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राजनीतिसंयुक्त राज्य अमेरिका

'गैरकानूनी' बजट कट से लड़ेगा रेडियो फ्री यूरोप

२० मार्च २०२५

रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो फ्री लिबर्टी के प्रमुख स्टीफन कैपस ने डीडब्ल्यू से कहा कि ट्रंप प्रशासन का फंडिंग बंद करने का फैसला गैरकानूनी है. ऐसे नेटवर्क के पास आगे कौन से विकल्प हैं?

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चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में आरएफई और आरएल का हेडक्वार्टर
तस्वीर: Michal Kamaryt/dpa/picture alliance

रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी (आरएफई/आरएल) ने उनकी फंडिंग रोकने के फैसले को लेकर अमेरिका के ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा किया है. मीडिया ग्रुप प्रेसीडेंट और सीईओ स्टीफन कैपस ने भरोसा जताया है कि नेटवर्क का "केस काफी मजबूत" है.

वॉशिंगटन डीसी में डीडब्ल्यू से बात करते हुए कैपस ने कहा, "संसद द्वारा तय किए गए फंड को रोकना गैरकानूनी कार्रवाई है." वॉशिंगटन में कैपस ने इस मामले को लेकर अमेरिकी कांग्रेस के अधिकारियों के साथ भी बैठकें कीं. 

उन्होंने कहा, "यह फंड रिलीज करने का समय है. यह किए जा चुके काम का सम्मान करने का वक्त है, और यह अमेरिका और हमारे श्रोता सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण है."

इंडोनेशिया में रिपोर्टिंग करते वीओए के पत्रकार
ट्रंप प्रशासन के फैसले का असर वॉयस ऑफ अमेरिका पर भीतस्वीर: Privat

रेडियो फ्री यूरोप और रेडियो लिबर्टी क्या हैं?

रेडियो फ्री यूरोप की शुरुआत 1950 में शीत युद्ध के दौरान हुई. इसका मकसद सोवियत संघ के नियंत्रण वाले इलाकों में रहने वाले लोगों तक स्वतंत्र समाचार पहुंचाना था. इस कोशिश के तहत 1953 में, रेडियो लिबर्टी ने रूसी और अन्य कई स्थानीय भाषाओं में प्रसारण शुरू किया.

आज, यह प्रसारण 27 भाषाओं में जारी है. लोकतंत्र का समर्थन करने वाला ये मीडिया ग्रुप, पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया, काकेशस और मध्य पूर्व के उन देशों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जहां स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया नहीं है.

अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की नई नीतियां
सरकारी खर्च घटाने के लिए ट्रंप प्रशासन ने कई एजेंसियों की फंडिंग काटीतस्वीर: Voanews

क्यों बंद की गई फंडिग?

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 14 मार्च को एक आदेश पर दस्तखत किए. आदेश में यूएस एजेंसी फॉर ग्लोबल मीडिया (यूएसएजीएम) को बंद करने का निर्देश दिया गया. यह एजेंसी रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी (आरएफई/आरएल) और वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रसारकों का संचालन करती है.

ट्रंप का यह आदेश, उन कई ऑर्डरों का ही एक हिस्सा है, जिनमें वे कई संघीय एजेंसियों की फंडिंग काट चुके हैं. इमें यूएस डेवलपमेंट एड एजेंसी (यूएसएड) और शिक्षा विभाग जैसी अहम एजेंसियां हैं.

टेक टायकून इलॉन मस्क को ट्रंप ने सरकारी खर्च में कमी लाने का जिम्मा सौंपा है. मस्क ने ही फरवरी में एलान किया कि अमेरिकी सरकार के पैसे से चलने वाले मीडिया नेटवर्कों को बंद किया जाएगा. प्रशासन ने इन नेटवर्कों को "लेफ्ट विंग अतिवादी" करार देते हुए कहा था कि ये करदाताओं का पैसा बर्बाद कर रहे हैं.

हालांकि ट्रंप प्रशासन के ऐसे कुछ फैसलों को अदालतों ने पलट दिया है. हाल में ही एक संघीय जज ने पाया कि यूएसएड को भंग करने का ट्रंप प्रशासन का फैसला, संविधान का उल्लंघन करता है. इसी आधार पर जज ने एजेंसी के बजट में नई कटौतियों पर प्रतिबंध लगा दिया.

यूरोप के लिए क्यों अहम हैं आरएफई/आरएल

मीडिया ग्रुप के प्रमुख कैपस ने इस कटौती "गैरवाजिब" करार देते हुए कहा, "हमें समझ नहीं आता कि इतिहास के इस अहम पड़ाव में कोई इस तरह का नाटकीय कदम क्यों उठाएगा."

