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अपराधसंयुक्त राज्य अमेरिका

रुश्दी पर हमला: एक आंख और एक हाथ बेकार

२४ अक्टूबर २०२२

लेखक सलमान रुश्दी के एजेंट एंड्रयू वाइली ने स्पेनिश अखबार अल पाइस को बताया कि इस साल अगस्त में न्यूयॉर्क में एक साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान हमले के कारण उनकी एक आंख की रोशनी चली गई और उनका एक हाथ भी अक्षम हो गया.

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लेखक सलमान रुश्दी
लेखक सलमान रुश्दी तस्वीर: Evan Agostini/Invision/AP

एंड्रयू वाइली ने अखबार से कहा, "उनकी एक आंख की रोशनी चली गई है... उनकी गर्दन पर तीन गंभीर घाव हैं. हमले के कारण एक हाथ अक्षम है और छाती और धड़ में लगभग 15 और जख्म हैं."

वाइली ने चोटों को गहरा बताते हुए कहा, "यह एक क्रूर हमला था." रुश्दी के एजेंट ने हालांकि यह कहने से इनकार कर दिया कि क्या "द सैटेनिक वर्सेज" के 75 वर्षीय लेखक अभी भी अस्पताल में हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि "वह ठीक हो रहे हैं और यह महत्वपूर्ण है."

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इसी साल अगस्त में न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान रुश्दी पर हादी मतर नाम के आरोपी ने चाकू से कई बार वार किए थे. हमले के आरोपी मतर पर दूसरी डिग्री की हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया, लेकिन उसने अदालत में दोषी नहीं होने का अनुरोध किया.

रुश्दी पर हमला तब हुआ था जब वह मंच पर अपना व्याख्यान शुरू करने वाले थे. हमले के बाद, लेखक को गंभीर चोटों के साथ अस्पताल ले जाया गया और उन्हें अस्थायी रूप से वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था.

घटना के बाद आरोपी हमलावर ने न्यूयॉर्क पोस्ट के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि उसे लगा कि रुश्दी ने "इस्लाम पर हमला किया है", हालांकि मतर ने कहा कि उसने विवादित किताब "द सैटेनिक वर्सेज" के सिर्फ दो पन्ने पढ़े हैं.

हादी मतर पर हमले का आरोप
हादी मतर पर हमले का आरोपतस्वीर: Gene J. Puskar/AP Photo/picture alliance

ईरान का हमले में शामिल होने से इनकार

इस हमले की पश्चिम और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थकों ने कड़ी निंदा की, लेकिन ईरान और पाकिस्तान जैसे मुस्लिम देशों में कुछ चरमपंथियों ने भी इसकी प्रशंसा की. विवादास्पद उपन्यास "द सैटेनिक वर्सेज" में इस्लाम के पैगंबर के जीवन को काल्पनिक रूप में प्रस्तुत किया गया है. हालांकि अधिकांश मुस्लिम हलकों ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की.

रुश्दी ने यह किताब 1988 में लिखी थी, जिसने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था. इस किताब की वजह से उनके खिलाफ मौत के फरमान जारी किए गए और इसके परिणामस्वरूप रुश्दी को लगभग दस साल तक छिपना पड़ा.

सलमान रुश्दी के खिलाफ 1989 में ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्लाह रुहोल्लाह खोमैनी ने फतवा जारी किया था. इस फतवे में रुश्दी के सिर पर 30 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया गया. हाल के बरसों में ईरान ने भले ही रुश्दी का बहुत ज्यादा जिक्र ना किया हो, लेकिन उनके खिलाफ जारी फतवा अब भी वैध है.

वर्षों तक कड़ी सुरक्षा में अलग-थलग रहने के बाद, रुश्दी ने पिछले दो दशकों के दौरान फिर से आजादी के साथ यात्राएं कीं. रुश्दी ने अतीत में भी इस बारे में बात की है कि कैसे उन्होंने कभी भी खुद को खतरे से सुरक्षित नहीं माना.

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रुश्दी पर मतर ने क्या कहा था

लेबनान में जन्मे मतर को घटनास्थल से गिरफ्तार कर लिया गया था. मतर न्यू जर्सी में रहता है और उसने हत्या के प्रयास के लिए दोषी नहीं होने का अनुरोध किया. मतर ने हमले के तुरंत बाद अखबार को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें यह सुनकर आश्चर्य हुआ कि हमले में रुश्दी की मौत नहीं हुई थी. उन्होंने खमेनई की प्रशंसा की और कहा कि उन्हें रुश्दी और "द सैटेनिक वर्सेज" नापसंद हैं. मतर के वकील ने चेतावनी दी है कि इस तरह के एक साक्षात्कार के प्रकाशन से न्याय मुश्किल हो सकता है.

फिलहाल सख्त धार्मिक कानूनों के खिलाफ विरोध का सामना कर रही ईरान की वर्तमान सरकार ने हमले के बाद कहा कि "किसी को भी ईरान को दोष देने का अधिकार नहीं है." ईरान ने हमले में शामिल होने से इनकार किया है.

वाइली ने रुश्दी के बारे में कहा, "वे जीते रहेंगे... यही महत्वपूर्ण बात है."

एए/वीके (डीपीए, एएफपी)