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राजनीतितुर्की

इमामोलु को मेयर पद से हटाया गया, तुर्की में भारी प्रदर्शन

२३ मार्च २०२५

तुर्की की एक अदालत ने विपक्षी नेता इकरम इमामोलु को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इमामोलु के समर्थन में देशभर में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच इमामोलु को इस्तांबुल के मेयर पद से निलंबित कर दिया गया है.

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22 मार्च 2025 की इस तस्वीर में इस्तांबुल के निलंबित कर दिए गए मेयर इमामोलु की गिरफ्तारी के विरोध में प्रोटेस्ट कर रहा एक प्रदर्शनकारी तुर्की का झंडा थामे हुए और उसके पीछे खड़े पुलिसकर्मियों की कतार
आरोप लग रहे हैं कि पहले इमामोलु की गिरफ्तारी और अब उन्हें मेयर पद से निलंबित करना, ये दरअसल राष्ट्रपति एर्दोआन का राजनीतिक दांव हैतस्वीर: Khalil Hamra/AP/dpa/picture alliance

तुर्की में विपक्षी नेता इकरम इमामोलु को इस्तांबुल के मेयर पद से हटा दिया गया है. आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने "अस्थायी रूप से" इमामोलु को निलंबित करने की घोषणा की. 

इससे पहले रविवार, 23 मार्च को तुर्की की एक अदालत ने इस्तांबुल के मेयर इकरम इमामोलु को हिरासत में रखने का फैसला सुनाया. "तुर्कीये टुडे" की खबर के अनुसार, इस्तांबुल के चीफ पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ऑफिस ने मेयर इमामोलु समेत 92 लोगों की गिरफ्तार का आग्रह किया था.

23 मार्च 2025 की इस तस्वीर में इस्तांबुल के एक मतदान केंद्र पर मेयर इमामोलु की रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी (सीएचपी) द्वारा कराए जा रहे सांकेतिक चुनाव में वोट डालता एक शख्स
रविवार, 23 मार्च को इमामोलु की पार्टी सीएचपी प्राइमरी चुनाव करवा रही हैतस्वीर: Huseyin Aldemir/AP/picture alliance

तुर्की में बवाल: सरकार से इस्तीफे की मांग, सड़कों पर उबाल

अभियोजन पक्ष ने गिरफ्तारी के लिए ये चार आधार दिए थे: एक आपराधिक संगठन बनाना, बिड (या ठेका/टेंडर देने की प्रक्रिया) में गड़बड़ी, रिश्वत लेना और गैरकानूनी तरीके से निजी डेटा हासिल करना. कोर्ट ने भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों में फैसला दिया, "एक वित्तीय जांच के संबंध में यह फैसला लिया गया है कि संदिग्ध इमामोलु को एक आपराधिक संगठन बनाने और उसका नेतृत्व करने, रिश्वत लेने, ऑफिस में अनुचित आचरण करने, गैरकानूनी तरीके से निजी जानकारियां रिकॉर्ड करने और ठेकों में गड़बड़ी से जुड़े आरोपों में हिरासत में रखा जाए."

आतंकवाद संबंधी मामले में मेयर इमामोलु की आधिकारिक गिरफ्तारी को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया. अदालत ने अपने फैसले में कहा, "हालांकि, एक सशस्त्र आतंकवादी संगठन की मदद करने का संदेह मजबूत है, लेकिन फिलहाल इस आरोप पर फैसला लेना जरूरी नहीं समझा गया है क्योंकि वित्तीय अपराधों में पहले ही उन्हें रिमांड में लेकर हिरासत भेज दिया गया है." 

इमामोग्लु की गिरफ्तारी और प्री-ट्रायल डिटेंशन को राजनीतिक विश्लेषक एक राजनीतिक कार्रवाई बता रहे हैं. इसके कारण तुर्की में लोकतंत्र की सेहत और कानून-व्यवस्था व न्यायपालिका की स्वतंत्र भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की में ट्रायल शुरू होने से पहले लंबी अवधि तक हिरासत में रखे जाने के कारण अक्सर बिना मुकदमे के ही आरोपित को सजा काटनी पड़ती है.

