आज ट्रंप से बात करेंगे जेलेंस्की और यूरोपीय नेता
प्रकाशित १३ अगस्त २०२५आखिरी अपडेट १३ अगस्त २०२५मूडीज ने पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग बढ़ाई, अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत
क्रेडिट रेटिंग देने वाली कंपनी मूडीज ने पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग को 'सीएए2' से बढ़ाकर 'सीएए1' कर दिया है. इसका मतलब है मूडीज को लगता है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. कंपनी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का भविष्य स्थिर है. यह फैसला तब आया जब पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने बताया कि देश के आर्थिक हालात सुधर रहे हैं.
इस रेटिंग को बढ़ाने का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मिले बड़े कर्ज के बाद पाकिस्तान द्वारा किए गए आर्थिक सुधार हैं. इन सुधारों से देश की बाहरी वित्तीय स्थिति में सुधार आया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार की आर्थिक नीतियां सही दिशा में काम कर रही हैं.
इस रेटिंग अपग्रेड का सीधा फायदा यह होगा कि अब पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार से कर्ज लेना थोड़ा आसान और सस्ता हो जाएगा. इसका असर पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड पर भी दिखा, जिनकी कीमतें बढ़ गईं और 2022 के बाद के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं.
बिहार का एसआईआर मतदाता-फ्रेंडली है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिहार में चुनाव आयोग द्वारा कराया जा रहा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) 'वोटर-फ्रेंडली' या मतदाता अनुकूल है. न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायाधीश जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह बातें एसआईआर के खिलाफ दायर मुकदमे में चल रही सुनवाई के दौरान कहीं.
पीठ का कहना था कि बिहार में ही 2003 में मतदाता सूची का जो पुनरीक्षण कराया गया था, उसमें मतदाताओं को पहचान के प्रमाण पत्र के रूप में सिर्फ सात प्रकार के कागजात दिखाने की अनुमति थी, जबकि इस बार 11 कागजात की अनुमति दी गई है.
पीठ का कहना था कि यह दिखाता है कि एसआईआर 'वोटर-एक्स्क्लूजनरी' या वोटरों को बाहर करने वाले की जगह 'वोटर-फ्रेंडली' है. न्यायमूर्ति बागची ने कहा कि इससे और विकल्प मिलते हैं.
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आधार, चुनाव पहचान पत्र, बिजली, पानी, गैस कनेक्शन पत्र जैसे कागजात को सूची में नहीं रखा गया है, जो सबसे ज्यादा लोगों के पास होते हैं. मामले पर सुनवाई जारी है. गुरुवार 14 अगस्त को पीठ चुनाव आयोग की दलीलें सुनेगी.
जर्मनी में खराब हो रही है मानवाधिकार की हालत: रिपोर्ट
अमेरिकी विदेश विभाग की 2024 मानवाधिकार रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मानवाधिकार खतरे में हैं. रिपोर्ट के जर्मनी से संबंधित हिस्से में कहा गया है, वर्ष 2024 के दौरान जर्मनी में मानवाधिकारों की स्थिति खराब हुई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जर्मनी में महत्वपूर्ण मानवाधिकार मुद्दों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध और यहूदी विरोध से प्रेरित अपराधों, हिंसा या हिंसा की धमकियों की विश्वसनीय रिपोर्टें शामिल थीं. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जर्मन सरकार ने उन अधिकारियों की जांच, मुकदमा चलाने और दंडित करने के लिए कुछ विश्वसनीय कदम उठाए जिन्होंने मानवाधिकारों का हनन किया.
पिछले वर्षों में वैश्विक मानवाधिकारों की वकालत के लिए एक विश्वसनीय संदर्भ बिंदु माने जानी वाली इस रिपोर्ट की मानवाधिकार समूहों द्वारा आलोचना की गई है. समूहों का कहना है कि रिपोर्ट में वर्तमान अमेरिकी प्रशासन के राजनीतिक उद्देश्यों के अनुरूप कई बातें छोड़ी गई हैं और गलत तरीके से प्रस्तुत की गई हैं.
