वैज्ञानिकों ने 'टेप' चिपका कर दिल को ठीक करने का किया दावा
वैज्ञानिकों ने खून में मौजूद कोशिकाओं की मदद से दिल को होने वाली कई समस्याओं को टेप की ही तरह पैच चिपका कर ठीक करने का दावा किया है. आइए जानते हैं यह कैसे काम करता है?
दिल की बीमारी में होगा फायदा
वैज्ञानिकों का कहना है कि खराब हुए दिल को ठीक करने के लिए उन पर टेप की ही तरह एक पैच चिपकाया जा सकता है. इसके जरिए दिल की बीमारी के मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सकता है.
वैश्विक समस्या
एक नए अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में करीब 6 करोड़ से ज्यादा लोग दिल से जुड़ी तमाम समस्याओं जैसे- हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर और दिल तक रक्त का प्रवाह ले जाने वाली नली में रुकावट आने का सामना कर रहे हैं. यह नई खोज ऐसे लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है.
क्या है यह 'पैच'
वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने कोशिकाओं की मदद से लैब में एक ऐसा सेल तैयार किया है जिसमें इंसानी दिल की मांसपेशियां मौजूद हैं. इसे किसी के दिल पर चिपकाया जा सकता है. यह दिल को धड़कने में मदद करता है.
कैसे तैयार किया गया
खून से ली गई कोशिकाओं को 'रीप्रोग्राम' करके स्टेम सेल की तरह काम करने के लिए बदल दिया गया. स्टेम सेल शरीर में किसी भी तरह की कोशिका में विकसित हो सकते हैं. इन कोशिकाओं को दिल की मांसपेशियों और दूसरे ऊतकों की नकल करनी पड़ती है.
बनाया गया खास सांचा
तैयार कोशिकाओं को एक तरल कोलेजन में डालकर इन्हें तैयार करने के लिए बनाए गए खास सांचे में डाल दिया जाता है, जहां ये किसी पौधे की तरह उगाए जाते हैं. तैयार होने के बाद इन्हें एक झिल्ली से जोड़ा जाता है.
जानवरों पर रहा कारगर
वैज्ञानिकों ने स्वस्थ बंदरों पर जब इनका परीक्षण किया तो उन्हें अनियमित दिल की धड़कन, ट्यूमर या पैच लगाने की वजह से मौत या बीमारी जैसे कोई सबूत नहीं मिले. पैच लगाए जाने के छह महीने बाद जानवरों की दिल की दीवार की मोटाई बढ़ गई थी.
महिला पर रहा कारगर
वैज्ञानिकों ने दिल की बीमारी से जूझ रही एक 46 वर्षीय महिला पर जब इसे लगाया तो तीन महीने बाद भी पैच में मौजूद कोशिकाएं जीवित थीं और उनमें खून का प्रवाह शुरू हो गया था.
खर्चीली है यह तकनीक
अध्ययन करने वाली टीम का मानना है कि इंसानी दिल पर इसका प्रभाव दिखने में तीन से छह महीने का समय लग सकता है और जिन मरीजों को तुरंत इसकी जरूरत है, उन्हें इसके लिए पैसे भी ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे.