अमेरिका में महिला ने सुअर की किडनी के साथ नया रिकॉर्ड बनाया
२७ जनवरी २०२५अमेरिका के अलाबामा की टुवाना लूनी ने चिकित्सा जगत में इतिहास रच दिया है. 53 साल की लूनी सुअर की किडनी के साथ सबसे लंबे समय तक स्वस्थ रहने वाली इंसान बन गई हैं. नवंबर 2024 में ट्रांसप्लांट के बाद, लूनी 61 दिनों से इस किडनी के साथ जी रही हैं. उनकी सेहत अच्छी है, और वह पूरी ऊर्जा के साथ जीवन जी रही हैं.
लूनी ने हंसते हुए कहा, "मैं सुपरवुमन हूं."
न्यूयॉर्क की सड़कों पर वह अपने परिवार से तेज चलती हैं. यह सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट से जुड़े वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के लिए एक बड़ी उम्मीद बन गई है.
सिर्फ अमेरिका में एक लाख से ज्यादा लोग ऑर्गन ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं. इनमें से 90 हजार से ज्यादा को किडनी की जरूरत है. हर साल हजारों लोग इंतजार करते-करते अपनी जान गंवा देते हैं.
डॉक्टर अब सुअरों को जेनेटिकली मॉडिफाई कर रहे हैं ताकि उनके अंग इंसानों के शरीर से मेल खा सकें. इस प्रक्रिया को "जीनोट्रांसप्लांटेशन" कहते हैं. इससे अंगों की कमी को पूरा करने की कोशिश हो रही है.
टुवाना लूनी की कहानी
टुवाना लूनी की जिंदगी आसान नहीं रही है. 1999 में उन्होंने अपनी मां को अपनी एक किडनी दान की थी. लेकिन कुछ साल बाद, प्रेग्नेंसी के दौरान हुए हाई ब्लड प्रेशर ने उनकी दूसरी किडनी को नुकसान पहुंचा दिया.
2016 में उनकी किडनी ने पूरी तरह काम करना बंद कर दिया. आठ साल तक उन्होंने डायलिसिस पर गुजारा किया. हालांकि, वह ऑर्गन डोनर लिस्ट में प्राथमिकता में थीं, लेकिन उनका शरीर किसी भी इंसानी किडनी को अस्वीकार कर देता.
आखिरकार, उन्होंने सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए आवेदन किया. 25 नवंबर 2024 को न्यूयॉर्क के एनवाईयू लैंगोन अस्पताल में डॉ. रॉबर्ट मोंटगोमरी की टीम ने उनका सात घंटे लंबा ऑपरेशन किया.
यहां पलते हैं मरीजों की जान बचाने वाले सूअर
कैसा रहा ऑपरेशन और रिकवरी?
टुवाना लूनी की किडनी वर्जीनिया में बायोटेक कंपनी रेविविकोर द्वारा तैयार की गई थी. सुअर की इस किडनी में 10 जेनेटिक बदलाव किए गए ताकि यह इंसान के शरीर में बेहतर तरीके से काम कर सके.
ऑपरेशन के 11 दिन बाद, लूनी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. वह न्यूयॉर्क के एक अपार्टमेंट में रहती हैं, जहां उनकी नियमित जांच होती है. डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी किडनी पूरी तरह सामान्य तरीके से काम कर रही है.
लूनी से पहले दो और लोगों को सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी, लेकिन वे ज्यादा समय तक नहीं जी सके. रिक स्लेमन सबसे पहले मरीज थेजिनकी दो महीने बाद मौत हो गई. दूसरी मरजी लीसा पिसानो थीं, जो ट्रांसप्लांट के 47 दिन बाद चल बसीं.
डॉ. मोंटगोमरी ने बताया कि इन मामलों से उन्होंने बहुत कुछ सीखा. इस बार उन्होंने शुरुआती रिजेक्शन के संकेतों को पहचाना और तुरंत इलाज शुरू किया.
2023 में, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी अस्पताल ने एक मृत व्यक्ति के शरीर में सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट की थी. वह किडनी 61 दिन तक ठीक से काम करती रही. उसी अनुभव ने टुवाना लूनी के इलाज में मदद की.
आगे की चुनौतियां
लूनी की किडनी अभी अच्छा काम कर रही है, लेकिन यह कब तक चलेगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. डॉक्टर उनकी सेहत पर लगातार नजर रख रहे हैं. ज़ीनोट्रांसप्लांटेशन अभी भी शुरुआती दौर में है. वैज्ञानिक इसे सुरक्षित और लंबे समय तक टिकाऊ बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के डॉक्टर तात्सुओ कवई कहते हैं, "हमें एक-दूसरे से सीखना होगा." कवई ने ही 2021 में पहला सुअर किडनी ट्रांसप्लांट किया था.
लूनी अब दूसरों को इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक कर रही हैं. सोशल मीडिया के जरिए वह उन लोगों से जुड़ रही हैं, जो ट्रांसप्लांट के लिए सोच रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं लोगों की मदद करना चाहती हूं. मैं जानकारी का जरिया बनना चाहती हूं ताकि वैज्ञानिक दूसरों की मदद कर सकें."
लूनी के लिए यह ट्रांसप्लांट सिर्फ मेडिकल सफलता नहीं है. यह उनके लिए जिंदगी का दूसरा मौका है. डायलिसिस से आजादी पाने के बाद वह डिज्नी वर्ल्ड जाने और अपनी पसंदीदा काम करने का सपना देख रही हैं.
वीके/एनआर (रॉयटर्स, एपी)