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विवादसीरिया

सीरिया को कहां ले जाएंगे अंतरिम राष्ट्रपति बने अल शरा

ओंकार सिंह जनौटी एएफपी, रॉयटर्स
२१ मई २०२५

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति को धमकियां मिल रही हैं. इस्लामिक स्टेट, उन्हें ट्रंप के आगे '"गिड़गिड़ाने" वाला "गुलाम" कह रहा है.

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रियाद में सऊदी अरब के राजकुमार और अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अल शरा
तस्वीर: Bandar Al-Jaloud/Saudi Royal Palace/IMAGO

अहमद अल शरा एक घोषित आतंकवादी रह चुके हैं. पिछले साल तक अमेरिका ने उनके सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा था. वह इराक में अमेरिकी सेना के खिलाफ लड़ चुके हैं. सीरिया में भी कई आत्मघाती हमलों के पीछे उनका नाम आता है. लेकिन दिसंबर 2024 में बशर अल असद को सीरिया की सत्ता से बेदखल करने के बाद अल शरा देश के अंतरिम राष्ट्रपति हैं. यूरोप और अमेरिका के कुछ बड़े और सर्वोच्च नेता, अल शरा के साथ बड़े उत्साह से मिल चुके हैं.

हफ्ते भर पहले ही रियाद में 42 साल के अल शरा, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मिले. यह मुलाकात सऊदी अरब के शासक और युवराज मोहम्मद बिन सलमान की मौजूदगी में हुई. इस मुलाकात के बाद ट्रंप ने खुद अपने ही सलाहकारों को चौंकाते हुए सीरिया पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने का एलान कर दिया. बाद में अपने एयरफोर्स वन विमान में अमेरिकी राष्ट्रपति ने रिपोर्टरों से कहा कि अल शरा एक "जवान, आकर्षक युवक हैं. मजबूत युवक. मजबूत अतीत. बहुत ही मजबूत अतीत. लड़ाका."

अल गोलानी (बाएं) और अल शरा (दाएं)
पहले अल गोलानी (बाएं) के नाम से पुकारे जाते थे अंतरिम राष्ट्रपति अल शरातस्वीर: Balkis Press/abaca/Mosa'ab Elshamy/AP/picture alliance

सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति के खिलाफ लड़ाई की तैयारी करता आईएस

ट्रंप के साथ की गई उस मुलाकात के बाद अब इस्लामिक स्टेट ने अल शरा को राष्ट्रद्रोही करार दिया है. अपने न्यूज लेटर में आईएस ने अल शरा को काफिर और एक ऐसा "गुलाम" कहा जो अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सामने "गिड़गिड़ा" चुका है.

आईएस ने विदेशी लड़ाकों से सीरिया आने की अपील की है. आईएस का कहना है कि नई सरकार की नीतियां, शरिया कानून के मुताबिक नहीं हैं. ट्रंप और अल शरा की हाथ मिलाने की तस्वीर के साथ छपे न्यूज लेटर अल नबा में आईएस ने लिखा है कि सत्ता ढहने के बाद हमने पहली बार इस तरह की सीधी बातचीत देखी है.

अल शरा कभी आईएस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ चुके हैं. वह दिसंबर 2024 तक हयात तहरीर अल शाम (एचटीएस) गुट के प्रमुख रह चुके हैं. 2012-13 तक एचटीएस, आईएस का हिस्सा था. बाद में वह अल कायदा का करीबी गुट बन गया. 2016 में अल शाम ने अल कायदा से भी खुद को अलग कर लिया और सीरिया में बशर अल असद और आईएस के विरुद्ध संघर्ष शुरू कर दिया.

सीरिया में इस वक्त कितने अल शरा के साथ कितने विदेशी लड़ाके हैं, इसका सटीक अंदाजा लगाना मुश्किल है. लेकिन कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि वहां 1,500 से 6,000 तक विदेशी लड़ाके मौजूद हैं.

