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राष्ट्रपति मुर्मु का देश को संदेश; भारत-इंडोनेशिया में करार

२५ जनवरी २०२५

इस साल भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है जिसमें इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रावोबो सुबियांतो मुख्य अतिथि हैं. सुबियांतो और प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच बैठक हुई और कई क्षेत्रों में करार किए गए.

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आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंचे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रावोबो सुबियांतो भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ.
आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंचे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रावोबो सुबियांतो भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ.तस्वीर: Channi Anand/AP Photo/picture alliance

इस साल भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रावोबो सुबियांतो बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. इससे पहले राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उनका औपचारिक स्वागत किया. सुबियांतो दो दिन के भारत दौरे पर हैं. वह गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले अब तक के चौथे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति होंगे. 1950 में देश के पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो थे.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का देश के नाम संबोधन

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी और स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया. उन्होंने संविधान सभा की सदस्य रहीं सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर और सुचेता कृपलानी समेत 15 असाधारण महिलाओं का भी जिक्र किया. मुर्मु ने भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता सहित 3 नए कानून लागू करने का जिक्र किया. उन्होंने संबोधन में 'एक देश एक चुनाव' को भी जगह दी और इसे 'नीति-निर्धारण से जुड़ी निष्क्रियता' और वित्तीय बोझ कम करने से जोड़ा.

भारत-इंडोनेशिया के बीच और मजबूत होगा सहयोग

भारत और इंडोनेशिया ने 25 जनवरी को सुरक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल और संस्कृति से जुड़े विषयों पर अहम समझौते पर दस्तखत किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति सुबियांतो के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता भी हुई.

हैदराबाद हाउस में हुई इस बैठक में दोनों देशों ने विज्ञान, तकनीक और शिक्षा के क्षेत्र में आपसी अनुभव साझा करने पर सहमति जताई है.
हैदराबाद हाउस में हुई इस बैठक में दोनों देशों ने विज्ञान, तकनीक और शिक्षा के क्षेत्र में आपसी अनुभव साझा करने पर सहमति जताई है.तस्वीर: Altaf Hussain/REUTERS

बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश रक्षा उत्पादन और सप्लाई चेन में सहयोग बढ़ाने पर राजी हुए हैं. इसके अलावा समुद्री सुरक्षा, साइबर सिक्योरिटी, आतंकवाद विरोधी सहयोग और चरमपंथ घटाने पर भी साथ काम करेंगे. मोदी ने बताया कि भारत, इंडोनेशिया के साथ मिड-डे मील और सरकारी राशन प्रणाली के अपने अनुभव साझा कर रहा है और दोनों देशों ने तय किया है कि विज्ञान, तकनीक और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी जानकारियां साझा की जाएंगी. साथ ही दोनों देशों की आपदा राहत व बचाव एजेंसियां मिलकर अभ्यास करेंगी.

इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुबियांतो ने कहा "उनकी सरकार भारत के साथ आर्थिक भागीदारी बढ़ाएगी और आने वाले समय में आपसी सहयोग को बढ़ावा देगी." सुबियांतो ने ब्रिक्स में इंडोनेशिया की पूर्ण सदस्यता का समर्थन करने के लिए भारत का धन्यवाद किया. सुबियांतो ने कहा, "उभरती अर्थव्यवस्थाओं का यह समूह दुनिया की स्थिरता और क्षेत्रीय सहयोग के लिए बहुत फायदेमंद होगा."

भारत और आसियान देशों के संबंध

इंडोनेशिया समेत दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से भारत के सदियों पुराने सांस्कृतिक रिश्ते हैं. मोदीने कहा कि वर्ष 2025 को भारत-आसियान पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाएगा. उन्होंने रामायण और महाभारत से प्रेरित गाथाओं और 'बाली जात्रा' का जिक्र करते हुए जानकारी दी कि भारत बोरोबुदुर बौद्ध मंदिर के बाद, प्रम्बानन हिन्दू मंदिर के संरक्षण में भी योगदान देगा.

2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' शुरू की थी. इसमें अमेरिका, जापान, कोरिया समेत आसियान समूह के दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ आर्थिक-सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने, रणनीतिक संबंधों को सुदृढ़ करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भूमिका को मजबूत बनाने की कोशिश है की जा रही.

आरएस/एसके

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