भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए
प्रकाशित २४ जुलाई २०२५आखिरी अपडेट २४ जुलाई २०२५"हम अपने पत्रकारों को मरते हुए नहीं देखना चाहते": अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह
गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी, एपी और रॉयटर्स के साथ-साथ कई मीडिया समूहों ने इस्राएल से गाजा में पत्रकारों को आने-जाने की अनुमति देने का आग्रह किया है, जिन्हें अभी कड़ी नाकेबंदी का सामना करना पड़ रहा है.
मीडिया समूहों ने एक संयुक्त बयान में कहा, "हम गाजा में अपने पत्रकारों के लिए बुरी तरह से चिंतित हैं, जो खुद और अपने परिवारों का पेट भरने में असमर्थ होते जा रहे हैं. पत्रकार युद्ध के इलाकों में कई अभावों और कठिनाइयों को सहन करते हैं. हम चिंतित हैं कि अब भुखमरी का खतरा भी उनमें से एक है."
गाजा में 20 लाख से ज्यादा फलिस्तीनी नागरिकों की दुर्दशा पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना बढ़ रही है, जहां 100 से ज्यादा सहायता और मानवाधिकार समूहों ने चेतावनी दी है कि बड़े पैमाने पर भुखमरी फैल रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने बुधवार को गाजा में व्यापक भुखमरी की चेतावनी देते हुए कहा कि क्षेत्र में खाद्य आपूर्ति, जनसंख्या के जीवित रहने के लिए आवश्यक से बहुत कम है.
अमेरिकी कंपनियों द्वारा भारत में कर्मचारी भर्ती करने पर ट्रंप ने जताई नाराजगी
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गूगल, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसे दिग्गज कंपनियों द्वारा भारत में कर्मचारियों की भर्ती करने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने बुधवार को वॉशिंगटन में आयोजित एक एआई सम्मेलन में कहा, “बहुत लंबे समय तक, हमारे अधिकांश तकनीकी उद्योग ने कट्टरपंथी वैश्वीकरण को अपनाया है, जिससे लाखों अमेरिकी नागरिकों को अविश्वास और विश्वासघात का अनुभव हुआ है.”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी कई बड़ी तकनीकी कंपनियों ने चीन में अपनी फैक्ट्रियां बनाते हुए, भारत में कर्मचारियों की भर्ती करते हुए और आयरलैंड के जरिए अपने मुनाफों को कम दिखाते हुए अमेरिकी स्वतंत्रता का लाभ उठाया है…इस दौरान उन्होंने यहां अपने घर (अमेरिका) में साथी नागरिकों को खारिज किया है यहां तक कि उन्हें सेंसर भी किया है.”
उन्होंने कंपनियों से कहा कि हम चाहते हैं कि आप अमेरिका को सबसे पहले रखें और आपको ऐसा करना होगा. उन्होंने आगे कहा कि मेटा, अमेजन, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट इस साल एआई से जुड़े बुनियादी ढांचे और डेटा सेंटरों में 320 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश करेंगी. इसके अलावा, “एनवीडिया ने अगले चार सालों में 500 अरब डॉलर का निवेश करने का संकल्प लिया है.”
अफगानिस्तान लौटे लोगों के खिलाफ 'मानवाधिकारों का उल्लंघन' कर रहा है तालिबान: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को कहा कि तालिबान अधिकारी उन अफगानों के खिलाफ मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं, जिन्हें ईरान और पाकिस्तान से वापस लौटने के लिए मजबूर किया गया है. इन उल्लंघनों में यातना, मनमानी गिरफ्तारी और हिरासत शामिल हैं. अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट 49 लौटे हुए अफगानों के साक्षात्कार पर आधारित थी.
ईरान और पाकिस्तान द्वारा शुरू किए गए बड़े निर्वासन अभियानों ने लाखों अफगानों को अफगानिस्तान लौटने के लिए मजबूर किया है, जिसमें इस साल लौटे 19 लाख से ज्यादा लोग शामिल हैं. यूएनएचसीआर के अनुमान के अनुसार, 2025 में 30 लाख लोग अफगानिस्तान लौट सकते हैं.
