एर्दोआन को बड़ा झटका, इस्तांबुल का चुनाव जीते इमामोलु
१ अप्रैल २०२४इकरम इमामोलु एक बार फिर इस्तांबुल के मेयर चुने गए हैं. 2019 के बाद फिर से वह राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन की पार्टी के उम्मीदवार को हराने में कामयाब हुए. उनकी जीत के बाद रविवार को हजारों लोगों ने मशालें जलाकर और तुर्की के झंडे लहराकर शहर की सड़कों पर जश्न मनाया.
31 मार्च को हुए इस्तांबुल के नगर निकाय चुनाव को देश के राजनीतिक भविष्य के रुझान के रूप में देखा जा रहा है. एर्दोआन 2014 से तुर्की के राष्ट्रपति हैं. मई 2023 में हुए आम चुनाव में वह दूसरी बार चुनाव जीते थे और उसके बाद अपने भाषण में उन्होंने इस्तांबुल का ही जिक्र किया था.
एर्दोआन ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा था, "अब हमारे सामने 2024 है. क्या आप 2024 के स्थानीय चुनावों में इस्कुदार और इस्तांबुल जीतने के लिए तैयार हैं?" इस्कुदार, इस्तांबुल का ही एक जिला है और यहीं एर्दोआन का घर भी है.
‘यह तो बस शुरुआत है'
इस्तांबुल में इमामोलु की जीत के बाद जश्न मनाते लोगों में शामिल 19 साल के ईगे एरसोज ने कहा, "तुर्की के लोगों की आंखें खुल गई हैं और उन्होंने ऐसे लोगों के लिए मतदान किया है जो तुर्की की अर्थव्यवस्था, युवाओं की शिक्षा और भविष्य के बारे में सोचते हैं."
उन्होंने इस जीत को एक शुरुआत बताया. राष्ट्रपति एर्दोआन की जस्टिस एंड डिवेलपमेंट पार्टी के बारे में उन्होंने कहा, "यह तो बस शुरुआत है. एकेपी पहली बार इतने बड़े अंतर से हारी है. इंशा अल्लाह, यह आने वाले चुनावों में भी दोहराया जाएगा. हमने इन चुनावों में एकेपी को सबसे बड़ा झटका दिया है. उम्मीद है एकेपी पूरा तुर्की हार जाएगी और उसे सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा."
इस भीड़ ने ‘तुर्की एक धर्मनिरपेक्ष देश है और रहेगा' और ‘एर्दोआन इस्तीफा दें‘ जैसे नारे लगाए. मेयर इमामोलु ने हालांकि अपने भाषण के दौरान उन लोगों को रोका जो एर्दोआन और एकेपी विरोधी नारे लगा रहे थे. उन्होंने कहा, "किसी को बू करने की जरूरत नहीं है. हम इसके बारे में बात करेंगे. इन चुनावों के बाद में हमारे विरोधियों, सरकार और राष्ट्रपति को को जनता के संदेश के बारे में सोच रहा हूं."
लंबे और सघन प्रचार अभियान के बाद अपने बैठे हुए गले से इमामोलु ने कहा, "इस्तांबुल में एक नया युग शुरू हो चुका है. पार्टी के नाम पर पक्षपात नहीं होगा. कल हमारे देश के लिए एक नए बसंत की शुरुआत होगी. हम शांति, लोकतंत्र और एकता की हवा में सांस लेंगे."
एर्दोआन का आखिरी चुनाव
साल 2019 में देश भर में हुआ पिछला स्थानीय चुनाव भी एर्दोआन के लिए निराशाजनक रहा था. उनकी जस्टिस ऐंड डेवलपमेंट पार्टी (एकेपी) देश के तीन सबसे बड़े शहरों- इस्तांबुल, अंकारा और इजमीर में चुनाव हार गई थी. इस्तांबुल देश की राजनीति में बड़ी अहमियत रखता है, जहां करीब डेढ़ करोड़ की आबादी रहती है.
एर्दोआन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत इस्तांबुल से ही की थी. 1994 में वह पूर्व प्रधानमंत्री नेजमेट्टिन एरबाकां की वेलफेयर पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर इस्तांबुल के मेयर चुने गए थे और 1998 तक इस पद पर रहे. 2003 में वह प्रधानमंत्री बने और 2014 में राष्ट्रपति. कई मौकों पर वह खुद कह चुके हैं कि जो इस्तांबुल जीतता है, वही तुर्की को जीतता है.
राष्ट्रपति एर्दोआन के लिए यह चुनाव राजनीतिक विरासत के लिहाज से भी महत्वपूर्ण था. मार्च की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि यह आखिरी चुनाव होगा जिसमें वह शामिल होंगे. 8 मार्च को इस्तांबुल में उन्होंने कहा, "कानूनन यह मेरा आखिरी चुनाव होगा." तुर्की के संविधान में एक व्यक्ति अधिकतम पांच-पांच साल के दो कार्यकाल तक ही राष्ट्रपति रह सकता है.
उन्होंने साफ कहा कि इस्तांबुल चुनाव के नतीजे राजनीतिक उत्तराधिकारी चुनने की उनकी योजना तय करेंगे. उन्होंने कहा, "इस चुनाव का जो नतीजा आएगा, वह मेरे बाद आने वाले भाइयों के लिए विरासत का हस्तांतरण होगा."
इस मामले में इमामोलु विपक्ष के लिए एर्दोआन का विकल्प बनकर उभरे हैं. पहले से ही यह कहा जा रहा था कि इमामोलु चुनाव जीत जाते हैं, तो वह 2028 के राष्ट्रपति चुनाव में खड़े हो सकते हैं. यह जीत उनकी संभावनाएं बढ़ा देगी.
वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)