खतरे में हैं स्पेन के जंगली घोड़े, जंगली आग से मुकाबले में हैं कारगर
स्पेन के गैलिसिया इलाके के जंगलों में हर साल गर्मियों में आग लग जाया करती थी. लेकिन जब से यहां जंगली घोड़ों को चराना शुरू किया गया है तब से आग लगने के मामले घट कर लगभग ना के बराबर हो गए हैं.
बढ़ रही है जंगली आग
जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम और सूखा व गर्म हो रहा है. इससे स्पेन के गैलिसिया इलाके में जंगली आग की घटनाएं बढ़ रही हैं. ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के मुताबिक, 2001 से 2023 के बीच, इस इलाके में आग ने 96,900 हेक्टेयर इलाके को बर्बाद कर दिया.
कभी यहां 22,000 जंगली घोड़े थे
वैज्ञानिकों का कहना है कि स्पेन के गैलिसिया के नाजुक इकोसिस्टम को बचाने में जंगली घोड़े कई भूमिकाएं अदा करते हैं. यहां यूरोप का सबसे बड़ा जंगली घोड़ों का झुंड है. 1970 के दशक में करीब 22,000 जंगली घोड़े यहां के पहाड़ों, जंगलों और झाड़ीदार मैदानों में घूमते थे, लेकिन अब इनकी संख्या घट कर आधे से भी कम रह गई है.
आग कैसे रोकते हैं घोड़े
घोड़ों का ध्यान रखने वाले स्थानीय निवासियों में से एक लूसिया पेरेज ने बताया कि घोड़े पेड़ों के नीचे पनप रहे झाड़-झंखाड़ को साफ कर देते हैं, जिससे आग लगना और फैलना थम जाता है. यूनिवर्सिटी ऑफ आ कोरुना में रिसर्चर लौरा लेगोस ने बताया कि सेर्रा दा ग्रोबा नाम के झाड़ीदार मैदान में जंगली घोड़ों का एक झुंड गौर्स नाम के पीले फूलों को खाता है. यह फूल खासकर ज्वलनशील होता है.
जलवायु परिवर्तन से मुकाबले में भी मददगार
लेगोस ने यह भी बताया कि इससे बैंगनी फूलों वाले हीथर और सफेद एस्फोडेल जैसे पौधों को पनपने में आसानी होती है. इससे पीट के दलदल के आस-पास फैले झाड़ीदार मैदान भी बचते हैं जो कार्बन को सोखने वाले सबसे प्रभावशाली इकोसिस्टमों में से एक होते हैं.
स्थानीय लोग करते हैं देखभाल
एक जमाने से यहां के कुछ स्थानीय लोग साल में एक बार इन जंगली घोड़ों को पकड़ कर उन पर से जुएं हटाते हैं और उन्हें टीके दिलवाते हैं. वे बाड़ भी लगाते हैं जिससे इन्हें सड़क पर या खेतों में जाने से रोका जा सके. लेकिन अब इन सब का खर्च बढ़ता जा रहा है.
सरकार से मदद की अपील
सरकार से इन घोड़ों के रखरखाव में इन लोगों की मदद करने के लिए कुछ रकम जारी करने की अपील की गई है. गैलिसिया की स्थानीय सरकार घोड़ों की भूमिका को महत्वपूर्ण मानती है लेकिन उनके लिए रकम जारी करने के लिए अभी तक राजी नहीं हुई है.
घोड़ों पर संकट
लोगों का कहना है कि चरागाह की तलाश में घोड़े अब पहाड़ों से पहले से ज्यादा उतर कर नीचे चले आ रहे हैं, जिस वजह से उनका ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है. नियमित इंसानी संपर्क से घोड़ों का व्यवहार भी बदल रहा है और वे कम जंगली होते जा रहे हैं.
मदद के बिना भी समर्पित हैं लोग
लेकिन इन लोगों का यह भी मानना है कि उनके बिना ये घोड़े या तो गाड़ियों से टकरा कर मारे जाएंगे या अपनी फसलों के नुकसान पर गुस्साए हुए स्थानीय किसान उन्हें मार देंगे. घोड़ों का ध्यान रखने वालों का कहना है कि वे उन्हें एक पर्यावरणीय रत्न मानते हैं और सिर्फ उन्हें बचाना चाहते हैं. (रॉयटर्स)