बेंगलुरु भगदड़ में मारे गए लोगों को आर्थिक मदद देगी आरसीबी
प्रकाशित ५ जून २०२५आखिरी अपडेट ५ जून २०२५टाटा समूह भारत में बनाएगा रफाएल लड़ाकू विमानों के लिए ढांचे
टाटा समूह अब भारत में रफाएल लड़ाकू विमानों के लिए ढांचे बनाएगा. फ्रांस की कंपनी दसां एविएशन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड ने इसके लिए चार ‘प्रोडक्शन ट्रांसफर अग्रीमेंट’ साइन किए हैं. दसां एविएशन की प्रेस रिलीज के मुताबिक, ये ढांचे भारत और अन्य वैश्विक बाजारों के लिए तैयार किए जाएंगे. ऐसा पहली बार होगा जब रफाएल लड़ाकू विमानों के ढांचे फ्रांस से बाहर बनाए जाएंगे.
इस साझेदारी के तहत, टाटा रफाएल के प्रमुख संरचनात्मक भागों के निर्माण के लिए हैदराबाद में एक विनिर्माण केंद्र स्थापित करेगा. वित्त वर्ष 2028 में इस प्लांट से विमान के ढांचे मिलने शुरू हो सकते हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि यहां हर महीने दो पूरे ढांचों का निर्माण किया जाएगा. दसां एविएशन की प्रेस रिलीज में इसे भारत की एयरोस्पेस विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करने और वैश्विक आपूर्ति श्रंखलाओं की मदद करने की दिशा में बड़ा कदम बताया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड का गुरुद्वारे पर दावा खारिज किया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राजधानी दिल्ली के शाहदरा इलाके में स्थित एक गुरुद्वारे की संपत्ति पर मालिकाना हक का दावा किया गया था. गुरुद्वारे के पक्ष में फैसला सुनाते हुए, शीर्ष अदालत ने बोर्ड के इस तर्क को खारिज कर दिया कि विचाराधीन संपत्ति वक्फ की थी.
जस्टिस संजय करोल और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के वकील से कहा, "वहां एक गुरुद्वारा है, उसे रहने दो. अगर कोई दावा हो भी तो आपको वह दावा यह कहकर छोड़ देना चाहिए कि वहां पहले से ही एक गुरुद्वारा है."
सुप्रीम कोर्ट बोर्ड की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सितंबर 2010 के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने उस संपत्ति पर कब्जे के लिए बोर्ड के मुकदमे को खारिज कर दिया था. बोर्ड ने दावा किया था कि विचाराधीन संपत्ति वक्फ की संपत्ति है और यह लंबे समय से वक्फ के रूप में उपयोग में है.
वक्फ बोर्ड की ओर से बहस करते हुए, वकील ने एक ट्रायल जज के निष्कर्षों का हवाला दिया कि वहां एक मस्जिद मौजूद थी. वकील ने आगे तर्क दिया कि एक प्रतिवादी ने खुद स्वीकार किया था कि वहां एक मस्जिद और "किसी प्रकार का गुरुद्वारा" था जो पंजीकृत नहीं था.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने जर्मनी में पूर्व सांसद के साथ रचाई शादी
तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा ने जर्मनी में पूर्व सांसद पिनाकी मिश्र के साथ शादी रचाई है. महुआ ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार से बातचीत में इस खबर की पुष्टि की है. अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि महुआ ने 30 मई को एक निजी समारोह में शादी की.
50 वर्षीय महुआ पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से दो बार की सांसद हैं. राजनीति में आने से पहले वे लंदन और न्यूयॉर्क में इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर भी काम कर चुकी हैं. वहीं, उनके पति पिनाकी मिश्र सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं और ओडिशा की पुरी सीट से सांसद रह चुके हैं.
66 वर्षीय पिनाकी 1996 में कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने थे. बाद में वे बीजेडी में शामिल हो गए. उन्होंने 2009, 2014 और फिर 2019 में पुरी सीट से लोकसभा चुनाव जीता. 2017 में भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बनने वाले दीपक मिश्रा उनके चचेरे भाई हैं. पिनाकी के चाचा रंगनाथ मिश्रा भी देश के 21वें सीजेआई रह चुके हैं.
अब ग्राहकों को कर्ज भी दे सकेगी फ्लिपकार्ट, आरबीआई से मिली मंजूरी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को कर्ज बांटने का लाइसेंस दे दिया है. फ्लिपकार्ट के एक प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से इसकी पुष्टि की है. अब यह कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों और विक्रेताओं को सीधे कर्ज दे सकेगी.
