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अर्थव्यवस्थास्विट्जरलैंड

क्रेडिट स्विस के ग्राहकों में तानाशाह और अपराधी भी: रिपोर्ट

२१ फ़रवरी २०२२

क्रेडिट स्विस स्विट्जरलैंड का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है. इससे जुड़े लीक से पता चला कि इसके ग्राहकों में तानाशाह, अपराधी और भ्रष्ट राजनेता शामिल थे. उनके माध्यम से आ रहे अवैध फंड पर कार्रवाई करने में बैंक नाकाम रहा.

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'क्रेडिट स्विस' ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है. उसका कहना है कि स्विट्जरलैंड के सख्त बैंकिंग गोपनीयता कानूनों के चलते वह ग्राहकों से जुड़ी जानकारियों पर टिप्पणी नहीं कर सकता है. तस्वीर: Urs Flueeler/KEYSTONE/picture alliance

क्रेडिट स्विस दुनिया के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक है. आरोप है कि उसके ग्राहकों में तानाशाह, ड्रग डीलर, संदिग्ध युद्ध अपराधी और मानव तस्कर भी शामिल रहे हैं. यह जानकारी एक डाटा लीक के माध्यम से बाहर आई है. इस 'क्रेडिट स्विस लीक' में बैंक के ग्राहकों से जुड़े करीब 30 हजार खातों का ब्योरा सामने आया है. इससे पता चला है कि अपराधी भी इस बैंक में अपने खाते खोल पा रहे थे या यहां पहले से खुले अपने खातों को चला पा रहे थे, जबकि बैंक को उस ग्राहक के अपराधी होने की जानकारी होती थी.  

कैसे लीक हुआ डाटा?

यह डाटा एक अज्ञात विसल ब्लोअर ने जर्मन अखबार 'ज्यूडडॉयचे त्साइटुंग' (एसजेड) को लीक किया. इसके बाद 'ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट' (ओसीसीआरपी) के तहत दुनिया के करीब 46 मीडिया संस्थानों ने साझा तौर पर इस लीक हुए डाटा का विश्लेषण किया. इन संस्थानों ने 20 फरवरी को इससे जुड़ी रिपोर्ट छापी. लीक करने वाले विसल ब्लोअर ने अपने बयान में कहा, "मेरा मानना है कि स्विस बैंकिंग के गोपनीयता से जुड़े कानून अनैतिक हैं. यह कानून वित्तीय निजता की सुरक्षा के नाम पर स्विस बैंकों की शर्मनाक भूमिका को ढकने का काम करता है."

Schweiz | Credit Suisse Hauptsitz in am Paradeplatz in Zürich
'क्रेडिट स्विस' के मुताबिक, उसपर जो आरोप लगे हैं उनमें ज्यादातर अतीत की बातें हैं. कुछ मामले उस दौर के भी हैं, जब वित्तीय संस्थाओं से जुड़े कानून और उनकी गतिविधियां आज के जैसी नहीं थीं. तस्वीर: Gaetan Bally/KEYSTONE/picture alliance

लीक डाटा में जिन खातों का ब्योरा है, उनमें करीब दो तिहाई खाते ऐसे हैं जो साल 2000 के बाद खुलवाए गए. इनमें से कई अब भी चालू हैं. कई खाते दशकों पुराने भी हैं. इनमें फिलिपींस का एक मानव तस्कर, रिश्वतखोरी के लिए जेल भेजा गया हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज का एक प्रमुख, लेबनान की रहने वाली अपनी पॉप स्टार गर्लफ्रेंड की हत्या का आदेश देने वाला मिस्र का एक अरबपति और वेनेजुएला की सरकारी तेल कंपनी को लूटने वाले अधिकारी शामिल हैं.