यूएनएचसीआर ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि अकेले ईरान से 15 लाख से ज्यादा लोग लौटे हैं, जिनमें से पांच लाख लोग 13 जून से अब तक निर्वासित किए गए हैं. पाकिस्तान से 1 जनवरी से अब तक तीन लाख से ज्यादा अफगान लौटे हैं. जर्मनी ने इस बीच पिछले हफ्ते 81 अफगान नागरिकों को निर्वासित किया और संयुक्त राज्य अमेरिका ने घोषणा की है कि वह हजारों अफगानों के लिए अस्थायी संरक्षण की स्थिति को रद्द कर देगा.
भारत की शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख महिला विश्व कप के फाइनल में पहुंची
भारत की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख फीडे महिला विश्व कप के फाइनल में पहुंच गई हैं. जॉर्जिया में हो रही प्रतियोगिता में उन्होंने चीनी खिलाड़ी थान चोंग्यी को हराया, जो पूर्व महिला वर्ल्ड चैंपियन भी हैं. नागपुर से आने वालीं 19 साल की दिव्या इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला भी बन गई हैं.
दिव्या ने इस जीत के जरिए फीडे वुमंस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी अपना स्थान पक्का कर लिया है. दिव्या ने इसके साथ ही ग्रैंडमास्टर नॉर्म भी हासिल कर लिया है, जो उनके ग्रैंडमास्टर टाइटल हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. दिव्या फिलहाल इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) हैं. विश्वकप फाइनल मुकाबले में जीत हासिल करने पर वे ग्रैंडमास्टर (जीएम) बन जाएंगी.
भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए
भारत और ब्रिटेन ने गुरुवार को लंबे इंतजार के बाद मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए. भारतीय प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर की मौजूदगी में एफटीए पर हस्ताक्षर हुए. इस समझौते के बाद दोनों देशों को एक-दूसरे के बाजार में बेहतर पहुंच मिलेगी. भारत और ब्रिटेन 2030 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को 120 अरब डॉलर तक ले जाना चाहते हैं.
इस व्यापार समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात पर शुल्क खत्म करना या उसे हटाना है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर ने कहा है कि इस समझौते से दोनों देशों को "बहुत लाभ" होगा, इससे व्यापार सस्ता, तेज और आसान हो जाएगा. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह यात्रा “हमारे देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी.”
ब्रिटिश सरकार ने गुरुवार को कहा कि समझौते के बाद ब्रिटिश उत्पादों पर भारत के औसत टैरिफ 15 फीसदी से कम होकर तीन फीसदी पर आ जाएंगे. बयान में आगे कहा गया कि ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारतीय बाजार में सामान बेचना आसान हो जाएगा, चाहे वह सॉफ्ट ड्रिंक हो, व्हिस्की हो, कॉस्मेटिक सामान हो, मेडिकल उपकरण हो या बड़ी गाड़ियां हों.
भारत के वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, ब्रिटेन को होने वाले 99 फीसदी भारतीय निर्यात को इस समझौते से फायदा मिलेगा. भारतीय कपड़ों, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों को ब्रिटिश बाजार में बेहतर पहुंच मिलेगी. समझौते के बाद, अगले 2-3 वर्षों में ब्रिटेन को भारत का रत्न एवं आभूषण निर्यात दोगुना होने की भी उम्मीद है.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी ने अमेरिकी यूट्यूबर के खिलाफ दायर किया मुकदमा
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों और उनकी पत्नी ब्रिगिट ने अमेरिकी यूट्यूबर कैंडेस ओवेन्स के उस दावे के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि फ्रांस की फर्स्ट लेडी एक पुरुष के रूप में पैदा हुई थीं. माक्रों और उनकी पत्नी ने ओवेन्स पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है.
कोर्ट में दायर शिकायत में माक्रों ने आरोप लगाया गया है कि ओवेन्स ने यह झूठा दावा किया है कि उनकी पत्नी ब्रिगिट माक्रों का जन्म जीन-मिशेल ट्रोग्नेक्स (जो वास्तव में उनके बड़े भाई का नाम है) नाम के एक पुरुष के रूप में हुआ था और उन्होंने एक और व्यक्ति की पहचान चुराई थी और बाद में ब्रिगिट बन गईं.