यह पहली बार है, जब आरबीआई ने किसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी को नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) का लाइसेंस दिया है. हालांकि, इसके बाद भी फ्लिपकार्ट सिर्फ कर्ज दे सकेगी. उसके पास बैंकों की तरह ग्राहकों की धनराशि जमा करने का अधिकार नहीं होगा.
ज्यादातर ई-कॉमर्स कंपनियां बैंकों और एनबीएफसी के सहयोग से कर्ज बांटती हैं लेकिन लाइसेंस मिलने से फ्लिपकार्ट सीधे कर्ज बांट सकेगा, जिससे उसे फायदा होने की उम्मीद है. रॉयटर्स ने सूत्र के हवाले से बताया है कि कंपनी अगले “कुछ महीनों में” कर्ज बांटने की शुरुआत कर सकती है.
बेंगलुरु: भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों को आर्थिक मदद देगी आरसीबी
आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने कहा है कि वह बेंगलुरु में बुधवार को मची भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी. टीम ने एक्स पर बताया कि दुखद हादसे में घायल हुए प्रशंसकों की मदद के लिए ‘आरसीबी केयर्स’ नाम का एक फंड भी बनाया जा रहा है.
बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस हादसे का स्वत: संज्ञान लिया. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कोर्ट ने राज्य सरकार से भगदड़ की घटना पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई 10 जून को होगी.
हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह इस दुखद घटना की वजहों को स्पष्ट करे और साथ ही यह बताए कि क्या इस घटना को रोका जा सकता था और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं. वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने मांग की कि सरकार यह स्पष्ट करे कि आरसीबी के खिलाड़ियों को सम्मानित करने का फैसला किसने लिया था.
जर्मनी के रक्षा प्रमुख का दावा, देश को चाहिए 60,000 अतिरिक्त सैनिक
जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने गुरुवार को कहा कि रूस से बढ़ते खतरे के बीच नाटो की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए जर्मनी की सेना, बुंडेसवेयर को अनुमानित 50,000 से 60,000 अतिरिक्त सैनिकों की आवश्यकता होगी. पिस्टोरियस ने ब्रसेल्स में नाटो की एक बैठक में कहा, "यह केवल एक मोटा अनुमान है कि हमें आज की तुलना में स्थायी सशस्त्र बलों में लगभग 50,000 से 60,000 और सैनिकोंकी आवश्यकता है."
पिस्टोरियस ने स्वीकार किया कि अधिक सक्रिय स्वैच्छिक भर्ती प्रणाली की योजनाअंतर को पाटने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती है क्योंकि जर्मनी युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हो रहा है. उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ समय में अनिवार्य भर्ती आवश्यक हो सकती है, लेकिन यह अभी बिल्कुल भी उपयोगी नहीं है क्योंकि हमारे पास न तो बैरक में और न ही प्रशिक्षण में क्षमता है, इसलिए इन क्षमताओं को बढ़ाना होगा."
पिस्टोरियस ने एक ऐसे मॉडल को बढ़ावा दिया है जो स्वैच्छिक सेवा पर निर्भर है और देश को आवश्यकता पड़ने पर अनिवार्य भर्ती को भी लागू करने की अनुमति देता है. इन शर्तों के तहत, 18 साल के सभी युवाओं को सेना में उनकी रुचि और उनकी शारीरिक स्थिति के बारे में एक प्रश्नावली भेजी जाएगी. सभी युवा पुरुषों को प्रश्नावली वापस करना अनिवार्य होगा, जबकि महिलाओं के लिए यह स्वैच्छिक होगा.
समुद्री केबल बिछाने के लिए चिली और गूगल ने किया अनोखा समझौता
चिली और गूगल ने 2027 तक दक्षिण अमेरिका, एशिया और ओशिनिया को जोड़ने वाली एक नई समुद्री केबल बिछाने के लिए एक अनोखे समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस परियोजना को "हम्बोल्ट प्रोजेक्ट" नाम दिया गया है.
सैंटियागो में हस्ताक्षर समारोह के दौरान चिली के विदेश मंत्री ने कहा, "यह केबल न केवल एक तकनीकी जरूरत को पूरा करती है, बल्कि यह लचीलेपन, डिजिटल रास्तों के विविधीकरण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए नई संभावनाओं को खोलने पर भी एक दांव है."
वर्तमान में चिली अमेरिका और अन्य महाद्वीपों से एक समुद्री केबल के माध्यम से जुड़ा हुआ है. इस नई पहल से एक तेज विकल्प मिलने की उम्मीद है. इस परियोजना से अर्जेंटीना, पराग्वे और ब्राजील को भी लाभ होने की उम्मीद है.
