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विज्ञानस्पेन

नौकाओं को क्यों डुबो रही हैं स्पेन की किलर व्हेल मछलियां

१५ मई २०२४

स्पेन के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जिब्राल्टर की खाड़ी में नौकाएं सावधान रहें क्योंकि ओकरा या किलर व्हेल मछलियां हमला कर सकती हैं. चार साल में ये मछलियां सात नौकाएं डुबो चुकी हैं.

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ओकरा या किलर व्हेल मछली
ओकरा व्हेल की प्रतीकात्मक तस्वीरतस्वीर: All Canada Photos/picture alliance

रविवार को मोरक्को की सीमा में तैर रही एक नौका से स्पेन के अधिकारियों को मदद की गुहार का संदेश मिला. 15 मीटर लंबी इस नाव पर दो लोग सवार थे. इन लोगों ने अधिकारियों को बताया कि किलर व्हेल मछलियां उनकी नाव को टक्कर मार रही हैं, जिसके कारण नौका टूट गई है.

इन दोनों लोगों को पास से गुजर रहे एक तेल टैंकर ने बचा लिया, जो अधिकारियों के अनुरोध पर वहां पहुंची थी. लेकिन उनकी नाव को डूबने से बचाया नहीं जा सका. इस घटना के बाद अधिकारियों ने छोटी नौकाओं को गर्मियों के मौसम में सावधान रहने को कहा है.

बार-बार हो रही हैं घटनाएं

इबेरिया प्रायद्वीप के इलाके में किलर व्हेल मछलियों पर शोध करने वाले स्पेन और पुर्तगाल के शोधकर्ताओं के दल ‘अटलांटिक ओकरा वर्किंग ग्रुप' ने कहा है कि 2021 में इन मछलियों ने 197 नौकाओं पर हमले किए थे. 2022 में इन हमलों की संख्या 207 हो गई थी.

पिछले साल नीदरलैंड्स से इटली के बीच नौकाओं की एक दौड़ को भी व्हेल मछलियों के एक दल ने रोक दिया था. 15 मिनट तक ये मछलियां नौकाओं को घेरे रही थीं जिसके कारण नाविकों को शोर मचाकर उन्हें भगाना पड़ा था.

शोधकर्ताओं का कहना है कि तैराकों पर हमले की कोई घटनाएं नहीं हैं और ऐसा लगता है कि ये मछलियां नौकाओं पर हमला कर रही हैं. हालांकि जब नौका रुक जाती है तो वे पीछे हट जाती हैं. उनका कहना है कि इबेरिया प्रायद्वीप के पश्चिमी तट के पास यानी जिब्राल्टर की खाड़ी से लेकर स्पेन के उत्तर पश्चिम में गैलिशिया तक ये व्हेल मछलियां सक्रिय नजर आ रही हैं.

4 साल, 673 घटनाएं

इस इलाके में पायी जाने वाली ओकरा व्हेल मछलियां16 से 21 फुट तक लंबी हो सकती हैं. इन मछलियों के इस व्यवहार ने वैज्ञानिकों को बेहद हैरान किया है. अटलांटिक ओकरा वर्किंग ग्रुप के मुताबिक 2020 से अब तक मछलियों और नौकाओं के बीच 673 बार आमना सामना हो चुका है.

2022 में ‘मरीन मैमल साइंस' नामक पत्रिका में एक शोध प्रकाशित हुआ था जिसमें बताया गया था कि ये मछलियां औसतन 12 मीटर लंबी नौकाओं पर ही हमले कर रही हैं. इन हमलों में टक्कर मारने से लेकर दांतों से उन्हें काट देने तक जैसा व्यवहार देखा गया है. अक्सर इसके बाद नौकाएं तैरने लायक नहीं रह जातीं. सात बार ऐसा हुआ कि नौका डूब गई.

शोध में कहा गया, "इन प्राणियों ने नौकाओं को धक्के मारे और पलट दिया.” उन्होंने ऐसी घटनाओं के 179 वीडियो देखकर उनका विश्लेषण किया. औसतन 40 मिनट तक चलीं इन घटनाओं के विश्लेषण के आधार पर वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इन घटनाओँ को सोच-समझ कर किए गए हमले नहीं कहा जा सकता.

क्यों हो रहे हैं हमले?

उन्होंने कहा, "इन घटनाओं के दौरान मछलियों के व्यवहार को आक्रामक नहीं कहा जा सकता. ऐसा लगता है कि वे नौकाओं की रफ्तार के साथ मुकाबला कर रही हैं.”

खतरे में क्यों हैं प्रवासी प्रजातियां

हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि इस बारे में वे पुष्ट नहीं हैं कि ये मछलियां अचानक ऐसा व्यवहार क्यों करने लगी हैं. उन्होंने लिखा, "हम इस बात को लेकर पुष्ट नहीं हैं कि इन घटनाओं की जड़ में क्या है. हमें संदेह है कि ये मछलियां उत्सुक होकर खिलवाड़ कर रही हों.”

जिब्राल्टर की खाड़ी में लगभग 50 ओकरा व्हेल मछलियां हैं. शोधकर्ताओं ने पाया कि 2020 और 2022 के बीच हुईं कम से कम तीन घटनाओं में 15 मछलियां हर घटना में शामिल थीं. जो मछलियां सबसे ज्यादा आक्रामक थीं, वे युवा थीं.

विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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