बेजुबान जानवरों के लिए उठती आवाजें
दिल्ली और आस पास के लोग सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का विरोध कर रहे हैं जिसमें कहा गया है कि आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजा जाए. पशु प्रेमी इसे ‘क्रूर और खतरनाक’ बता रहे हैं.
"हमारे सामुदायिक पशुओं के लिए मौत की सजा"
आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन हुए. प्रसिद्ध पशु कल्याण रणनीतिकार गौरी मौलेखी ने इस फैसले पर कहा, यह “हमारे सामुदायिक पशुओं के लिए मौत की सजा” है.
हिरासत में लिए गए लोग
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 12 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने लगभग 40-50 पशु अधिकार प्रेमियों और कार्यकर्ताओं को उस समय हिरासत में ले लिया, जब वे आवारा कुत्तों को आठ सप्ताह के भीतर आश्रय गृहों में स्थानांतरित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए इंडिया गेट पर जमा हुए थे.
कैसे सुलझेगी समस्या
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आवारा कुत्तों को उनके इलाकों से हटाना कोई समाधान नहीं है. उन्होंने पशु जन्म नियंत्रण नियमों को सख्ती से लागू करने की मांग की, जिसमें सामुदायिक कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और उन्हें उनके इलाकों में वापस छोड़ने का प्रावधान है.
कहां रहेंगे दिल्ली के कुत्ते
पेटा इंडिया के एडवोकेसी एसोसिएट शौर्य अग्रवाल ने आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने पर कहा, "दिल्ली में लगभग 10 लाख आवारा कुत्ते हैं. उन सभी को आश्रय गृहों में रखना असंभव है और इससे अराजकता फैलेगी. कुत्तों को हटाना अपने आप में क्रूरता है, खासकर आश्रय गृहों की खराब स्थिति को देखते हुए."
भारत में कुत्तों के काटने के मामले
भारत सरकार ने अप्रैल में कहा था कि जनवरी में देश भर में कुत्तों के काटने के लगभग 4.30 लाख मामले सामने आए थे, जबकि देशभर में 2024 तक ऐसे मामलों की संख्या 37 लाख थी. 2024 में रेबीज से 54 मौतें दर्ज की गईं, जो 2023 में दर्ज 50 मौतों से अधिक हैं.
आवारा कुत्तों की समस्या
मार्स पेटकेयर द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार भारत में 5.25 करोड़ आवारा कुत्ते हैं, जबकि 80 लाख बेघर कुत्ते आश्रय गृहों में हैं. कई बार आवारा कुत्तों को भोजन देने को लेकर कॉलोनियों में पशु प्रेमी और आम लोगों के बीच झड़प भी हो जाती है.