यह साझेदारी पहली बार जनवरी 2024 में घोषित की गई थी. तब चिली सरकार ने कहा था कि केबल की क्षमता 144 टेराबाइट प्रति सेकंड होगी और यह 25 साल तक चलेगी. योजना के तहत, चिली के पश्चिमी तट पर स्थित वालपराइसो से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी तक, फ्रेंच पोलिनेशिया होते हुए 14,800 किलोमीटर लंबी केबल बिछाई जाएगी.
गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट में लैटिन अमेरिका के दूरसंचार निदेशक क्रिस्टियान रामोस ने कहा, "इस केबल को बनाने का विचार यह है कि इसका उपयोग न केवल गूगल द्वारा बल्कि अन्य उपयोगकर्ताओं, जैसे कि चिली में काम करने वाली प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा भी किया जा सके." स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि गूगल ने इस परियोजना में लगभग 300 मिलियन से 550 मिलियन डॉलर का निवेश किया है. चिली सरकार इस परियोजना में 25 मिलियन डॉलर का योगदान करेगी.
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा, एलजीबीटी कपल बना सकते हैं परिवार
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा है कि भारत में समलैंगिक शादियों की इजाजत नहीं है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि एलजीटीबी प्लस समुदाय के लोग परिवार नहीं बना सकते. कानूनी मामलों की वेबसाइट बार एंड बेंच ने इस सुनवाई की जानकारी दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस जीआर स्वामीनाथन और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायण की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की. उन्होंने कहा कि भले ही समलैंगिक जोड़ों की शादी को वैधानिक मान्यता ना दी गई हो, लेकिन वे एक परिवार बना सकते हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि शादी अब परिवार बनाने का एकमात्र तरीका नहीं है.
हाईकोर्ट ने यह बातें एक समलैंगिक जोड़े की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहीं. दरअसल, याचिकाकर्ता की महिला साथी को उसके परिवार ने जबरन घर में पकड़कर रखा हुआ था. पुलिस ने भी उसे छुड़ाने में कोई मदद नहीं की, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख किया.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जबरन पकड़कर रखी गई महिला को अपनी साथी के पास जाने का अधिकार है और परिवार उसकी मर्जी के बिना उसे पकड़कर नहीं रख सकता. कोर्ट ने कपल को सुरक्षा देने में नाकाम रहने के लिए पुलिस की आलोचना की और कहा कि पुलिस को भविष्य में कपल को पर्याप्त सुरक्षा देनी चाहिए.
न्यूजीलैंड की संसद ने 'हाका' करने वाले तीन सांसदों को निलंबित किया
न्यूजीलैंड के सांसदों ने गुरुवार को एक विधेयक के विरोध में माओरी 'हाका' (एक तरह का पारंपरिक नृत्य) करने वाले तीन सांसदों को संसद से निलंबित करने के पक्ष में मतदान किया है. यह निलंबन अब तक का सबसे लंबा निलंबन है.
हाना-राहिती माइपी-क्लार्क को सात दिन के लिए निलंबित किया गया है, जबकि उनके राजनीतिक दल, माओरी पार्टी की नेता डेबी न्गारेवा-पैकर और राविरी वाइतिति को 21 दिनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. इससे पहले न्यूजीलैंड की संसद में किसी भी सांसद के लिए सबसे लंबा प्रतिबंध केवल तीन दिनों का था.
माओरी पार्टी के इन सांसदों ने पिछले नवंबर में एक विधेयक का विरोध करने के लिए 'हाका' किया था. उनका कहना था कि यह विधेयक स्वदेशी अधिकारों को खत्म कर देगा. हालांकि, वह विधेयक अब तक पारित नहीं हो पाया है. लेकिन इस विरोध प्रदर्शन ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं और सांसदों के बीच महीनों तक बहस चलती रही कि इन सांसदों के कार्यों के क्या परिणाम होने चाहिए और क्या न्यूजीलैंड की संसद माओरी संस्कृति का स्वागत करती है या उसे महत्व देती है - या इससे खतरा महसूस करती है.
सांसदों के साथियों की एक समिति ने अप्रैल में एक रिपोर्ट में इन लंबी सजाओं की सिफारिश की थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि सांसदों को 'हाका' के लिए नहीं, बल्कि संसद में अपने विरोधियों की ओर बढ़ने के लिए दंडित किया जा रहा है.
