ईस्टर आत्मघाती हमलावरों को श्रीलंका के चर्च ने माफ किया
१२ अप्रैल २०२०कार्डिनल मैल्कम रंजीथ ने कोरोना वायरस की वजह से एक टीवी स्टूडियो से प्रसारित ईस्टर प्रार्थना के दौरान कहा, "जिन दुश्मनों ने हमें तबाह करने की कोशिश की, हमें उन्हें अपना प्यार पेश करते हैं." उन्होंने कहा, "हम उन्हें माफ करते हैं." कार्डिनल रंजीथ ने कहा कि जवाबी कदम उठाने की बजाय श्रीलंका का अल्पसंख्यक कैथोलिक समुदाय यीशु के आशा और तनाव कम करने के संदेश को फैलाना चाहता है.
साल 2019 में 21 अप्रैल को ईस्टर की सुबह हमलावरों ने तीन चर्चों और तीन होटलों पर धमाके किए. इन हमलों में कम से कम 279 लोग मारे गए जबकि 593 घायल हुए. पिछले साल रंजीथ ने तत्कालीन सरकार से इस्तीफा देने को कहा था क्योंकि वह हमलों के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश की जांच करने में कथित रूप से नाकाम रही. इसके बाद नवंबर में हुए चुनावों में राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना की सरकार हार गई और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई गोटभाया राजपक्षे ने बतौर राष्ट्रपति देश की कमान संभाली.
शुरू में सिरिसेना ने हमलों के लिए इस्लामी कट्टरपंथियों को जिम्मेदार बताया था, लेकिन बाद में इसके लिए उन्होंने नशीली दवाओं का कारोबार करने वालों पर आरोप लगाए, जो उनके मुताबिक नशीली दवाओं के कारोबार के खिलाफ उनकी सरकार की मुहिम को बाधित करना चाहते थे.
देश के तत्कालीन पुलिस प्रमुख और रक्षा मंत्रालय के सचिव पर हमलों के बारे में खुफिया जानकारी पर कथित रूप से अमल ना करने के लिए हत्या के आरोप तय किए गए. पुलिस ने हमलों के सिलसिले में 135 लोगों को गिरफ्तार किया और हिंसा के लिए नेशनल तौहीद जमात नाम के चरमपंथी गुट को जिम्मेदार बताया. गिरफ्तार लोगों के खिलाफ आरोप तय होने अभी बाकी हैं.
कोरोना वायरस को रोकने की कोशिशों के तहत श्रीलंका में भी इस बार ईस्टर के मौके पर सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं. देश में अनिश्चितकालीन के लिए कर्फ्यू लगा है. सरकार के अनुसार श्रीलंका में कोरोना वायरस के 199 मामले सामने आए हैं जबकि सात लोगों की मौत हो चुकी है.
एके/एए (एएफपी)
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