22 मार्च 2025 की रात इस्तांबुल में प्रदर्शनकारियों पर पैपर स्प्रे का छिड़काव करती पुलिस
इस्तांबुल के मेयर इमामोलु की गिरफ्तारी के खिलाफ तुर्की में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हो रहे हैंतस्वीर: Francisco Seco/AP/dpa/picture alliance

प्री-ट्रायल डिटेंशन से आशय मुकदमा शुरू होने से पहले और ट्रायल के दौरान आरोपित को हिरासत में लिया जाना है. आमतौर पर इसका इस्तेमाल इसलिए किया जाता है कि आरोपित भाग ना जाए, या सबूतों के साथ छेड़छाड़ ना करे, या न्यायिक प्रक्रिया में अड़ंगा ना लगाए.

इस्तांबुल की एक लॉ फर्म 'याजार' के मुताबिक, तुर्की में प्री-ट्रायल डिटेंशन का फैसला सुनाने के लिए जज को यह तय करना होता है कि आरोपित पर लगे इल्जामों के क्रम में अपराध होने का मजबूत संदेह है. हालांकि, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों या आलोचकों-विरोधियों के खिलाफ इसके इस्तेमाल से जुड़े मामलों में न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर भी  सवाल उठते हैं. 

22 मार्च 2025 की इस तस्वीर में इस्तांबुल की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिसकर्मी पैपर स्प्रे कैन से छिड़काव कर रहे हैं
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, तुर्की के 55 से ज्यादा प्रांतों में प्रोटेस्ट हो रहे हैंतस्वीर: Murad Sezer/REUTERS

     

आतंकवादी संगठन को मदद देने के भी आरोप

इमामोलु के खिलाफ दो अलग-अलग मामले हैं. एक आरोप आतंकवादी संगठन की मदद करने का है. इसके अंतर्गत दावा किया गया है कि नगरपालिका में रोजगार संबंधी गतिविधियों के तहत आतंकवादी संगठन 'कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी' (तुर्की में संक्षिप्त नाम, पीकेके) से ताल्लुक रखने वाले लोगों की भर्ती की गई.

दूसरा, भ्रष्टाचार संबंधी आरोप सार्वजनिक टेंडरों से जुड़ा. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, जांच के क्रम में इमामोलु की कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी 'इमामोलु इंसाट' की संपत्ति भी जब्त की गई है. "तुर्कीये टुडे" के मुताबिक, इन आरोपों के अतिरिक्त पार्टी फंड में गड़बड़ी के भी आरोप सामने आए हैं.

समुचित न्यायिक प्रक्रिया, यानी मुकदमा चलने और फैसला आने से पहले ही अदालत ने इमामोलु को जेल भेजने का फैसला सुना दिया. कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार की जांच के क्रम में इमामोलु के अलावा कम-से-कम 20 अन्य आरोपितों को जेल भेजा गया है.

31 जनवरी 2025 को तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल में कोर्टहाउस के बाहर अपने समर्थकों को संबोधित करते मेयर इमामोलु
इस्तांबुल के मेयर इमामोलु, राष्ट्रपति एर्दोआन के सबसे मजबूत और लोकप्रिय राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैंतस्वीर: Emrah Gurel/AP Photo/picture alliance

इमामोलु ने आरोपों को निराधार बताया

इमामोलु को 19 मार्च की सुबह गिरफ्तार किया गया था. उनसे करीब पांच घंटे तक पूछताछ हुई. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान इमामोलु ने कम-से-कम 70 सवालों के जवाब दिए.

इसके बाद उन्हें इस्तांबुल की एक अदालत में पेश किया गया. इमामोलु ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करते हुए इन्हें "अनैतिक और निराधार" बताया है.

21 मार्च 2025 की यह तस्वीर इस्तांबुल की है, जहां कई विश्वविद्यालय के प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस आंसू गैस बरसा रही है
इमामोलु की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों में विश्वविद्यालय छात्रों की भी बड़ी संख्या हैतस्वीर: Umit Bektas/REUTERS

अपने बयान में उन्होंने कहा, "इस प्रक्रिया ने ना केवल तुर्की की अंतरराष्ट्रीय साख को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि न्याय में लोगों के यकीन और अर्थव्यवस्था में उनके भरोसे को भी तोड़ा है." इमामोलु की पार्टी और देश के मुख्य विपक्षी दल सीएचपी (रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी) ने गिरफ्तारी की निंदा की है और कार्रवाई को राजनीतिक मंशा से प्रेरित बताया है.