माक्रों ने कहा कि ओवेन्स से बार-बार अनुरोध किया गया था कि वे अपने झूठे और मानहानिकारक बयानों को वापस ले लें लेकिन ओवेन्स ने उन्हें अनदेखा कर दिया. इसके बाद उन्होंने 218 पन्नों की शिकायत दर्ज कराई है. ओवेन्स ने अपनी आठ-भाग वाली यूट्यूब और पॉडकास्ट श्रंखला में यह भी दावा किया था कि माक्रों को सीआईए-संचालित माइंड कंट्रोल प्रोग्राम के हिस्से के रूप में फ्रांस के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था.
अनिल अंबानी से जुड़े ठिकानों पर ईडी ने क्यों की छापेमारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की. न्यूज एजेंसी एएनआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया, एजेंसी ने रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप (आरएएजीए) कंपनियों के खिलाफमनी लॉन्ड्रिंग मामले से कथित तौर पर जुड़े 35 ठिकानों, 50 कंपनियों और 25 से ज्यादा लोगों के यहां बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया.
मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने एएनआई को बताया, “ईडी की शुरुआती जांच में बैंकों, शेयरधारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को धोखा देकर जनता के पैसे को इधर-उधर करने की एक सुनियोजित और सोची-समझी योजना का पता चला है. बैंक लिमिटेड के प्रमोटर सहित बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने का अपराध भी जांच के दायरे में है.”
शुरुआती जांच के मुताबिक, साल 2017-19 के दौरान यस बैंक से करीब 3,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया था और फिर उसे नियमों के खिलाफ जाकर अन्य जगहों पर भेज दिया गया. अधिकारियों के मुताबिक, कर्ज की शर्तों का उल्लंघन करते हुए, उधार ली गई धनराशि को विभिन्न समूह कंपनियों और फर्जी कंपनियों को भेज दिया गया था. ईडी इसकी जांच भी कर रही है कि क्या यह कर्ज पाने के लिए बैंक अधिकारियों को रिश्वत दी गई थी.
भारत ने बंगाली भाषी मुस्लिमों को जबरन बांग्लादेश भेजा: ह्यूमन राइट्स वॉच
मानवाधिकारों की वकालत करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) की एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत से सैकड़ों बंगाली भाषी मुस्लिमों को पड़ोसी देश बांग्लादेश में जबरन धकेला गया है. संगठन की एशिया निदेशक एलेन पियर्सन ने कहा, "भारत की सत्तारूढ़ सरकार मनमाने ढंग से बंगाली मुस्लिमों को देश से बाहर निकालकर भेदभाव को बढ़ावा दे रही है, जिनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं."
24 जुलाई को प्रकाशित हुई रिपोर्ट में एचआरडब्ल्यू ने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने सैकड़ों बंगाली भाषी मुस्लिमों को अवैध रूप से बांग्लादेश में धकेल दिया है. रिपोर्ट में बीजेपी सरकार पर राजनीतिक लाभ के लिए मुस्लिमों को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया है. एचआरडब्ल्यू ने बांग्लादेशी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि 7 मई से 15 जून के बीच कम से कम 1,500 मुस्लिम पुरुष, महिलाएं और बच्चे सीमा पार निर्वासित किए गए, जिनमें से कुछ को पीटा गया और उनके भारतीय पहचान पत्र नष्ट कर दिए गए.
यूरोपीय संघ और चीन ने 50 साल के राजनयिक संबंधों का जश्न मनाया
यूरोपीय संघ (ईयू) और चीन 24 जुलाई को अपने द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. इस अवसर पर यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लाएन और यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष अंटोनियो कोस्टा ने बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, प्रधानमंत्री ली कियांग और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात की.
चीन और यूरोपीय संघ एक-दूसरे के दूसरे सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार हैं. हालांकि, दोनों पक्ष बाजार पहुंच, औद्योगिक नीतियों और यूक्रेन में रूस के युद्ध जैसे कई मुद्दों पर असहमत हैं. बेल्जियम ने गुरुवार की बातचीत को "अपने संबंधों के सभी पहलुओं पर विस्तृत, स्पष्ट और ठोस कार्यों के लिए एक स्पष्ट अवसर" के रूप में पेश किया है. बीजिंग ने इस हफ्ते कहा था कि ब्लॉक के साथ संबंध एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं, क्योंकि चीन और यूरोपीय संघ दोनों एक आक्रामक अमेरिकी व्यापार रणनीति से जूझ रहे हैं.