जर्मनी में शरणार्थियों पर होने वाले अपराधों में कमी
जर्मनी में शरण चाहने वालों और शरणार्थियों के खिलाफ होने वाले अपराधों में 2025 की पहली छमाही में कमी आई है. एक प्रारंभिक पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जून 2025 के बीच ऐसे 648 अपराध दर्ज किए गए, जबकि 2024 की पहली छमाही में यह संख्या 1,236 थी. हालांकि, पुलिस ने यह भी चेतावनी दी है कि कुछ अपराधों की रिपोर्ट देर से मिलती है, जिससे यह संख्या थोड़ी बढ़ सकती है.
दर्ज किए गए ज्यादातर अपराधों में संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, अपमान करना और नफरत फैलाना शामिल था. कुछ मामलों में हिंसक घटनाएं भी हुईं. विपक्षी पार्टी डाई लिंके की एक विशेषज्ञ क्लारा ब्यूंगर ने समाचार एजेंसी डीपीए से कहा कि इस गिरावट को देखकर संतुष्ट नहीं होना चाहिए, क्योंकि कई शरणार्थियों के लिए नस्लीय दुश्मनी और शारीरिक हमले अभी भी रोजमर्रा की वास्तविकता हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राजनेताओं द्वारा शरणार्थियों को एक समस्या के रूप में पेश करने की नीतियों से भी स्थिति बिगड़ती है.
आंकड़ों के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में जर्मनी में 61,336 नए शरण आवेदन प्राप्त हुए, जो 2024 की इसी अवधि की तुलना में लगभग 50 फीसदी कम है. यह गिरावट बाल्कन देशों द्वारा लागू किए गए सख्त सीमा नियंत्रण और सीरिया में राजनीतिक बदलाव के कारण हुई है.
भारत में दस गुना बढ़ी व्हेल के तट पर फंसने की घटनाएं
एक नए अध्ययन के मुताबिक, भारत के दक्षिण-पश्चिमी तटीय इलाकों में व्हेल के फंस जाने के मामले पिछले एक दशक में दस गुना बढ़ गए हैं. व्हेल के इस तरह तट पर फंस जाने कोस्ट्रैंडिंग कहा जाता है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस अध्ययन का नेतृत्व डॉक्टर आर रथीश कुमार ने किया, जो 'मरीन मैमल स्टॉक असेसमेन्ट इन इंडिया' नामक शोध प्रोजेक्ट के मुख्य जांचकर्ता हैं.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के शोध संस्थान सीएमएफआरआई के मुताबिक 2003 से 2013 के बीच सिर्फ 0.3 प्रतिशत स्ट्रैंडिंग हुआ करती थी, लेकिन 2014 से 2023 के बीच यह बढ़ कर तीन प्रतिशत हो गई. 2023 में किए गए प्राथमिक सर्वेक्षण के मुताबिक उस साल अगस्त से नवंबर के बीच ही स्ट्रैंडिंग के नौ मामले सामने आए, जो हाल के सालों में सबसे ज्यादा है.
सीएमएफआरआई का कहना है कि महासागरों के इकोसिस्टमों में बदलाव और कुछ अन्य नृजातीय या ऐंथ्रोपोजेनिक कारणों की वजह से ऐसा हो रहा है. संस्था के मुताबिक यह दिखाता है कि जलवायु परिवर्तन के असर को देखते हुए अलग-अलग प्रांतों के हिसाब से संरक्षण की रणनीतियां अपनाने की जरूरत है.
'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' योजना से 4,000 संस्थान वंचित
शिक्षा मंत्रालय की 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' योजना के तहत 7,008 पात्र संस्थानों में से लगभग 4,000 को अभी तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है. इस बात की जानकारी एक संसदीय समिति ने दी है. इस योजना का उद्देश्य देश भर के शिक्षा संस्थानों को एक ही प्लेटफॉर्म पर शोध पत्र और अन्य शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराना है.
