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ट्रंप बनाएंगे सर्जियो गोर को भारत में नया राजदूत

ओंकार सिंह जनौटी रॉयटर्स, एएफपी
२४ अगस्त २०२५

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपने बेहद करीबी, सर्जियो गोर को भारत में अगले राजदूत के रूप में नामांकित किया है. यह एलान ऐसे वक्त में किया गया है जब भारत और अमेरिका के संबंध बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं.

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न्यूयॉर्क में ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान सर्जियो गोर
तस्वीर: Evan Vucci/AP Photo/picture alliance

डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एलान किया कि वह, सर्जियो गोर को भारत में अगला राजदूत नामांकित करेंगे. सर्जियो गोर की गिनती उन गिने चुने लोगों में होती है, जिन्हें ट्रंप का बेहद करीबी सहयोगी कहा जाता है. पहले भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में भूमिका और उसके बाद ट्रेड डील में जिद के चलते, ट्रंप भारत पर भारी टैरिफ लगा चुके हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के इन कदमों से वॉशिंगटन और नई दिल्ली के संबंध इस वक्त बेहद बुरे दौर से गुजर रहे हैं.

गोर फिलहाल, अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय, द व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के पर्सनल दफ्तर के डायरेक्टर हैं. ट्रंप ने एलान किया है कि गोर, दक्षिण और मध्य एशिया के मामलों के विशेष दूत भी होंगे.

अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा कि नई नियुक्ति होने तक गोर, अपने वर्तमान पद पर बने रहेंगे. भारत में अगले राजदूत के रूप में गोर की नियुक्ति पर मुहर, अमेरिकी सीनेट को लगानी है.

वॉशिंगटन डीसी में सर्जियो गोर
भारत के राजदूत के साथ साथ दक्षिण व मध्य एशिया के विशेष दूत भी होंगे गोरतस्वीर: Andrew Harnik/Getty Images/AFP

ट्रंप के कितने करीब हैं सर्जियो गोर

ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा, "सर्जियो एक महान दोस्त हैं, जो कई साल से मेरे साथ बने हुए हैं. वह मेरे कई ऐतिहासिक राष्ट्रपति अभियानों में काम कर चुके हैं, मेरी बेस्ट सेलिंग किताबें पब्लिश कर चुके हैं, और हमारे अभियान में मदद करने वाली सबसे बड़ी सुपर पॉलिटकल एक्शन कमेटीज में एक को चला चुके हैं."

आगे ट्रंप ने लिखा, "दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले क्षेत्र में, यह बहुत जरूरी है कि मेरे पास कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिस पर मैं पूरी तरह भरोसा कर सकूं कि वो मेरे एजेंडे को अमल में लाएगा और हमारी मदद करेगा, अमेरिका को फिर से महान बनाने में."

ट्रंप के कदमों से बिखरते भारत-अमेरिका संबंध

बीते ढाई दशक से परवान चढ़ते भारत और अमेरिका के आपसी रिश्तों को ट्रंप के ट्रेड वॉर ने तबाह सा कर दिया है. भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय कारोबार 190 अरब डॉलर प्रतिवर्ष से ज्यादा है. भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. ट्रंप चाहते हैं कि आपसी ट्रेड डील के तहत भारत, अमेरिका को अपने कृषि और डेयरी बाजार तक पहुंचा दे. भारत में करीब 40 फीसदी आबादी कृषि और डेयरी क्षेत्र से जुड़ी है. भारत को लगता है कि सस्ते अमेरिकी एग्रो और डेयरी प्रोजेक्ट उसके घरेलू ताने बाने को बिखेर देंगे. यही वजह है कि नई दिल्ली, इन दोनों क्षेत्रों को डील से बाहर रखना चाहती है.

फरवरी 2025 में वॉशिंगटन में ट्रंप के साथ नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी और डॉनल्ड ट्रंप की करीबी दोस्ती अब नजर नहीं आतीतस्वीर: Nathan Howard/REUTERS

क्या दूध भी नॉन-वेज होता है?

इन मतभेदों के कारण दोनों देशों के बीच तेजी से प्रगति कर रही व्यापार वार्ता फिलहाल ठप है. ट्रेड डील में आई रुकावट के बाद ट्रंप भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं. रूस से कच्चा तेल खरीदने के कारण ट्रंप, 27 अगस्त से भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाने का एलान कर चुके हैं. रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदने वाले चीन पर ट्रंप ने ऐसा कोई टैक्स नहीं लगाया है. चीन और भारत के बाद नाटो का देश तुर्की सबसे ज्यादा रूसी तेल खरीद रहा है, वह भी ऐसे किसी टैरिफ से मुक्त है.

ट्रंप के इन टैरिफों से नई दिल्ली बुरी तरह आहत है. यही वजह है कि 25 से 29 अगस्त तक अमेरिकी अधिकारियों को ट्रेड डील पर बातचीत के लिए नई दिल्ली आना था. लेकिन अब इस दौरे को अचानक रद्द कर दिया गया है. सर्जियो गोर की नियुक्ति का एलान, ट्रंप ने इसी दौरे के रद्द होने के बाद किया है.