लेह की पुगा घाटी में सल्फर-बोराक्स के गरम झरने धरती के भीतर से गरम भाप की बौछार फेंकते हैं. इनके इस्तेमाल से बिजली की भरोसेमंद आपूर्ति मिल सकती है. लेकिन गड़रिया समुदाय को डर है कि इससे उनके जानवरों पर खतरा बढ़ जाएगा. जानकारों को उम्मीद है कि अगर मुद्दों को सुलझा लिया जाए, तो पुगा घाटी प्रॉजेक्ट भारत में ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने की दिशा में एक मॉडल बन सकता है.