सीरिया में विदेशी लड़ाके
एचटीएस के साथ मिलकर लड़ चुके हैं मुजाहिरीन कहे जाने वाले विदेशी लड़ाकेतस्वीर: Juma Mohammad/AP Photo/picture alliance

फिर गृह युद्ध के मुहाने पर सीरिया

इस्लामिक स्टेट के ताजा न्यूज लेटर के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मार्क रुबियो भी हरकत में आए हैं. 21 मई 2025 को रुबियो ने चेतावनी देते हुए कहा कि सीरिया, एक नए गृह युद्ध से कुछ ही हफ्ते दूर खड़ा दिख रहा है. अमेरिकी संसद में हुए एक सुनवाई में रुबियो ने कहा, "जिस तरह की चुनौतियों का सामना वे कर रहे हैं, उसे देखते हुए हो सकता है कि कुछ महीने नहीं, बल्कि कुछ हफ्ते के भीतर एक संभावित सत्ता पतन हो और भीषण किस्म का पूर्ण गृह युद्ध शुरू हो जाए. असल में देश विभाजित हो रहा है."

अमेरिकी विदेश मंत्री ने माना कि सीरिया की अंतरिम सरकार में शामिल कई लोग दागदार छवि वाले हैं. उनके साथ वॉशिंगटन के बातचीत करने पर रुबियो ने कहा, "अगर हम उनके साथ बातचीत करते हैं तो यह काम कर सकता है और नहीं भी. लेकिन अगर हम बातचीत ही ना करें, तो गारंटी है कि यह काम नहीं करेगा."

रुबियो के मुताबिक सीरिया के नेताओं ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वे अपनी जमीन से इस्राएल पर हमले नहीं होने देंगे.

निकोलस पेल्हम, अंग्रेजी की साप्ताहिक पत्रिका द इकोनॉमिस्ट के मध्य पूर्व संवाददाता है. सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल शरा को वह बेहद "अविश्वसनीय" करार देते हैं. मार्च 2025 में सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्ट्डीज के साथ एक इंटरव्यू में पेल्हम ने कहा, अल शरा "ताकत चाहते हैं" और उसे बकरार रखने के लिए वह कोई भी तरीका अपना सकते हैं.

अंकारा में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोवान के साथ सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अल शरा
फरवरी 2025 में तुर्की के राष्ट्रपति से अंकारा में मिलते अल शरातस्वीर: Turkish Presidential Press Service/AFP

रूस ने दी अल्पसंख्यकों के जनसंहार की चेतावनी

2011 में सीरिया में बशर अल असद के खिलाफ विद्रोह शुरू हुआ था, जो कुछ ही महीनों के भीतर गृह युद्ध में बदल गया. अल शरा के सत्ता में आने के बाद भी देश में अलावी और द्रुजे अल्पसंख्यकों पर बड़े पैमाने पर बर्बर हमले हो रहे हैं. असद अलावी समुदाय से थे. तमाम आरोपों के बावजूद सीरिया में बशर अल असद की छवि एक पंथ निरपेक्ष नेता की थी.

इस बीच रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने भी कहा है कि सीरिया में जिस तरह नस्लीय आधार पर सफाया किया जा रहा है, उससे मॉस्को बेहद चिंतित है. मंगलवार को रूसी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर छपे बयान के मुताबिक, लावरोव ने कहा, "चरमपंथी उग्रवादी संगठन, राष्ट्रीयता और धार्मिक आधार पर असली नस्लीय सफाया और बड़े स्तर पर जनरसंहार कर रहे हैं."

सीरियाई सूत्रों और रूसी सोशल मीडिया के मुताबिक सीरिया में रूस के एक सैन्य ठिकाने पर हमला भी किया गया है. सीरिया में रूस के दो सैन्य अड्डे हैं. यूरोप के बाहर, गर्म पानी वाले संमदर में रूस का सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा सीरिया में ही है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक रूसी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में सीरिया में रूसी सैनिकों और सीरियाई लड़ाकों के बीच संघर्ष की फुटेज दिख रही है.