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इल्कर आयजू ने एयर इंडिया के सीईओ का पद ठुकराया

१ मार्च २०२२

इल्कर आयजू ने कहा है कि वह टाटा समूह की ओर से ऑफर किए गए एयर इंडिया एयरलाइंस के सीईओ का पद नहीं संभालेंगे. उन्हें सीईओ बनाए जाने की खबर आने से बाद से भारत में आरएसएस समेत कुछ गुट इस पर विरोध जता रहे थे.

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एयर इंडिया के नव-नियुक्त सीईओ इल्कर आयजू
एयर इंडिया के नव-नियुक्त सीईओ इल्कर आयजूतस्वीर: Maruda Sezer/REUTERS

एक बयान जारी करते हुए आयजू ने कहा कि टाटा समूह के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन से हाल ही में मीटिंग कर उन्होंने पद स्वीकार करने से मना कर दिया. आयजू का कहना है कि मीडिया के कुछ धड़ों में उनकी नियुक्ति को अवांछनीय रंग देने की कोशिश हो रही थी. उन्होंने कहा, "हमेशा पेशेवर ईमान को तरजीह देने वाला एक बिजनेस लीडर होने के नाते मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि ऐसी कहानियों के साये में मेरे लिए इस पद को संभालना एक उचित या सम्मानजनक निर्णय नहीं होगा." टाटा समूह के एक प्रवक्ता ने आयजू से जुड़ी इस खबर की पुष्टि की है. 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आर्थिक शाखा ने भारत सरकार से मांग की थी कि इल्कर आयजू को भारत की पूर्व सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया के सीईओ के तौर पर स्वीकार ना किया जाए. टाटा समूह द्वारा खरीद लिए जाने के बाद एयर इंडिया ने हाल ही में आयजू को अपना नया सीईओ नियुक्त किया.

संघ को इल्कर आयजू के तुर्की से रहे संबंधों से परेशानी है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि नियुक्ति से पहले आयजू के बारे में जांच-पड़ताल की गई थी जो सामान्य से ज्यादा गहन थी. ऐसा तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन से उनके संबंधों के कारण हो सकता है.

इसी महीने हुआ ऐलान

आयजू 1994 में तब रेचप तैयप एर्दोआन के सलाहकार रहे थे जब वह इस्तांबुल के मेयर थे. आयजू टर्किश एयरलाइंस के सीईओ भी रह चुके हैं. टाटा समूह ने पिछले महीने ही एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में लिया है. 70 साल पहले एयर इंडिया को टाटा से लेकर भारत सरकार ने उसका सार्वजनीकरण कर दिया था. बीते साल अक्टूबर में टाटा ने एयर इंडिया को खरीदने के लिए बोली लगाई थी और 2.4 अरब डॉलर यानी लगभग 1.80 खरब रुपये में उसने भारत की सबसे बड़ी एयरलाइंस को खरीद लिया था.

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14 फरवरी को टाटा ने इल्कर आयजू की नियुक्ति का ऐलान किया था. इस बारे में जारी एक बयान में टाटा समूह ने कहा था कि आयजू विमानन उद्योग के एक अगुआ हैं जो एयर इंडिया को नए युग में ले जाएंगे. इसी बयान में आयजू ने कहा था कि वह एक प्रतिष्ठित एयरलाइंस की अगुआई करने की बात से प्रफुल्लित हैं.

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क्यों परेशान हुआ आरएसएस

आरएसएस के संगठन स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने कहा कि सरकार को इल्कर आयजू की नियुक्ति को मंजूरी नहीं देनी चाहिए क्योंकि तुर्की पाकिस्तान से सहानुभूति रखता है. महाजन ने कहा, "एयर इंडिया एक राष्ट्रीय एयरलाइंस रही है और अब भी उसकी अहमियत वही है. टाटा को इसके लिए मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए."

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भारत में किसी एयरलाइन में सीईओ के पद पर किसी विदेशी नागरिक की नियुक्ति के लिए सरकार की इजाजत लेनी होती है. इस इजाजत से पहले सरकार अपनी तरफ से जांच-पड़ताल करती है. वैसे तो यह जांच-पड़ताल एक औपचारिकता समझी जाती है लेकिन एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक एयर इंडिया के मामले में खासी सख्ती बरती जा रही है क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों ने आयजू के तुर्की से संबंधों पर आगाह किया है.

तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन को एक कट्टरपंथी नेता के रूप में देखा जाता है. 2020 में उन्होंने भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली संविधान की धारा 370 को निरस्त करने पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा था कि इससे कश्मीर में हालात और खराब होंगे और तुर्की वहां के लोगों का समर्थन करता है. भारत ने इस बयान पर राजनयिक आपत्ति दर्ज कराई थी.

वीके/एए (रॉयटर्स)

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