अंपायर पर गुस्सा उतारने वाले टेनिस खिलाड़ी
टेनिस की दुनिया की दिग्गज सेरेना विलियम्स का कहना है कि यूएस ओपन के दौरान अंपायर ने उन्हें सजा इसलिए दी क्योंकि वह एक महिला हैं. लेकिन टेनिस का इतिहास देखें तो सजा पुरुष खिलाड़ियों को भी मिलती रही है.
यूं हुआ हंगामा
मैच के दौरान सेरेना के कोच को उन्हें इशारे करते हुए देखा गया. क्योंकि टेनिस में इसकी अनुमति नहीं होती, इसलिए अंपायर कारलोस रामोस ने विलियम्स का एक पॉइंट काट लिया, जिस पर विलियम्स ने उन्हें चोर कहा. गुस्से में उन्होंने अपना रैकेट भी तोड़ा. इस पर उन्हें 17,000 डॉलर का जुर्माना लगा. विलियम्स का कहना है कि अंपायर किसी पुरुष खिलाड़ी के साथ ऐसा नहीं करते.
पहले भी हुआ है
सेरेना विलियम्स के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. 2009 में भी यूएस ओपन के दौरान उनका अंपायर से झगड़ा हो गया. उन्हें अंपायर का एक फैसला गलत लगा, जिसके कारण वे बहस करने लगीं और गुस्से में कह डाला, "मैं बॉल तुम्हारे गले में घुसा दूंगी." इस पर उन्हें 117,000 डॉलर का जुर्माना देना पड़ा और दो साल के लिए उन पर रोक भी लगी.
नखरों के बादशाह
टेनिस कोर्ट पर जॉन मेक एनरो से ज्यादा नखरे शायद ही किसी ने किए हों. अपने पूरे करियर में उन्होंने कितना जुर्माना भरा, ये वही ठीक से बता सकते हैं. ये पहले खिलाड़ी थे जिन्हें ऑस्ट्रेलियम ओपन से अपने बर्ताव के कारण निकाल बाहर किया गया. 1990 के मैच के दौरान उन्होंने अंपायर को मां की गाली दी थी. इससे पहले 1987 में यूएस ओपन के दौरान उन पर दो महीने की पाबंदी लगाई गई थी.
चार चार रैकेट
2012 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दौरान साइप्रस के खिलाड़ी मारकोस बगदातिस ने गुस्से में चार रैकेट तोड़ डाले. इनमें से दो तो अभी पैकिंग से बाहर भी नहीं निकाले गए थे. इस बर्ताव के लिए उन्हें 800 डॉलर का जुर्माना लगा. लेकिन चार रैकेट फिर से खरीदने पर इससे कहीं ज्यादा खर्चा करना पड़ा होगा. उस वक्त एक टेनिस खिलाड़ी ने कमेंट किया था, "चार रैकेट? वाह, कमाल है!" जानते हैं किसने यह कहा? सेरेना विलियम्स ने!
इतना गुस्सा!
मई 2018 में रोम में चल रहे एक टूर्नामेंट के दौरान अंपायर के कथित गलत फैसले ने मैच का रुख बदल दिया. चेक गणराज्य की कारोलीना प्लिसकोवा मैच हार गईं. आम तौर पर मैच खत्म होने के बाद खिलाड़ी एक दूसरे से और फिर अंपायर से हाथ मिलाते हैं. लेकिन कारोलीना ने ऐसा करने की जगह अंपायर की कुर्सी में अपने रैकेट से बॉल दे मारी. कुर्सी में सुराख हो गया और कारोलीना को जुर्माना देना पड़ा.
गलती, फिर माफी
1995 में ब्रिटेन के टिम हेनमैन विंबलडन से निकाल दिए जाने वाले पहले खिलाड़ी बने. अपना गुस्सा वे बॉल पर उतारना चाह रहे थे लेकिन शॉट इतना तेज था कि वहां खड़ी एक बॉल गर्ल के सर पर जा लगी. हालांकि बाद में उन्होंने सबके सामने लड़की से माफी मांगी और उसे एक गुलदस्ता भी भेंट किया. इस तस्वीर में हेनमैन उसी बॉल गर्ल के गालों को चूम रहे हैं.
बीवी का गुस्सा
यह किस्सा भी 1995 के विंबलडन का ही है. अंपायर के साथ बहस होने के बाद अमेरिकी खिलाड़ी जेफ टैरेंगो ने अपना सामान उठाया और कोर्ट छोड़ कर चले गए. मैच देखने उनकी पत्नी भी आई थीं. उन्हें अंपायर पर इतना गुस्सा आया कि जा कर उसे दो थप्पड़ जड़ दिए. इस कारण जेफ को 63,000 डॉलर का जुर्माना भरना पड़ा और दो साल के लिए किसी भी ग्रैंड स्लैम में हिस्सा लेने पर रोक भी लगी.
बेकाबू हुए
2012 में अर्जेंटीना के डेविड नालबानडियन ने गुस्से में लाइन जज की कुर्सी को ठोकर मारी. कुर्सी से लकड़ी का एक हिस्सा उड़ कर जज की टांग में जा लगा और वे चोटिल हो गए. इसके लिए उन्हें मैच से बाहर निकाला गया और 70,000 डॉलर का जुर्माना भी भरना पड़ा. इससे पहले इसी साल वे ऑस्ट्रेलियन ओपन में अंपायर के चेहरे पर पानी फेंकने के कारण 8,000 डॉलर भर चुके थे.
ऐसा निशाना
2017 के डेविस कप में कनाडा के 17 साल के डेनिस शापोवालोव ने गुस्से में बॉल को स्मैश किया जो सीधी जा कर अंपायर की आंख में लगी. आंख फौरन सूज गई और अंपायर को ऑपरेशन भी कराना पड़ा. इस हरकत के लिए डेनिस को मैच से बेदखल किया गया और उन पर 7,000 डॉलर का जुर्माना लगाया गया. यह मैच कनाडा और ब्रिटेन के बीच खेला जा रहा था.
अहंकार
2018 के विंबलडन में जर्मनी के स्टार खिलाड़ी आलेक्सांडर स्वेरेफ को लाइन जज ने चेतावनी दी. अंपायर से इसकी शिकायत करते हुए उन्होंने कहा, "लाइन जज कब से चेतावनी देने लगा? वो शायद विंबलडन जैसे बड़े मंच पर अपनी अहमियत दिखाना चाहता है ताकि लोग उसका चेहरा याद रखें." लेकिन अंपायर ने लाइन जज का ही साथ दिया. जानते हैं ये अंपायर कौन था? सेरेना विलियम्स को पॉइंट देने वाले कारलोस रामोस!