञान को नुकसान पहुंचा रही हैं

१५ अप्रैल २०२५

यूरोप की मौसम विज्ञान संस्था ने कहा है कि अमेरिका की एक महत्वपूर्ण विज्ञान संस्था में जिस तरह की कटौतियां की गई हैं उनसे पूरी दुनिया में विज्ञान का नुकसान हो रहा है.

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व्हाइट हाउस में एक बैठक के दौरान डॉनल्ड ट्रंप
ट्रंप प्रशासन ने कई सरकारी संस्थाओं को छोटा कर दिया हैतस्वीर: Molly Roberts/White House/ZUMA/IMAGO

अमेरिकी राष्ट्रपति के पद पर वापसी के बाद डॉनल्ड ट्रंप ने जो बड़े कदम उठाए हैं उनमें देश की एक महत्वपूर्ण विज्ञान संस्था में की गई कटौतियां भी शामिल हैं. उनकी सरकार ने नैशनल ओशिएनिक एंड एटमॉसफियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है और मौसम और जलवायु से संबंधित डाटा वाली सरकारी वेबसाइटों को डिलीट कर दिया है.

पिछले हफ्ते अमेरिकी मीडिया में खबरें आई थीं कि प्रशासन इससे भी आगे जा कर एनओएए के जलवायु-संबंधित रिसर्च कार्यक्रमों के लिए फंडिंग रोकने और ग्लोबल वॉर्मिंग का अध्ययन करने वाले और ज्यादा वैज्ञानिकों को नौकरी से निकालने वाला है.

क्यों चिंतित हैं वैज्ञानिक

एनओएए के खिलाफ उठाए जा रहे ट्रंप प्रशासन के इन कदमों पर वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है. यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट्स (ईसीएमडब्ल्यूएफ) ने कहा है कि इन कदमों की वजह से ऐसी जानकारी साझा करने में बाधा आ रही है जिसका दुनियाभर में जलवायु की निगरानी करने और मौसम का पूर्वानुमान जारी करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

अमेरिका के मेरीलैंड में एनओएए के समर्थन में निकाली गई एक रैली में प्लैकार्ड लिए लोग
एनओएए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित जलवायु परिवर्तन मॉनीटरों में से हैतस्वीर: Chip Somodevilla/Getty Images

ईसीएमडब्ल्यूएफ की महानिदेशक फ्लोरेंस राबिए ने पत्रकारों को बताया कि इन कदमों के असर अटलांटिक महासागर के इस तरफ और यहां से आगे भी महसूस किए जा रहे हैं. राबिए ने 10 अप्रैल को ये बातें कही थीं लेकिन इन्हें सार्वजनिक करने पर मंगलवार 15 अप्रैल तक पाबंदी लगाई गई थी. 

उन्होंने कहा, "हम 50 साल पहले हुई अपनी शुरुआत से ही उनके पार्टनर रहे हैं और उनका मौसम का पूर्वानुमान लगाने के विज्ञान और उसके जरिए जलवायु विज्ञान में बहुत बड़ा योगदान है. मार्च से हमने देखा है कि फंडिंग में कटौती की वजह से एनओएए द्वारा साझा की गई जानकारी में गिरावट आई है."

उन्होंने आगे कहा कि तापमान, हवा की गति, हवा में नमी और दूसरी जानकारी इकठ्ठा करने वाले मौसम बलून जो डाटा देते थे उसमें करीब 10 प्रतिशत की गिरावट आई है. राबिए ने बताया कि ये जानकारी दुनियाभर में पूर्वानुमान के लिए "बिल्कुल मौलिक" थी "क्योंकि मौसम किसी सीमा को नहीं जानता."

कटौती का असर

उन्होंने यह भी कहा कि "किसी भी जानकारी का ना मिलना जलवायु निगरानी के लिए, सैटलाइट के कैलिब्रेशन के लिए और पूर्वानुमानों के सत्यापन के लिए नुकसानदेह है... विज्ञान और मौसम और जलवायु के लिए नजरिए से मुझे लगता है पूरे समुदाय पर इसका असर होगा."

जर्मन चुनाव से गायब जलवायु परिवर्तन का मुद्दा

एनओएए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित जलवायु परिवर्तन मॉनीटरों में से है जिसकी वजह से वह ट्रंप प्रशासन का मुख्य निशाना बनी हुई है. ट्रंप प्रशासन ने कई सरकारी संस्थाओं को छोटा कर दिया है और संरक्षण और पर्यावरण पर सरकारी खर्च को बेहद कम कर दिया है.

अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, 2026 के बजट में एनओएए की रिसर्च शाखा के लिए फंडिंग में 75 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है. प्रशासन नासा की भी एक शाखा के बजट में कटौती करना चाहता है जिसका काम है सैटलाइट के इस्तेमाल से जलवायु परिवर्तन के असर पर नजर रखना और उसका अध्ययन करना.

ईसीएमडब्ल्यूएफ कॉपरनिक ससंस्था जलवायु परिवर्तन सेवा चलाती है जो सैटलाइटों, जहाजों, विमानों और मौसम स्टेशनों से लिए गए अरबों मापों के इस्तेमाल से अपना जलवायु आकलन करता है.