ईरान पर अमेरिका का हमला
२२ जून २०२५अमेरिकी सेना ने रविवार की सुबह ईरान में तीन ठिकानों पर हमला किया. इन हमलों के कुछ ही देर बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने देश को संबोधित करते हुए इन हमलों की जानकारी भी दी.
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर हमलों की जानकारी देते हुए ट्रंप ने लिखा, "हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों, फोर्दो, नतांज और इसफाहान पर सफलता से हमले किए हैं. सारे विमान अब ईरानी एयर स्पेस से बाहर हैं. मुख्य साइट, फोर्दो पर पूरी भार क्षमता के साथ बम गिराए गए. सारे विमान सुरक्षित तरीके से घर लौट रहे हैं. हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई. दुनिया में ऐसी और कोई सेना नहीं है जो ये कर सकती थी. अब शांति का समय आ चुका है. इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए आप सब का शुक्रिया."
अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है. ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि अमेरिका के हमले ने "ईरान के विरुद्ध खतरनाक युद्ध" की शुरुआत कर दी है. ईरानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "दुनिया को यह नहीं भूलना चाहिए कि ये अमेरिका ही है, जिसने कूटनीतिक प्रक्रिया के बीच, कूटनीति को धोखा दिया."
बयान में यह भी कहा गया कि अमेरिका का हमला यूएन चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है, अमेरिकी सरकार को "इस घृणित अपराध के गंभीर नतीजे और घातक अंजाम की पूरी जिम्मेदारी भुगतनी होगी."
ईरानी विदेश मंत्रालय ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि, ईरान को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की हिफाजत के लिए अमेरिकी सैन्य आक्रमकता का प्रतिरोध करने का पूरा अधिकार है.
ईरान के पड़ोसी इराक ने भी चेतावनी देते हुए कहा है कि अमेरिकी हमलो पूरे क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर दिया है.
ईरान पर हमले की निंदा मुस्लिम देशों के दिखाने के दांत
तेहरान के कट्टर प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब ने भी ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए अमेरिकी हमलों पर चिंता जताई है. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने सभी पक्षों से तनाव घटाने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से राजनीतिक समाधान खोजने की कोशिशें बढ़ाने की अपील की है.