यूरोप में बुकिंग डॉट कॉम पर मुकदमे की तैयारी
६ अगस्त २०२५यूरोपीय होटल मालिकों का आरोप है कि अमेरिकी इंटरनेट प्लेटफॉर्म बुकिंग डॉट कॉम ने सालों तक उन्हें अपने ग्राहकों को सीधे कम दाम पर कमरे देने से रोका. अब वे इससे हुए नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं. बुकिंग डॉट कॉम के खिलाफ इस पहल को यूरोपीय होटल संगठन होटरेक और 30 से ज्यादा नेशलन एसोसिएशनों का समर्थन मिला है. इनमें जर्मन होटल एसोसिएशन (आईएचए) भी शामिल है. कानूनी लड़ाई के इस मामले की देखरेख होटल क्लेम्स अलायंस फाउंडेशन कर रही है.
बेस्ट प्राइस क्लॉज वाली शर्त से हुआ विवाद
विवाद का मुख्य कारण बुकिंग डॉट कॉम का "बेस्ट प्राइस क्लॉज” है. इसके तहत होटल, अपने कमरे बुकिंग डॉट कॉम की वेबसाइट से कम दाम पर कहीं और, यहां तक कि अपनी वेबसाइट पर भी बेच या ऑफर नहीं कर सकते हैं. होटल संगठनों के मुताबिक, इससे होटलों के दाम तय करने के अधिकार पर चोट पहुंची, प्रतिस्पर्धा घटी और सीधी बुकिंग्स भी कम हुईं.
होटरेक और स्विस होटलियर्स कॉलेज के एक अध्ययन के मुताबिक, बुकिंग डॉट कॉम चलाने वाली कंपनी बुकिंग होल्डिंग्स के पास 2023 में यूरोप का 71 फीसदी बाजार था. हाल के सालों में होटलों को मिलने वाली सीधी बुकिंग लगातार गिरती गई है. होटरेक हॉस्पिटैलिटी सेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अलेक्जांड्रोस वासिलिकोस ने मुताबिक, "यूरोपीय होटलों को लंबे समय से अनुचित शर्तों और अधिक लागत का सामना करना पड़ा है. अब साथ मिलकर न्याय मांगने का वक्त है.”
वासिलिकोस ने कहा, "यह साझा पहल एक साफ संदेश देती है: यूरोप में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री डिजिटल मार्केट के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगी." एक साथ मिलकर लड़े जा रहे इस मुकदमे में होटल, 2004 से 2024 के बीच हुए नुकसान की भरपाई मांग रहे हैं. इसमें भाग लेने या न लेने के लिए होटल स्वतंत्र हैं. मुकदमे को होटलों के लिए रिस्क फ्री बताया गया है.
जर्मन होटल एसोसिएशन (आईएचए) के मैनेजिंग डायरेक्टर मार्कुस लुथे के मुताबिक इस कानूनी मुहिम को जबदस्त समर्थन मिल रहा है. कानूनी लड़ाई में शामिल होने वाले होटलों के लिए समयसीमा 29 अगस्त तक बढ़ा दी गई है.
बुकिंग डॉट कॉम की प्रतिक्रिया
यूरोपीय होटलों ने यूरोपीय न्याय अदालत (ईसीजे) के एक फैसले को इस कानूनी लड़ाई का आधार बनाया है. सितंबर 2024 में ईसीजे ने साफ किया कि प्राइस पैरिटी क्लॉज, सैद्धांतिक रूप से ईयू के प्रतिस्पर्धी कानून का उल्लंघन करता है. अदालत ने इस क्लॉज की आम वैधता को खारिज कर दिया. हालांकि, एम्सटर्डम स्थित अदालत को इस मामले से जुड़े एक खास मुकदमे में अभी अंतिम फैसला सुनाना है.
बुकिंग डॉट कॉम का कहना है कि उसका प्लेटफॉर्म होटलों के लिए कोई बाध्यकारी शर्त नहीं है. प्लेटफॉर्म ने कहा, "ठिकाना मुहैया कराने वाला हमारा हर पार्टनर खुद अपनी डिस्ट्रीब्यूशन और पार्टनरशिप रणनीति तय करने के लिए स्वतंत्र है और वे अपने कमरे जिसे चाहे उसे ऑफर कर सकते हैं." कंपनी के मुताबिक, वह मार्केटिंग, टेक्नोलॉजी और वैश्विक पहचान के लिहाज से होटलों की मदद करती है. उसके प्लेटफॉर्म की असली वैल्यू यहीं छुपी है.