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति ने इस योजना की पहुंच की मौजूदा स्थिति पर जानकारी मांगी है. समिति ने अपनी 364वीं रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया था कि वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना को तेजी से लागू किया जाना चाहिए.
समिति ने यह पाया कि उच्च शिक्षा विभाग की अनुदान मांगों (वित्त वर्ष 24-25) पर अपनी रिपोर्ट में यह कहा गया था कि 7,008 पात्र संस्थानों में से 4,000 संस्थानों को वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन का लाभ नहीं मिल पाया है, जबकि इस योजना को मंजूरी और कार्यान्वयन दोनों मिल चुका है.
भारत 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की दौड़ में शामिल
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों (कॉमनवेल्थ गेम्स) की मेजबानी के लिए भारत की बोली को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी है. इस संबंध में आईओए ने बुधवार को एक विशेष आम बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया. भारत को अपनी अंतिम बोली 31 अगस्त की समय सीमा से पहले जमा करनी होगी.
भारत की बोली के लिए अहमदाबाद को प्रस्तावित मेजबान शहर के रूप में नामित किया गया है. हालांकि, आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने यह भी कहा है कि दिल्ली (जिसने 2010 में खेलों की मेजबानी की थी) और भुवनेश्वर पर भी मेजबान शहरों के रूप में विचार किया जा सकता है. सरकार ने इस आयोजन का पूरा खर्च उठाने की प्रतिबद्धता जताई है.
कनाडा के दौड़ से हटने के बाद 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी हासिल करने की भारत की संभावनाएं बढ़ गई हैं. आईओए के अधिकारियों ने बताया कि भारत 2030 के खेलों को एक पूर्ण और समावेशी संस्करण के रूप में आयोजित करना चाहता है, जिसमें हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती और निशानेबाजी जैसे सभी मेडल-अर्जित करने वाले खेल शामिल होंगे.
इसके अलावा, कबड्डी और खो-खो जैसे पारंपरिक भारतीय खेलों को भी शामिल करने की योजना है. मेजबान देश का अंतिम निर्णय नवंबर के अंत में ग्लासगो में राष्ट्रमंडल खेल महासभा द्वारा लिया जाएगा.
पुतिन से मिलने से पहले ट्रंप से बात करेंगे जेलेंस्की और यूरोपीय नेता
जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की मेजबानी कर रहे हैं. यह बैठक ट्रंप के अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने से ठीक दो दिन पहले हो रही है. इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में जेलेंस्की के साथ-साथ जर्मनी, फिनलैंड, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली और पोलैंड के नेता भी शामिल होंगे.
यूरोपीय संघ और नाटो के अधिकारी भी इस बैठक में भाग ले रहे हैं. जेलेंस्की को उम्मीद है कि यह बैठक अलास्का में होने वाले शिखर सम्मेलन के खिलाफ एक मजबूत यूरोपीय प्रतिरोध के रूप में काम करेगी. ट्रंप ने पुतिन के साथ अपनी मुलाकात को युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों वाला सत्र बताया है.
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के तीन साल से अधिक समय बाद यह ट्रंप और पुतिन की पहली मुलाकात होगी. ट्रंप ने पहले कहा था कि युद्ध समाप्त करने के लिए कीव और मॉस्को दोनों को जमीन छोड़नी पड़ेगी. ऐसे में, यूरोपीय नेताओं ने बार-बार जोर देकर कहा है कि वे ट्रंप के शांति प्रयासों का स्वागत करते हैं, लेकिन यह भी साफ कर दिया है कि यूक्रेन के बारे में कोई भी सौदा यूक्रेन की भागीदारी के बिना नहीं होना चाहिए.