लीक में जॉर्डन के किंग अब्दुल्लाह द्वितीय, इराक के पूर्व उपप्रधानमंत्री अयाद अल्लावी, अल्जीरिया के निरंकुश शासक अब्दल अजीज बुतफ्लिका और अर्मेनिया के पूर्व राष्ट्रपति आरमेन सारकिसिन के गोपनीय खातों का ब्योरा भी शामिल हैं. एसजेड ने कुछ महीनों पहले क्रेडिट स्विस के सीक्रेट खाते को लेकर सारकिसिन से उनका पक्ष पूछा था. इसके कुछ ही दिन बाद जनवरी 2022 में सारकिसिन ने पद से इस्तीफा दे दिया. लीक में वैटिकन से जुड़ा एक खाता भी शामिल है, जिससे 350 मिलियन यूरो की रकम खर्च करके लंदन की एक प्रॉपर्टी में निवेश किया गया. यह वही खरीद है, जिसे लेकर जुलाई 2021 में वैटिकन ने एक कार्डिनल 10 लोगों पर जबरन वसूली, धोखाधड़ी और पद के बेजा इस्तेमाल का मुकदमा चलाने का एलान किया था.

अपने ऊपर लगे आरोपों पर बैंक की प्रतिक्रिया

लीक से पता चलता है कि बैंक संदिग्ध ग्राहकों की अच्छी तरह जांच करने में नाकाम रहा. ना ही उसने संदिग्ध ग्राहकों और गैरकानूनी फंड जमा करने वालों का खाता खोलने से इनकार किया. लीक से जुड़ी रिपोर्ट्स छापने वाले पत्रकारों ने क्रेडिट स्विस के कई पूर्व कर्मचारियों से भी बात की. उनका कहना था कि बैंक में अमीर और बेहद अमीर ग्राहकों के लिए अलग नियम-कायदे थे. क्रेडिट स्विस ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है. उसका कहना है कि लीक में सामने आए 90 प्रतिशत खाते पहले ही बंद किए जा चुके हैं.

Schweiz | Credit Suisse Hauptsitz in am Paradeplatz in Zürich
'क्रेडिट स्विस' का नाम कई विवादों में शामिल रहा है. वह 10 अरब डॉलर से ज्यादा का जुर्माना भर चुका है. उसपर मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी में कथित मदद से जुड़े आरोप भी लग चुके हैं. तस्वीर: Michael Buholzer/KEYSTONE/picture alliance

स्विट्जरलैंड दुनिया के सबसे क्रीम 'टैक्स हैवन' में गिना जाता है. यह एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र है, मगर इसका सिस्टम पारदर्शी नहीं है. पॉपुलर कल्चर में स्विस बैंक अपने ग्राहकों के प्रति बेहद वफादार माने जाते हैं. कहा जाता है कि आपका पैसा इससे ज्यादा सुरक्षित कहीं नहीं रहता. भारत जैसे देशों में भी स्विस बैंक राजनीतिक कहावतों के रूप में इस्तेमाल होते हैं. उन्हें ब्लैक मनी से जोड़कर पेश किया जाता है.

मगर पिछले करीब एक दशक से चीजों में थोड़ा बदलाव आया है. स्विट्जरलैंड ने मनी लॉन्ड्रिंग और गबन किए गए सरकारी फंड को छुपाकर रखने के ठिकाने के तौर पर अपनी छवि को बदलने की कोशिश की है. 2018 में टैक्स में चोरी से लड़ने के लिए गठित एक अंतरराष्ट्रीय एक्सजेंच सिस्टम के तहत स्विट्जरलैंड ने अपने बैंकों से अपने ग्राहकों की सूची कुछ विदेशी अथॉरिटीज के साथ साझा करने को कहा.

इसे स्विस बैंकिंग के लिए मील का पत्थर बताया गया. मगर खबरें बताती हैं कि चीजें अब भी पूरी तरह पारदर्शी नहीं हैं. टैक्स चोरी और धोखाधड़ी से निपटने के लिए बने ग्लोबल एक्सेंज प्रोग्राम के तहत स्विस बैंक अपने ग्राहकों की सूची कुछ देशों के साथ साझा करते हैं. लेकिन कई विकासशील और गरीब देशों को इस एक्सचेंज प्रोग्राम से दूर रखा जाता है. 

एसएम/ओएसजे (डीपीए, एपी)