जर्मनी ने ट्रंप-पुतिन बैठक पर साधी चुप्पी, सतर्क रुख अपनाया
१६ अगस्त २०२५अलास्का में अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई शिखर वार्ता के बाद जर्मन सरकार ने सतर्क रुख अपनाया है. समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार, चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स को एंकरेज में चल रही घटनाओं की लगातार जानकारी दी जा रही थी और उनकी टीम अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ सक्रिय संपर्क में थी.
बैठक के बाद साझा बयान में ट्रंप ने कहा कि वह यूरोपीय साझीदारों को जल्द ही बैठक की जानकारी देंगे, लेकिन उन्होंने समय नहीं बताया. यह पहली बैठक थी जब 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद दोनों देशों के नेता आमने-सामने बैठे.
युद्धविराम की घोषणा नहीं
लगभग तीन घंटे चली इस बैठक के बाद ट्रंप और पुतिन ने यूक्रेन युद्ध पर कुछ ‘प्रगति' का दावा किया, लेकिन कोई ठोस विवरण नहीं दिया. एंकरेज में संक्षिप्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान युद्धविराम का कोई जिक्र नहीं हुआ. पुतिन ने कहा कि कुछ सहमतियां बनी हैं जो संघर्ष के समाधान की शुरुआत हो सकती हैं, जबकि ट्रंप ने दोहराया कि युद्ध खत्म होना चाहिए और पुतिन भी इस लक्ष्य से सहमत हैं. पुतिन ने यह जरूर कहा कि वह यूक्रेन की सुरक्षा के मुद्दे से सहमत हैं.
पुतिन ने कहा कि मौजूदा समझौते अमेरिका-रूस के ‘व्यावहारिक संबंधों की बहाली' का आधार बन सकते हैं. हालांकि, उन्होंने अपने पुराने रुख को दोहराया कि संघर्ष के ‘मूल कारण' दूर किए बिना स्थायी शांति संभव नहीं है.
पुतिन ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि यूक्रेन और यूरोपीय देश इन सभी बातों को रचनात्मक तरीके से लेंगे और कोई बाधा नहीं पैदा करेंगे. प्रगति को उकसावे या चालबाजियों के जरिए बाधित करने के प्रयास नहीं करेंगे.”
बैठक के दौरान पूर्वी यूक्रेन के कई क्षेत्रों में हवाई हमले के अलर्ट जारी रहे और रूस के रोस्तोव व ब्रियांस्क क्षेत्रों पर यूक्रेनी ड्रोन हमलों की खबरें आईं.
क्या बोले जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को इस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि यूक्रेन ‘अमेरिका पर भरोसा कर रहा है' और युद्ध समाप्त करने के लिए जरूरी कदम रूस को उठाने होंगे. हालांकि उन्होंने दोहराया कि किसी भी परिस्थिति में रूस को यूक्रेन का कोई क्षेत्र औपचारिक रूप से नहीं सौंपा जाएगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा, "जब तक समझौता नहीं हो जाता, तब तक कोई समझौता नहीं होता. कुछ देर में मैं नाटो को फोन करूंगा. अलग-अलग लोगों से बात करूंगा. और बेशक मैं राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात करूंगा और उन्हें आज की बैठक के बारे में बताऊंगा. आखिरकार ये उन पर निर्भर है."
चेक विदेश मंत्री यान लिपाव्स्की ने ट्रंप के प्रयासों की सराहना की, लेकिन पुतिन की मंशा पर संदेह जताया. उनका कहना था कि अगर पुतिन शांति के लिए गंभीर होते, तो बैठक के दिन ही यूक्रेन पर हमले जारी नहीं रखते. बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, विशेष दूत स्टीव विटकॉफ, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और विदेश नीति सलाहकार यूरी यूश्कोव भी शामिल थे.
पुतिन अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा यूक्रेनी बच्चों के जबरन निर्वासन के आरोप में वांछित हैं. उनके लिए यह बैठक पश्चिम की तरफ से अलग-थलग किए जाने की कोशिशों के बावजूद कूटनीतिक मंच पर वापसी का संकेत मानी जा रही है. ट्रंप इस वार्ता को क्षेत्र में शांति लाने और खुद को वैश्विक शांति निर्माता के रूप में स्थापित करने के अवसर के रूप में देख रहे हैं.