भारत एक बूंद पानी नहीं छीन सकता: शहबाज शरीफ
पानी को राष्ट्र के जीवन के लिए रक्त के समान बताते हुए, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने साफ किया कि सिंधु नदी के प्रवाह को रोकने की किसी भी कोशिश का कड़ा जवाब दिया जाएगा. उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान द्वारा भारत से सिंधु जल संधि के सामान्य कामकाज को फिर से शुरू करने का आग्रह करने के बाद आई है, जिसे नई दिल्ली ने मई से निलंबित कर रखा है.
इस्लामाबाद में मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में शरीफ ने कहा, "मैं आज दुश्मन को बता देना चाहता हूं कि अगर वह पानी रोकने की धमकी देता है तो याद रखना पाकिस्तान का एक बूंद पानी भी छीना नहीं जा सकता." उन्होंने कहा, "उसने हमारा पानी रोकने की धमकी दी. अगर उसने ऐसा कोई कदम उठाया तो पाकिस्तान ऐसा सबक सिखाएगा जिसे वह कभी नहीं भूलेगा."
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के तुरंत बाद भारत ने 1960 के इस समझौते को स्थगित कर दिया था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि भारत इस ऐतिहासिक समझौते को कभी बहाल नहीं करेगा. 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे. यह संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी. संधि में रेखांकित किया गया था कि कैसे भारत और पाकिस्तान, दोनों सिंधु नदी के पानी का इस्तेमाल करेंगे.
आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीजेआई करेंगे गौर
भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा है कि वो आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर सकते हैं. इसी मामले पर दायर की गई एक अन्य जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा कि इस मामले पर तो अदालत की एक पीठ पहले ही आदेश दे चुकी है.
इस पर याचिकाकर्ता ने उन्हें बताया कि मई 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने ही आवारा कुत्तों के मामलों को हाई कोर्टों में भेज दिया था. साथ ही अदालत ने यह भी कहा था सभी आवश्यक कदम इस विषय से संबंधित मौजूदा कानून को ध्यान में रखते हुए उठाए जाएं और "सभी जीवों के प्रति संवेदना संवैधानिक मूल्य है." इस पर सीजेआई गवई ने कहा, "मैं इस मामले पर गौर करूंगा."
11 अगस्त को न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने दिल्ली सरकार, एमसीडी, एनडीएमसी, नॉएडा और गुरुग्राम के अधिकारियों को आवारा कुत्तों को जल्द से जल्द हटाने का आदेश दिया था. साथ ही पीठ ने यह भी कहा था कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन कुत्तों को हटाने के रास्ते में आया तो अदालत उनके खिलाफ अदालत के अवमानना जैसे कड़े कदम उठाएगी.
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति युन की पत्नी गिरफ्तार
दक्षिण कोरिया की पूर्व फर्स्ट लेडी किम कियोन-ही को गिरफ्तार कर लिया गया है. ऐसा पहली बार हुआ है जब देश के किसी पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी को गिरफ्तार किया गया है. किम पर स्टॉक धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी और प्रभाव का इस्तेमाल करने जैसे कई गंभीर आरोप हैं, जिनके लिए उन्हें कई साल की जेल हो सकती है.
किम पर कई आरोप लगे हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- स्टॉक हेरफेर: उन पर एक स्थानीय बीएमडब्ल्यू डीलरशिप कंपनी के स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करके 80 करोड़ वॉन (लगभग 6 लाख डॉलर) से अधिक का मुनाफा कमाने का आरोप है.
- महंगे तोहफे: उन पर एक धार्मिक समूह से रिश्वत के तौर पर हीरे का हार और 14,500 डॉलर के दो बैग लेने का आरोप है. यह समूह अपने व्यापारिक हितों के लिए उनके प्रभाव का इस्तेमाल करना चाहता था.
