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के2 पर्वत पर कुली की मौत हो गई मगर कोई पर्वतारोही नहीं रुका

११ अगस्त २०२३

पिछले महीने के2 पर्वत पर एक कुली की मौत हो गई लेकिन किसी पर्वतारोही ने वहां रुकने या मदद करने की जहमत नहीं उठाई. अब पाकिस्तानी अधिकारी अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोहियों से पूछताछ और जांच करेंगे.

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मोहम्मद हसन एक स्थानीय कुली थे और उनकी मौत के2 शिखर के पास एक चट्टान से गिर कर 27 जुलाई को हुई.
मोहम्मद हसन एक स्थानीय कुली थे और उनकी मौत के2 शिखर के पास एक चट्टान से गिर कर 27 जुलाई को हुई.तस्वीर: Joe Stenson/AFP/Getty Images

के2 दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत है.मोहम्मद हसन एक स्थानीय कुली थे और उनकी मौत शिखर के पास एक चट्टान से गिर कर 27 जुलाई को हुई. मोहम्मद हसन उस समय पर्वतारोहियों के लिए रस्सी ठीक कर रहे थे. उनके गिरने के कारण के बारे में अस्पष्टता बनी हुई है. वहीं नेपाल के एक साथी कुली ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला जिसमें कई पर्वतारोहिय चोटी पर पहुंचने की होड़ में हसन के मृत शरीर के पास से गुजरते हुए दिख रहे हैं.

पर्वतारोहियों से होगी पूछताछ

राहत करीम बेग जांच समिति के सदस्य हैं. उन्होंने समाचार एजेंसी डीपीए से कहा, "हमने प्रारंभिक जानकारी एकत्र कर ली है... और अब हम दुर्घटना के समय वहां मौजूद लोगों से पूछताछ शुरू करेंगे. सबसे महत्वपूर्ण बयान एक दूसरे पोर्टर का होगा जो हसन के साथ रस्सी ठीक कर रहा था और उसने उसे गिरते हुए देखा. हम उनसे पूछताछ करेंगे.''

बेग ने बताया कि कम से कम पांच देशों के पर्वतारोहियों से पूछताछ की जाएगी. इसके जरिये यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या उनकी मदद से कुली की जान बचाई जा सकती थी. विशेषज्ञ ऑस्ट्रियाई पर्वतारोही विल्हेम स्टिंडल ने दुर्घटनास्थल पर कई पर्वतारोहियों के व्यवहार की कड़ी आलोचना की.

हो सकता है कि ऐसी त्रासदी देखकर भी पर्वतारोहीयों ने बिना रुके चलते रहने का निर्णय लिया हो क्योंकि हिमस्खलन का जोखिम था.
हो सकता है कि ऐसी त्रासदी देखकर भी पर्वतारोहीयों ने बिना रुके चलते रहने का निर्णय लिया हो क्योंकि हिमस्खलन का जोखिम था. तस्वीर: Joe Stenson/AFP/Getty Images

मदद करने नहीं रुके पर्वतारोही 

उनके कैमरामैन ने कुछ ड्रोन रिकॉर्डिंग बनाईं. स्टिंडल ने डीपीए को बताया कि तकरीबन 70 पर्वतारोही लगभग 8,300 मीटर पर एक संकीर्ण बिंदु पर मरते हुए व्यक्ति के पास से गुजरे. स्टिंडल खुद माउंट एवरेस्ट पर चढ़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कई पर्वतारोही विश्व की सबसे ऊंची चोटियों तक पहुंचने के रास्ते में रुकना नहीं चाहते थे. वे के2 पर एक बड़ी टीम के साथ एक टीवी प्रोडक्शन के लिए आए थे. जुलाई 27 को वे 8,000 मीटर पर अपने कैंप पर वापस आ गए थे. उनकी टीम के अनुसार उन्होंने ड्रोन की रिकॉर्डिंग वापस लौटने के बाद ही देखी.

 कम से कम पांच देशों के पर्वतारोहियों से पूछताछ की जाएगी.
कम से कम पांच देशों के पर्वतारोहियों से पूछताछ की जाएगी. तस्वीर: Joe Stenson/AFP/Getty Images

अबू जफर सादिक पाकिस्तान के अल्पाइन क्लब के अध्यक्ष हैं, जो कि टूर ऑपरेटरों को नियंत्रित करता है. सादिक ने कहा कि हो सकता है कि ऐसी त्रासदी देखकर भी पर्वतारोहीयों ने बिना रुके चलते रहने का निर्णय लिया हो क्योंकि हिमस्खलन का जोखिम था. पाकिस्तान में K2 पर चढ़ना, दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने से भी ज्यादा कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण माना जाता है. इसकी वजह है खड़ी चढ़ाई और हिमस्खलन का खतरा. अब तक K2 पर केवल 300 लोग ही चढ़ चुके हैं.

डीपीए (एचवी/एनआर)