इस्राएल ने गाजा पट्टी से दो बंधकों के शव बरामद करने का दावा किया
इस्राएली सेना ने गुरुवार को बताया कि उसने हमास के 7 अक्टूबर, 2023 के हमले में बंधक बनाए गए दो लोगों के शवों को बरामद कर लिया है. इसी हमले के बाद गाजा पट्टी में युद्ध छिड़ गया था.
प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि जूडी वाइनस्टीन और गैड हेगाई के अवशेषों को सेना और शिन बेट (आंतरिक सुरक्षा एजेंसी) के एक विशेष अभियान में बरामद कर इस्राएल वापस लाया गया है. उन्होंने एक बयान में कहा, "इस्राएल के सभी नागरिकों के साथ मिलकर, मेरी पत्नी और मैं सभी परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं. इस भयानक नुकसान की वजह से हमें दुःख होता है."
लगभग 70 वर्ष की उम्र वाले वाइनस्टीन और हेगाई की मौत की घोषणा दिसंबर 2023 में की गई थी. यह जोड़ा 7 अक्टूबर, 2023 की सुबह अपने घर के पास खिबुत्स नीर ओज में सुबह की सैर कर रहा था, जब हमास के आतंकवादी सीमा पार कर इस्राएल में घुस आए, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों का अपहरण कर लिया गया.
अपमानजनक टिप्पणी करने की आरोपी शर्मिष्ठा पनोली को मिली जमानत
कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार, 5 जून को लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत दे दी. उन्हें मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इससे पहले, 3 जून को हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का यह मतलब नहीं है कि आप दूसरों की भावनाएं आहत कर सकती हैं.
कानूनी मामलों की वेबसाइट ‘बार एंड बेंच’ के मुताबिक, 22 साल की शर्मिष्ठा ने 14 मई को कथित तौर पर एक अपमानजनक वीडियो पोस्ट किया था, जिससे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची थी. इसके अगले दिन यानी 15 मई को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. इसी दिन उन्होंने अपनी वीडियो डिलीट कर दी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी.
17 मई को उनके खिलाफ वारंट जारी किए गए. 30 मई की रात को कोलकाता पुलिस ने हरियाणा के गुरुग्राम से उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उन्हें कोलकाता लाया गया, जहां निचली अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. शर्मिष्ठा ने इस मामले में राहत पाने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट का रूख किया था.
ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन की 'दिमागी हालत' की जांच के दिए आदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल की आधिकारिक जांच के आदेश दिए हैं. ट्रंप का आरोप है कि बाइडेन के सहायकों ने उनकी 'संज्ञानात्मक गिरावट' को छिपाकर उनकी जानकारी के बिना उनके नाम पर कार्यकारी आदेश जारी किए होंगे. यह कदम बुधवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद आया है, जिसमें अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी और व्हाइट हाउस के वकील डेविड वारिंगटन को इस जांच का नेतृत्व करने का निर्देश दिया गया है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इस कार्यकारी आदेश का उद्देश्य यह पता लगाना है कि बाइडेन के कार्यकाल के दौरान लिए गए कई निर्णय - जैसे राष्ट्रपति द्वारा दी गई माफी (पार्डन) और नीतिगत निर्देश - कानूनी रूप से वैध हैं या नहीं और क्या वे बाइडेन की पूरी जानकारी के बिना लिए गए थे या 'ऑटोपेन' (एक उपकरण जो हस्ताक्षर की नकल करता है) का उपयोग करके उन पर हस्ताक्षर किए गए थे.
क्या है ऑटोपेन
ट्रंप के निर्देश का मुख्य बिंदु यह दावा है कि बाइडेन द्वारा ऑटोपेन का उपयोग - जिसका अमेरिकी राष्ट्रपति दशकों से इस्तेमाल करते आ रहे हैं - कुछ कार्यकारी दस्तावेजों को अमान्य कर सकता है. कार्यकारी आदेश में इस उपकरण को सहायकों द्वारा राष्ट्रपति के अधिकार को हड़पने का एक संभावित साधन बताया गया है.
द गार्डियन की खबर के अनुसार केंटकी से रिपब्लिकन सांसद जेम्स कॉमर के नेतृत्व वाली हाउस ओवरसाइट कमेटी ने बाइडेन के "मानसिक और शारीरिक क्षमताओं" का आकलन करने के लिए उनके पांच शीर्ष सहयोगियों, जिनमें उनके पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ भी शामिल हैं, से गवाही देने को कहा है.
पीएम मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सिंदूर का पौधा लगाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार, 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर अपने आधिकारिक आवास पर सिंदूर का पौधा लगाया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी.