20 मार्च 2025 की यह तस्वीर तुर्की की राजधानी अंकारा की है, जहां प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मी आंसू गैस छोड़ रहे हैं
19 मार्च को मेयर इमामोलु की गिरफ्तारी के बाद से ही तुर्की के कई शहरों में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हो रहे हैंतस्वीर: Cagla Gurdogan/REUTERS

इमामोलु की गिरफ्तारी के विरोध में तुर्की के कई शहरों में बवाल मचा है. 22 मार्च को लगातार चौथी रात भारी विरोध प्रदर्शन हुए. कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच टकराव हुआ. खबरों के मुताबिक, ताजा प्रदर्शन बीते एक दशक के दौरान तुर्की में हुआ सबसे भारी विरोध प्रदर्शन है. समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, तुर्की के 55 से ज्यादा प्रांतों में प्रोटेस्ट हो रहे हैं. देश में कुल 81 प्रांत हैं. सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

एर्दोआन को बड़ा झटका, इस्तांबुल का चुनाव जीते इमामोग्लू

इमामोलु की पत्नी ने जनता से की अपील

इस बीच 23 मार्च को सीएचपी का प्राइमरी (उम्मीदवार तय करने की दलीय प्रक्रिया) चुनाव हो रहा है. यह प्रक्रिया सांकेतिक मानी जा रही है क्योंकि इमामोलु अकेले उम्मीदवार हैं. सीएचपी ने लोगों से अपील की है कि मतदान के माध्यम से वो इमामोलु के साथ एकजुटता जताएं.

चुनाव स्थानीय समय के अनुसार सुबह आठ बजे शुरू हुए. 81 शहरों में करीब 5,600 मतदान पेटियां लगाई गई हैं. मतदान पेटियों को "सॉलिडैरिटी बॉक्स" (एकजुटता दिखाने की पेटी) नाम दिया गया है. 

21 मार्च 2025 की यह तस्वीर इस्तांबुल के मशहूर एक्यूडक्ट की है, जहां एक तरफ प्रदर्शनकारी खड़े हैं और दूसरी ओर उनपर आंसू गैस छोड़ते पुलिसकर्मी
तुर्की का सबसे बड़ा शहर इस्तांबुल लंबे समय तक एर्दोआन की राजनीति का गढ़ रहा हैतस्वीर: Umit Turhan Coskun/NurPhoto/picture alliance

सीएचपी ने कहा है कि अब ये मतदान केवल पार्टी के सदस्यों और कार्यकर्ताओं तक सीमित नहीं है, हर कोई भाग ले सकता है. इस क्रम में जनता से अपील करते हुए मेयर की पत्नी दिलेक काया इमामोलु ने सोशल मीडिया पर लिखा, "मैं अपने देश को मतदान पेटी तक आने का आमंत्रण देती हूं. हम राष्ट्रपति इकरम, लोकतंत्र, न्याय और भविष्य को चुनने के लिए वोट डाल रहे हैं."

उन्होंने लिखा, "हम ना डरे हैं, ना कभी हार मानेंगे." आलोचकों के मुताबिक, इमामोलु पर हुई कार्रवाई की वजह यही प्राइमरी है. आरोप है कि राष्ट्रपति रेचेप तैय्पय एर्दोआन ने इमामोलु के रूप में अपने सबसे मजबूत और लोकप्रिय राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को रास्ते से हटाने के लिए यह कदम उठाया है. इमामोलु पर हुई कार्रवाई का समय अहम है. 23 मार्च को प्राइमरी होना था, जहां सीएचपी उन्हें अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना आधिकारिक उम्मीदवार चुनने वाली थी.

21 मार्च 2025 को इस्तांबुल में नौरोज के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाषण देते राष्ट्रपति एर्दोआन
राष्ट्रपति एर्दोआन पर लंबे समय से राजनीतिक निरंकुशता के आरोप लगते रहे हैंतस्वीर: Turkish Presidency/Murat Cetinmuhurdar/Anadolu/picture alliance

इमामोलु से एर्दोआन को मिल रही है सबसे बड़ी राजनीतिक चुनौती?