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लाएन ने बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान कहा कि यूरोपीय संघ और चीन के संबंध एक नए मोड़ पर पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे हमारा सहयोग गहरा हुआ है, वैसे-वैसे असंतुलन भी बढ़ा है. हम एक नए मोड़ पर पहुंच गए हैं."
पिछले साल चीन के साथ यूरोपीय संघ का व्यापार घाटा ऐतिहासिक 306 अरब यूरो तक पहुंच गया था. यह व्यापार असंतुलन यूरोपीय संघ की प्रमुख चिंताओं में से एक है. यूरोपीय आयोग ने चीनी राज्य सब्सिडी, बाजार पहुंच प्रतिबंधों और यूरोपीय उद्योगों, विशेष रूप से हरित प्रौद्योगिकी और ऑटोमोटिव क्षेत्रों को प्रभावित करने वाली निर्यात प्रथाओं पर बार-बार चिंता जताई है.
यूक्रेन में रूस के युद्ध को लेकर भी दोनों पक्षों के बीच महत्वपूर्ण मतभेद हैं. सार्वजनिक रूप से, बीजिंग ने खुद को एक तटस्थ पक्ष के रूप में प्रस्तुत किया है, लेकिन यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने चीन पर मॉस्को का साथ देने और रूस के युद्ध प्रयासों में चीनी उत्पादों का उपयोग करने देने का आरोप लगाया है.
जर्मनी: प्रवासियों को वापस भेजने के लिए 'डिपोर्टेशन टर्मिनल' बनाने की तैयारी
जर्मनी का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट म्यूनिख कथित तौर पर एक विशेष डिपोर्टेशन टर्मिनल बनाने की योजना बना रहा है, जिसमें पुलिस उन प्रवासियों को वापस भेजने की प्रक्रिया पूरी करेगी जिन्हें निर्वासित किया जाना है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक दस्तावेज का हवाला देते हुए यह खबर प्रकाशित की है.
म्यूनिख एयरपोर्ट पर बनाया जाने वाला यह तथाकथित 'डिपोर्टेशन टर्मिनल' लगभग 60 मीटर लंबा होगा और दो मंजिल में फैला होगा. यहां से हर दिन करीब आने-जाने वाली 100 उड़ानों को संभाला जा सकेगा, जिसमें 50 व्यक्तिगत और चार्टर उड़ानें भी शामिल होंगी.
ऐसी उम्मीद है कि यह नया टर्मिनल 2028 तक तैयार हो जाएगा. दस्तावेज के अनुसार, इस केंद्र में एक मुख्य चेक-इन काउंटर भी होगा. इसका मकसद लोगों को उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से व्यवस्थित करना है, ताकि यह काम आसानी से और कुशलता से हो सके.
49 यात्रियों को लेकर जा रहा रूसी विमान क्रैश हुआ
रूस के पूर्वी हिस्से में 49 यात्रियों को लेकर जा रहा एक यात्री विमान गुरुवार को क्रैश हो गया. न्यूज एजेंसी डीपीए ने अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है. रूस के नागरिक सुरक्षा मंत्रालय के मुताबिक, क्रैश हुए विमान का मलबा मिल चुका है. हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि हादसे में कोई जीवित बचा है या नहीं.
गवर्नर के मुताबिक, अंतोनफ एन-24 विमान 49 यात्रियों को लेकर तिंदा शहर जा रहा था. यात्रा के दौरान विमान रडार से गायब हो गया. मंत्रालय के मुताबिक, तिंदा से करीब 15 किलोमीटर दूर विमान का मलबा मिला है. एक रेस्क्यू हेलिकॉप्टर ने विमान के जलते हुए मलबे की पहचान की. नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने बताया है कि बचावकर्मियों को घटनास्थल पर भेजा जा रहा है.
मुंबई ट्रेन धमाकों पर हाईकोर्ट के फैसले को नहीं माना जाएगा मिसाल
मुंबई की लोकल ट्रेनों में जुलाई, 2006 में हुए बम धमाकों के 12 आरोपियों को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था. महाराष्ट्र सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार, 24 जुलाई को इस मामले में नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर आंशिक रूप से रोक लगा दी. हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले में बरी हुए आरोपियों को वापस जेल नहीं जाना होगा.
