सस्ते मकान, खतरे में जान
मुंबई का वर्ली इलाका अपनी आलीशान कोठियों और इमारतों के लिए जाना जाता है. लेकिन इलाके के ठीक बीचो बीच खड़ी है एक जर्जर सरकारी बिल्डिंग, जिसमें 600 लोग भारी जोखिम में गुजर बसर कर रहे हैं.
एक तरफ लग्जरी, एक तरफ बदहाली
वर्ली डेरी क्वॉर्टर्स की यह जर्जर बिल्डिंग लग्जरी इमारतों से घिरी हुई है. मुंबई आबादी के लिहाज से भारत का सबसे ज्यादा घनत्व वाला मेट्रो शहर है. यहां रियल एस्टेट के दाम भी देश में सबसे ज्यादा हैं.
जर्जर बिल्डिंग
यह जर्जर बिल्डिंग राज्य सरकार की है और यहां रहने वाले अधिकांश मध्यम वर्गीय सरकारी अधिकारियों के परिवार रहते हैं. कोई मकान छोटा है तो कोई उससे थोड़ा बड़ा. सभी परिवार हर महीने राज्य सरकार को किराए में 8,000 से 13,000 रुपये तक देते हैं.
मकान आपका, जोखिम भी आपका
घरों के बाहर खेल रहे बच्चों को बहुत सावधान रहना पड़ता है. गलियारों की रेलिंग टूटी हुई हैं और उनमें जंग लगी हुई है. यहां बीते पांच सालों से अपने परिवार के साथ रह रहे सरकारी अधिकारी अनिल आईवले कहते हैं, "यहां कुछ भी गिर सकता है, खासकर मानसून के दौरान."
खतरनाक है लेकिन सस्ता है
समुद्र सामने होने के कारण इस इमारत के कई फ्लैटों की दीवारें और दरवाजे सीले हुए और फफूंद युक्त हैं. एक निवासी ने बताया कि पूरी चौथी मंजिल को गिरा दिया जाना है. उन्होंने कहा, "यह खतरनाक है, विशेष रूप से माता-पिता और बच्चों के लिए, लेकिन मेरे लिए और मुंबई में किसी भी मध्यम वर्गीय परिवार के लिए एक नया मकान खरीदना संभव नहीं है. यह बहुत महंगा है."
यहां से जाना भी नहीं चाहते
यहां के सभी निवासी वर्ली डेरी के कर्मचारी हैं. सरकार ने उन्हें मुंबई की बाहरी उप-बस्तियों में बसाने का ऑफर दिया है, लेकिन वहां रहने से उनके आने जाने का समय बहुत बढ़ जाएगा. कई खतरों के बावजूद, कई निवासियों ने यहीं रहने का निश्चय किया हुआ है.
किफायती मकानों की कमी
अनिल आईवले कहते हैं, "किफायती मकानों की कमी की वजह से लोग खतरों से भरी हुई इमारतों में रहते हैं. " वो जितना किराया भरते हैं उसमें शहर के बाहर की तरफ तो मकान मिल जाएगा, लेकिन वर्ली के आस पास इतने पैसों में सिर्फ झुग्गियों में ही रहा जा सकता है.
मुंबई में अफोर्डेबल मकान
इतने खस्ता हाल के बावजूद यह बिल्डिंग मुंबई के सबसे एक्सक्लूसिव इलाकों में से एक में खड़ी है. आईवले कहते हैं, "इस बिल्डिंग की लोकेशन जबरदस्त है, इससे मुझे काम पर जाने की बड़ी सुविधा है. मुंबई जैसे शहर में अफोर्डेबल मकान ढूंढना असंभव है." (यूली हुएनकेन और रॉयटर्स)