इस्तांबुल ना केवल तुर्की का सबसे बड़ा शहर है, बल्कि आर्थिक रूप से भी बेहद मजबूत है. देश के कुल इकॉनमिक आउटपुट में एक तिहाई हिस्सेदारी अकेले इस्तांबुल की है. ऐसे में राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में इस्तांबुल की जीत बेहद अहम मानी जाती है. 

ये शहर एर्दोआन की निजी राजनीतिक पहचान की भी जमीन है. वो यहीं पैदा हुए, यहीं बड़े हुए और 1994 में बतौर इस्तांबुल मेयर राष्ट्रीय राजनीति में उनका दाखिला हुआ. इसी पहचान से आगे बढ़ते हुए वह 2003 में देश के प्रधानमंत्री बने और एक दशक बाद साल 2014 में तुर्की के राष्ट्रपति बने. दो दशक से भी अधिक समय तक इस्तांबुल एर्दोआन और उनकी "जस्टिस एंड डिवेलपमेंट पार्टी" (तुर्की भाषा में संक्षिप्त नाम, एके पार्टी) का गढ़ रहा.

मगर, मार्च 2019 में हुए चुनाव में सीएचपी के नेतृत्व में गठित नेशनल अलायंस की ओर से जीतकर इमामोलु इस्तांबुल के मेयर बने. एर्दोआन की पार्टी ने चुनावी अनियमितताओं का आरोप लगाकर इस चुनावी नतीजे को रद्द करने की मांग की. कुछ ही महीनों बाद फिर से नगर निगम का चुनाव हुआ और दोबारा इमामोग्लु जीते.

फिर मार्च 2024 में हुए पिछले स्थानीय चुनावों में भी इस्तांबुल पर सबकी निगाहें थीं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चुनावी विश्लेषणों में कहा जा रहा था कि अगर इमामोलु, एर्दोआन खेमे के उम्मीदवार मुरात कुरुम को हरा देते हैं, तो यह एर्दोवान के लिए बहुत बड़ा झटका होगी. अंतत: चुनाव में इमामोलु को जीत मिली.

इस कामयाबी का अनुवाद केवल इस्तांबुल के राजनीतिक नेतृत्व तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इमामोलु उनके सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी बन गए. उन्हें तुर्की में एर्दोआन-विरोधी ब्लॉक का सबसे लोकप्रिय चेहरा माना जाने लगा. कई राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, विपक्षी चुनौती के रूप में इमामोलु के बढ़ते कद और उनकी राजनीतिक संभावनाओं को लेकर गहराती असुरक्षा ताजा कार्रवाई की वजह हो सकती हैं. 

100 साल में कहां से कहां पहुंचा तुर्की

"काउंसिल ऑफ यूरोप" ने की इमामोलु को रिहा करने की मांग

यूरोप में मानवाधिकार पर काम करने वाले समूह "काउंसिल ऑफ यूरोप" ने भी गिरफ्तारी की निंदा की है. समूह के एक अधिकारी मार्क कूल्स ने समाचार एजेंसी एपी से बात करते हुए कहा, "इस्तांबुल के मेयर इकरम इमामोलु को हिरासत में रखे जाने के फैसले की हम निंदा करते हैं और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग करते हैं."

सोनर चापटाय, वॉशिंगटन इंस्टिट्यूट फॉर नीयर ईस्ट पॉलिसी में तुर्किश रिसर्च प्रोग्राम के निदेशक हैं. उन्होंने एर्दआन पर एक किताब भी लिखी है. इमामोलु की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने एपी से कहा कि एर्दोआन अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के विरुद्ध बहुत सख्त कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा, "इमामोलु के करियर को खत्म करने के लिए जो भी हो, वो कदम उठाने का एर्दोआन ने फैसला कर लिया है." चापटाय ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के हर संभावित मुकाबले में इमामोलु, एर्दोआन को हरा देंगे. 

अंतरराष्ट्रीय माहौल के संदर्भ में चापटाय ने कहा कि एक ओर जहां रूस से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए यूरोपीय संघ (ईयू) तुर्की के साथ अच्छे ताल्लुकात बनाना चाहता है, वहीं अमेरिका को दूसरे देशों के आंतरिक मामलों की परवाह नहीं है. ऐसे में एर्दोआन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी विरोध या आलोचना की फिक्र किए बिना आगे बढ़ने का अवसर मिल गया है. 

एसएम/आरएस (एपी, एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)