कानूनी मामलों की वेबसाइट लाइव लॉ के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि वे हाईकोर्ट के फैसले के बाद जेल से छोड़े गए आरोपियों को आत्मसमर्पण करने का निर्देश देने की मांग नहीं कर रहे. हालांकि, उन्होंने फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि फैसले में की गई कुछ टिप्पणियां मकोका के तहत लंबित अन्य मुकदमों को प्रभावित कर सकती हैं.
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एनके सिंह ने आदेश में कहा, “हमें बताया गया है कि सभी प्रतिवादियों को रिहा कर दिया गया है और उन्हें वापस जेल भेजने का कोई सवाल ही नहीं है.” कोर्ट ने आगे कहा कि सॉलिसिटर जनरल द्वारा दिए गए तर्क को ध्यान में रखते हुए, हम यह मानने के लिए इच्छुक हैं कि हाईकोर्ट के फैसले को एक मिसाल नहीं माना जाएगा और इस सीमा तक, उस फैसले पर रोक लगाई जाती है.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी ट्रंप प्रशासन के साथ समझौते में करेगी 22.1 करोड़ डॉलर का भुगतान
कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने बुधवार को घोषणा की कि उसने संघीय सरकार के साथ एक समझौते के तहत 22.1 करोड़ डॉलर का भुगतान करने पर सहमति जताई है, ताकि कॉलेज परिसर में चल रही जांचों का निपटारा किया जा सके और संघीय धन की बहाली की जा सके.
इस समझौते में यहूदी-विरोध की जांचों को निपटाने के लिए तीन साल में 20 करोड़ डॉलर का भुगतान और अमेरिकी समान रोजगार अवसर आयोग (ईईओसी) को 2.1 करोड़ डॉलर का भुगतान शामिल है. यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा, "महत्वपूर्ण रूप से यह समझौता संकाय भर्ती, प्रवेश और अकादमिक निर्णय लेने पर कोलंबिया की स्वायत्तता और अधिकार को बरकरार रखता है."
ट्रंप प्रशासन ने यूनिवर्सिटी पर कथित यहूदी-विरोध से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए गहन दबाव डाला है. ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर इस सौदे की सराहना करते हुए कहा कि कोलंबिया ने अपनी हास्यास्पद नीतियों को समाप्त करने, केवल योग्यता के आधार पर छात्रों को प्रवेश देने और परिसर में छात्रों की नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा करने का संकल्प लिया है. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कई अन्य उच्च शिक्षा संस्थान भी इसी तरह की जांच का सामना कर रहे हैं.
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच फिर हुई झड़प, लड़ाकू विमान तैनात
दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों थाईलैंड और कंबोडिया की सेनाओं के बीच गुरुवार सुबह हिंसक झड़प छिड़ गई. थाईलैंड की सेना ने कहा है कि कंबोडिया के रॉकेट हमले में तीन आम नागरिक घायल हुए हैं. वहीं, कंबोडिया ने कहा है कि थाईलैंड की सेना ने कंबोडिया के सुरक्षाबलों पर हमला करके देश की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन किया है. दोनों देशों ने एक-दूसरे पर झड़प शुरू करने का आरोप लगाया है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, दोनों देश 817 किलोमीटर लंबी जमीनी सीमा साझा करते हैं. कई जगहों पर दोनों देश अपना अधिकार जताते हैं, जिसके चलते बीते सालों में कई झड़पें हो चुकी हैं और उनमें करीब एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. इस साल मई में तनाव फिर बढ़ गया जब गोलीबारी में कंबोडिया के एक सैनिक की मौत हो गई. इसके बाद एक बड़ा राजनयिक संकट शुरू हो गया था.
थाईलैंड ने इस हफ्ते कंबोडिया पर आरोप लगाया था कि उसने विवादित इलाके में लैंडमाइन लगाईं, जिसके चलते तीन सैनिक घायल हो गए. इसके बाद, थाईलैंड ने बुधवार को कंबोडिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया और कहा कि वे थाईलैंड में तैनात कंबोडिया के राजदूत को निकाल देंगे. गुरुवार सुबह दोनों देशों के बीच झड़प शुरू हो गई, जिसके बाद थाईलैंड ने विवादित सीमा पर एफ-16 लड़ाकू विमान तैनात किया है.