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अलास्का बैठक का हासिल क्या, एक और मीटिंग की राह?

स्वाति मिश्रा एपी, डीपीए, रॉयटर्स, एएफपी
१६ अगस्त २०२५

ट्रंप जिस मकसद के साथ पुतिन से बात करने अलास्का गए, वो हासिल नहीं हुआ. जैसा कि अंदेशा था, युद्ध खत्म करने की सहमति नहीं बनी. हां, यह संकेत जरूर मिला कि एक और बैठक हो सकती है जिसमें शायद यूक्रेन को भी जगह मिलेगी.

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15 अगस्त 2025 को अलास्का में द्विपक्षीय बातचीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने मंच पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (तस्वीर में पीछे की ओर) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
अलास्का में प्रस्ताविक बैठक से पहले ट्रंप ने पुतिन को चेताया था. उन्होंने कहा था कि अगर रूस संघर्षविराम नहीं करता है, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. लेकिन बैठक के दौरान और बाद में भी, पुतिन के लिए ट्रंप का रवैया, भाव-भंगिमा और बयान काफी उदार और दोस्ताना दिखा. तस्वीर: Jae C. Hong/AP Photo/dpa/picture alliance

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक बिनी किसी ठोस नतीजे के खत्म हो गई. ट्रंप ने यह तो कहा कि पुतिन के साथ बातचीत में "बड़ी प्रगति" आई, लेकिन कथित प्रगति का उन्होंने कोई ब्योरा नहीं दिया. उन्होंने संकेत दिया कि युद्ध खत्म हो, इसका दारोमदार अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पर है. 

अभी यह स्पष्ट नहीं कि जेलेंस्की से क्या अपेक्षा है? रूस चाहता है कि यूक्रेन उसे अपने कई इलाके सौंप दे. पुतिन स्पष्ट कहते आए हैं कि वह अपनी शर्तों पर युद्ध खत्म करेंगे. उनके इस रुख में कोई तब्दीली आती नहीं दिखी है. उधर, जेलेंस्की यूक्रेनी भूभाग मॉस्को के सुपुर्द करने का विकल्प खारिज कर चुके हैं.

जर्मनी ने ट्रंप-पुतिन बैठक पर साधी चुप्पी, सतर्क रुख अपनाया

ट्रंप और पुतिन की मुलाकात से फिलहाल एक बड़ा संकेत यह मिला है कि एक और बैठक हो सकती है. ट्रंप ने कहा, "हम बहुत जल्द आपसे बात करेंगे और शायद बहुत जल्द आपसे दोबारा मुलाकात होगी." इसपर पुतिन ने कहा, "और अगली बार मॉस्को में." 

15 अगस्त 2025 को अलास्का में हुई बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (तस्वीर में दाहिनी ओर) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन.
ट्रंप और पुतिन, दोनों ने बैठक को सकारात्मक बताया. हालांकि, संघर्षविराम की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं दिखा. ट्रंप ने साफ किया कि इसके लिए और बैठकों की जरूरत है. तस्वीर: Jeenah Moon/REUTERS

जेलेंस्की और यूरोपीय लीडरों को ट्रंप का फोन

वाइट हाउस के अनुसार, बैठक के बाद अलास्का से वॉशिंगटन लौटते हुए ट्रंप ने जेलेंस्की से लंबी बात की. जेलेंस्की ने इसे "लंबी और सार्थक" बातचीत बताया. जेलेंस्की ने लिखा कि शुरू में ट्रंप से उनकी सीधी बात हुई, और बाद में यूरोपीय नेताओं को कॉल में जोड़ा गया.

इस कॉल में जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स, फ्रेंच राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों, ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फिनलैंड के राष्ट्रपति आलेक्जांडर स्टूब, पोलैंड के प्रधानमंत्री करोल नवरोत्स्की, यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन और नाटो प्रमुख मार्क रूटे भी शामिल थे.

फ्रेंच राष्ट्रपति के दफ्तर ने एक बयान जारी कर बताया कि यह बातचीत करीब एक घंटे तक चली. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, जेलेंस्की 18 अगस्त को अमेरिका जाकर ट्रंप से मुलाकात कर सकते हैं.

अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच बैठक खत्म

बैठक के बाद भी यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच त्रिपक्षीय बैठक का समर्थन करता है. एक सोशल पोस्ट में जेलेंस्की ने लिखा, "हम यूक्रेन, अमेरिका और रूस के बीच त्रिपक्षीय बैठक के संबंध में राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं. यूक्रेन इस बात पर जोर देता है कि राष्ट्राध्यक्षों के स्तर पर प्रमुख विषयों पर बात हो सकती है, और तीन पक्षों का यह प्रारूप इसके लिए उपयुक्त है."

यूक्रेन और उसके समर्थक यूरोपीय देशों की इस बैठक में कोई सक्रिय भूमिका नहीं थी. वो बैठक की मेज पर उपस्थित नहीं थे. जेलेंस्की को बैठक में आने का न्योता तक नहीं दिया गया था. ऐसे में एक बड़ी आशंका यह थी कि ट्रंप, यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए यूक्रेनी हितों को कितनी जगह देंगे.

बैठक का हासिल एक और बैठक?

उधर अलास्का में तकरीबन तीन घंटे तक चली बैठक के बाद ट्रंप और पुतिन, दोनों ने एक-दूसरे की काफी तारीफ की. बताया गया था कि दोनों लीडर साथ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. लेकिन इसकी जगह दोनों ने बयान दिए और मीडिया के सवाल लिए बिना ही चले गए.

ट्रंप और पुतिन के लिए बहुत बड़ी चुनौती है समझौता

बाद में फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने आगे की राह के बाबत कहा, "अब यह काम पूरा करने का दायित्व वाकई राष्ट्रपति जेलेंस्की पर है. और, मैं यह भी कहूंगा कि यूरोपीय देशों को भी थोड़ा हिस्सा लेना होगा. लेकिन ये राष्ट्रपति जेलेंस्की पर है, और अगर उन्हें भाए तो मैं उनकी अगली बैठक में मौजूद रहूंगा. वो अब एक मुलाकात तय करने वाले हैं, राष्ट्रपति जेलेंस्की और राष्ट्रपति पुतिन के बीच. और मेरा खयाल है कि मैं भी होऊंगा. मैंने इस बारे में पूछा नहीं है, ऐसा नहीं कि मैं वहां होना चाहता हूं, लेकिन मैं सुनिश्चित करना चाहता हूं कि ये (संघर्षविराम) हो जाए. और इसे पूरा करने की हमारे पास काफी अच्छी संभावनाएं हैं."

खबरों के मुताबिक, ट्रंप ने अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप का लिखा एक खत भी पुतिन को दिया. इसमें यूक्रेन युद्ध के दौरान अगवा किए गए बच्चों का मुद्दा उठाया गया था. एक तरफ जहां संघर्षविराम को लेकर दोनों नेताओं में बात हो रही थी, वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन में युद्ध जारी था.

यूक्रेनी वायु सेना ने बताया कि रातभर में रूस ने यूक्रेन पर 85 ड्रोन छोड़े और एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी.

हालांकि, खबरों के मुताबिक बैठक से पहले के दिनों में रूस के मिसाइल और ड्रोन हमलों में कुछ कमी आई थी. अब आशंका है कि अलास्का में कोई ठोस हासिल ना मिलने के बाद रूस फिर से हमला तेज कर सकता है. 

पुतिन और ट्रंप की मुलाकात के लिए तैयार है अलास्का