देखने में बेहद खूबसूरत, मौसम के अलग-अलग रंगों में ढलने वाला चिनार बस एक पेड़ नहीं है. ये गर्मियों की तपिश कम करता है, पक्षियों को रहने की जगह देता है, मिट्टी को मजबूती से पकड़कर उन्हें बहने से रोकता है. लेकिन अब कश्मीर में चिनार के पेड़ों की गिनती घटती जा रही है. क्या चिनार लगाने और उनकी जियोटैगिंग करने की कोशिश इन पेड़ों की हिफाजत कर पाएगी?