कैपस के मुताबिक, "दुनिया में चारों तरफ देखिए, वहां ऐसे रणनीतिक हॉट स्पॉट्स हैं जहां अमेरिकी प्रसारक, जिनमें रेडियो फ्री यूरोप और रेडियो लिबर्टी भी शामिल हैं, ऑपरेट कर रहे हैं. और हम वहां हैं क्योंकि उन जगहों पर स्वतंत्र प्रेस या तो खत्म हो चुकी है या फिर खतरे में है. ऐसे सारे अलग अलग इलाकों में हम ऑपरेट करते हैं."

यह कटौती ऐसे वक्त में हुई है जब यूरोप में रूस के गलत और भ्रामक सूचना अभियान की बाढ़ आई हुई है. हाल ही में जर्मनी और रोमानिया के चुनावों में भी यह देखा गया.

कैपस कहते हैं, "रूस ये लगातार कर रहा है, वो भी पूरे यूरोप में अपने बेमतलब प्रभाव के कारण." कैपस मानते हैं कि ऐसे हालात में आरएफई/आरएल को जारी रखना और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है.

इस मीडिया संस्थान ने युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन की अहम जानकारियां भी सामने रखीं. रूस के कब्जे वाले डोनबास और क्रीमिया समेत अन्य युद्ध प्रभावित इलाकों में नेटवर्क के लिए 100 से ज्यादा लोग काम करते हैं.

यूक्रेन के बाखमुट में यूक्रेनी सेना
रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी यूक्रेन के लिए सूचनाओं के अहम स्रोत हैंतस्वीर: SERHII NUZHNENKO/RL/RFE/REUTERS

यूक्रेन की राजधानी कीव में अंग्रेजी भाषा में काम करने वाले एक स्वतंत्र संस्थान ने लिखा, "बरसों तक, आरएफई/आरएल, लाखों यूक्रेनियों के लिए भरोसेमंद स्रोतों में से एक रहा है." लेख के मुताबिक यूक्रेन के 14 फीसदी लोग आरएल का प्रसारण सुनते हैं.

मीडिया ग्रुप के समर्थन में आया यूरोप

कैपस के मुताबिक प्राग स्थित मीडिया ग्रुप, ग्रांट एग्रीमेंट के रद्द होने के बावजूद काम करता रहेगा, "यह मुश्किल  होगा क्योंकि...उसी समय वे हमारी फंडिंग को कसने की कोशिश कर रहें होंगे.....लेकिन हम श्रोताओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हैं. हम दुनिया के इन अहम हिस्सों से एकतरफा तरीके से अलग नहीं हो सकते."

इस बीच रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी को कई यूरोपीय नेताओं का समर्थन मिला है. इनमें स्वीडन और बेल्जियम भी शामिल हैं.

ट्रंप प्रशासन के फैसले से चिंतित होने वाले प्रसारकों में डीडब्ल्यू भी शामिल है. डीडब्ल्यू के महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग ने अमेरिकी फैसले को बोलने की आजादी और प्रेस की स्वतंत्रता के लिए एक झटका करार दिया है.

कैपस के मुताबिक, इस समर्थन के लिए उनका नेटवर्क आभारी है, "यूरोप में, लोग रेडियो फ्री यूरोप की अहमियत जानते हैं. वे ऐतिहासिक आयाम से रेडियो लिबर्टी को भी समझते हैं. लोग याद रखते हैं, रेडियो के साथ अपने अभिभावकों या दादा दादियों के आस पास जुटना. उनके लिए इसके काफी मायने हैं."

प्राग में रेडियो फ्री यूरोप और रेडियो लिबर्टी का मुख्यालय
फंडिंग के अन्य विकल्पों की तलाश में आरएफई और आरएलतस्वीर: Stanislav Zbynek/CTK/picture alliance

क्या यूरोपीय संघ करेगा आरएफई/आरएल की फंडिंग

यूरोपीय संघ रेडियो फ्री यूरोप को जारी रखने के तरीकों पर चर्चा कर रहा है. इस मुहिम की अगुवाई चेक गणराज्य कर रहा है. सोमवार को यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रभारी काया कलास ने अतीत का जिक्र करते हुए कहा कि जब वे बड़ी हो रही थीं तो एस्टोनिया में इस नेटवर्क को सुनती थीं. एस्टोनिया तब सोवियत संघ का हिस्सा था. कलास के मुताबिक, उनके बचपन में ये नेटवर्क "लोकतंत्र का प्रकाश पुंज" था. 

लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि क्या अमेरिका के पीछे हटने के बाद यूरोपीय संघ फंडिंग के लिए आगे आएगा, तो कलास ने कहा, ""इस सवाल का उत्तर देने के लिए....ऑटोमैटिकली तो नहीं."

फंडिंग के वैकल्पिक स्रोतों पर बात करते हुए, आरएफई/आरएल प्रेसीडेंट कैपस ने कहा कि मीडिया संगठन फिलहाल इस स्थिति में नहीं है "जहां कुछ कुछ गतिशील हो रहा हो."  

केट हेयरसाइन

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