उन्होंने लिखा, “1971 के युद्ध में साहस और पराक्रम की अद्भुत मिसाल पेश करने वाली कच्छ की वीरांगना माताओं-बहनों ने हाल ही में गुजरात के दौरे पर मुझे सिंदूर का पौधा भेंट किया था. विश्व पर्यावरण दिवस पर आज मुझे उस पौधे को नई दिल्ली के प्रधानमंत्री आवास में लगाने का सौभाग्य मिला है. यह पौधा हमारे देश की नारीशक्ति के शौर्य और प्रेरणा का सशक्त प्रतीक बना रहेगा.”
इसके अलावा, पीएम मोदी ने दिल्ली के एक पार्क में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधा भी लगाया. उन्होंने एक्स पर लिखा, “यह अरावली पर्वतमाला में फिर से जंगल लगाने के हमारे प्रयास ‘अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट’ का भी एक हिस्सा है. उन्होंने आगे लिखा कि पिछले कुछ सालों में अरावली पर्वतमाला से जुड़ी कई पर्यावरणीय चुनौतियां सामने आई हैं, जिन्हें कम करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है.
विश्व पर्यावरण दिवस: भारत में रामसर साइट की कुल संख्या 91 हुई
विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या (बुधवार) को भारत की दो और आर्द्रभूमियों – फलोदी में खिचन और उदयपुर में मेनार – को 'अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों की रामसर सूची' में शामिल किया गया है. इन नई जगहों के जुड़ने से भारत में रामसर स्थलों की कुल संख्या अब 91 हो गई है.
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पर इसकी जानकारी दी. यादव ने एक्स पर लिखा, "यह उपलब्धि पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अटूट प्रतिबद्धता का एक और प्रमाण है." उन्होंने आगे कहा, "बधाई हो, भारत – खासकर राजस्थान के लोगों को – एक हरे-भरे कल की दिशा में इस महत्वपूर्ण कदम के लिए."
क्या है रामसर साइट?
रामसर साइट एक ऐसी आर्द्रभूमि होती है जिसे 'रामसर कन्वेंशन ऑन वेटलैंड्स' के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व का दर्जा दिया जाता है. यह एक अंतर-सरकारी संधि है जिसे 1971 में ईरान के रामसर शहर में अपनाया गया था. इस कन्वेंशन का उद्देश्य आर्द्रभूमियों के पारिस्थितिक चरित्र और वर्तमान व भविष्य की पीढ़ियों के लिए उनके लाभों को बनाए रखने के लिए उनका संरक्षण और बुद्धिमानी से उपयोग सुनिश्चित करना है.
गाजा में तत्काल युद्धविराम के प्रस्ताव पर अमेरिका का वीटो
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुधवार को गाजा में 'तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्धविराम' की मांग करने वाले एक मसौदा प्रस्ताव को अमेरिका ने वीटो कर दिया. अमेरिका का कहना है कि यह प्रस्ताव बंधकों की रिहाई से जुड़ा नहीं था और इससे हमास को और बढ़ावा मिलता.
सुरक्षा परिषद के बाकी सभी 14 सदस्यों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसमें गाजा में मानवीय स्थिति को "विनाशकारी" बताया गया था. रिपोर्ट में कहा गया था कि 20 लाख की आबादी भुखमरी के कगार पर है और 11 हफ्ते की नाकेबंदी के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव में इस्राएल द्वारा प्रतिबंध हटाने के बाद ही थोड़ी बहुत सहायता पहुंच पा रही है.
संयुक्त राष्ट्र में कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत डॉरथी शे ने सुरक्षा परिषद को बताया कि यह मसौदा प्रस्ताव अमेरिका के युद्धविराम समझौते के प्रयासों को कमजोर करेगा. उन्होंने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका स्पष्ट रहा है; हम किसी भी ऐसे उपाय का समर्थन नहीं करेंगे जो हमास की निंदा करने में विफल रहता है और हमास को निहत्था करने और गाजा छोड़ने का आह्वान नहीं करता है."
इस मसौदा प्रस्ताव में अमेरिका की दो अन्य मांगें भी नहीं थीं, जिनमें 7 अक्टूबर 2023 को इस्राएल में हमास के घातक हमले की निंदा और हमास के आतंकवादियों को गाजा से निहत्था होकर पीछे हटने की मांग शामिल थी. अमेरिका का यह वीटो ऐसे समय में आया है जब इस्राएल ने मार्च में दो महीने के युद्धविराम को समाप्त करने के बाद गाजा के खिलाफ अपना अभियान फिर से शुरू कर दिया है.