12 ग्रैमी जीतने वाली "क्वीन ऑफ रॉक एंड रोल" टीना टर्नर नहीं रहीं
रंगभेद और पारिवारिक हिंसा को चुनौती देकर दुनियाभर में खुद के लिए अलग मुकाम खड़ा करने वालीं टीना टर्नर का देहांत हो गया. वह 83 साल की थीं. करीब 50 साल लंबे करियर में उनके अल्बमों की करीब 20 करोड़ कॉपियां बिकीं.
स्विट्जरलैंड में बीते आखिरी पल
"क्वीन ऑफ रॉक एंड रोल" कही जाने वालीं मशहूर गायिका टीना टर्नर दुनिया से चली गईं. टीना 83 साल की थीं. जीवन के आखिरी सालों में वह काफी बीमार रहीं. उन्हें स्ट्रोक आया था. कैंसर हुआ और फिर 2017 में उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ. वह कई साल तक डायलेसिस पर निर्भर थीं.
रंगभेद सहते हुए बड़ी हुईं
टीना 1939 में पैदा हुई थीं. उनका असली नाम था, अना मेई बुलक. उनके पिता टेनसी में एक कपास फार्म में ओवरसियर थे. ये वो दौर था, जब अमेरिका में लोगों को नस्ली आधार पर अलग रखा जाता था. बचपन में किसी श्वेत व्यक्ति से बात करते हुए अना को नजरें झुकानी पड़ती थीं.
गाने की शुरुआत चर्च क्वायर से
अना शहर के छोटे से चर्च क्वायर में गाती थीं. 1955 में जब वह 16 साल की थीं, तो सेंट लुइस चली आईं. यहां एक क्लब में उनकी मुलाकात संगीतकार आइके टर्नर से हुई. वो आइके के बैंड "किंग ऑफ रिद्म" में बैकग्राउंड सिंगर बन गईं. आइके ने अना को नया नाम दिया, टीना टर्नर. आइके ने इस नाम को ट्रेडमार्क भी करवा लिया.
21 साल की उम्र में पहला हिट
1960 में "अ फूल इन लव" गाने की रिकॉर्डिंग पर जब बैंड के लीड सिंगर आर्ट लैसिटर नहीं पहुंचे, तो आइके ने अना से ये गाना गवाया. गाना बहुत हिट हुआ. जल्द ही म्यूजिकल टूर शुरू हुए. टीना के लाइव परफॉर्मेंस, इसमें उनकी ऊर्जा और जोश को लोगों ने बड़ा पसंद किया. वह सनसनी बन गईं.
अपनी जिंदगी, अपने हाथ
1962 में आइके और टीना ने शादी कर ली. बाद में अपनी आत्मकथा में टीना ने लिखा कि उनकी शादी नरक जैसी थी. आइके बार-बार उनसे बेवफाई करते थे, हिंसा करते थे. कई साल तक शादी में प्रताड़ित होते रहने के बाद आखिरकार 1976 में एक दिन टीना अपना चोटिल चेहरा और जेब में बस 36 सेंट लेकर होटल से भाग गईं. वह दोबारा कभी आइके के पास नहीं लौटीं.
"टीना टर्नर" पर सिर्फ अना का हक
1978 में जब उन्हें आइके से तलाक मिला, तो टीना ने अपनी जॉइंट प्रॉपर्टी और बाकी तमाम चीजें छोड़ दीं. वह बस दो कार और अपने स्टेज नाम "टीना टर्नर" का कानूनी हक लेकर नए सफर पर निकल पड़ीं. नई पारी के शुरुआती दिन मुश्किल रहे, लेकिन फिर 1984 में "प्राइवेट डांसर" अल्बम के साथ टीना ने धमाकेदार वापसी की.
लाइमलाइट से दूर
लाइव शो और कार्यक्रमों के कारण वह इतनी व्यस्त रहती थीं कि तकरीबन हर रात कभी बस, तो कभी प्लेन, कभी कार, तो कभी होटल में बिताती थीं. 69 की उम्र में उन्होंने लाइमलाइट से दूर जाने का फैसला किया. उन्होंने कहा, "मेरे लिए बस वही जिंदगी थी. और फिर एक वक्त आया, जब मैं और नाचना-गाना नहीं चाहती थी. मैं घर पर रहना चाहती थी, नॉर्मल रहना चाहती थी."
आखिरी जीवन बुद्ध की शरण में
करीब 50 साल लंबे करियर में टीना को 12 ग्रैमी अवॉर्ड मिले. उनके अल्बमों की करीब 20 करोड़ कॉपियां बिकीं. उनका बौद्ध धर्म की ओर झुकाव रहा. उनके मुताबिक, बौद्ध धर्म ने उनके जीवन पर बड़ा सकारात्मक असर डाला. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, "मैं ईश्वर और शैतान में यकीन नहीं करती. मैं नहीं मानती कि कोई है जो आपको बताता है कि आपने क्या सही किया, क्या गलत किया." टीना कहती थीं कि उन्हें मौत से डर नहीं लगता.