- अघोषित गहने: 2022 में उन्होंने एक नाटो शिखर सम्मेलन में 43,000 डॉलर का एक महंगा पेंडेंट पहना था, जिसकी जानकारी उन्होंने अपने वित्तीय विवरण में नहीं दी थी. हालांकि किम ने दावा किया कि यह एक नकली हार था, लेकिन अभियोजन पक्ष ने इसे असली पाया है.
किम की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब उनके पति युन सुक योल पर भी मुकदमा चल रहा है. युन को अप्रैल 2025 में मार्शल लॉ लगाने के असफल प्रयास के बाद पद से हटा दिया गया था. उन पर विद्रोह जैसे गंभीर आरोप हैं, जिसके लिए उन्हें आजीवन कारावास या मौत की सजा भी हो सकती है.
माक्रों ने कैमरून में फ्रांसीसी औपनिवेशिक दमन को स्वीकारा
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कैमरून में फ्रांस द्वारा किए गए औपनिवेशिक दमन को स्वीकार किया है. यह सहमति ऐसे समय में आई है जब अफ्रीकी नेता महाद्वीप में फ्रांस की निरंतर उपस्थिति पर पुनर्विचार कर रहे हैं.
माक्रों ने पिछले महीने अपने कैमरून के समकक्ष पॉल बिया को भेजे गए एक पत्र में, 1950 के दशक में कैमरून के अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ते समय फ्रांसीसी औपनिवेशिक सैनिकों द्वारा इस्तेमाल की गई दमनकारी हिंसा को स्वीकार किया है. माक्रों के कार्यालय द्वारा मंगलवार को यह पत्र सार्वजनिक किया गया. यह स्वीकारोक्ति ऐसे समय में आई है जब अफ्रीका के अपने पूर्व उपनिवेशों में फ्रांस की वर्तमान उपस्थिति पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं.
फ्रांस द्वारा 2022 में जारी की गई एक आधिकारिक रिपोर्ट में पाया गया था कि कैमरून की स्वतंत्रता की आकांक्षाओं से लड़ने के उद्देश्य से, फ्रांस ने बड़े पैमाने पर जबरन लोगों को विस्थापित किया, कई कैमरूनवासियों को नजरबंदी शिविरों में धकेला, और अपनी क्रूरता के लिए कुख्यात मिलिशिया का समर्थन किया.
स्वतंत्रता दिवस पर कुछ राज्यों में 'मीट बैन' का हो रहा विरोध
इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कुछ राज्यों में नगरपालिकाओं ने मांस बेचने वाली दुकानों और बूचड़खानों को बंद रखने के आदेश दिए हैं. अब इन राज्यों में इस फैसले का विरोध देखने को मिल रहा है.
एआईएमआईएम नेता और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर लिखा कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम ने भी ऐसे आदेश जारी किए हैं, जो एक "संवेदनाहीन और असंवैधानिक" आदेश है. ओवैसी ने सवाल उठाया है कि मांस खाने और स्वतंत्रता दिवस मनाने में क्या संबंध है?
महाराष्ट्र के कई इलाकों में भी नगर निगमों ने ऐसे आदेश जारी किए हैं, लेकिन वहां भी इन आदेशों का विरोध किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार ने भी विरोध किया है और कहा है कि इस तरह का "बैन" लगाना गलत है.
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि शिवसेना (उद्धव) नेता आदित्य ठाकरे ने भी इन आदेशों का विरोध किया है और कहा है कि "हम स्वतंत्रता दिवस पर क्या खाते हैं यह हमारा अधिकार है, हमारी आजादी है...आप हमारे घर में क्यों घुस रहे हैं? नगर निगम को सड़कों पर गड्ढों जैसे विषयों पर ध्यान देना चाहिए."
भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ 'अच्छे' संबंध हैं: अमेरिका
पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की अमेरिका यात्रा के बाद, वॉशिंगटन ने दोहराया है कि भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ उसके संबंध "अपरिवर्तित" हैं और उसके राजनयिक "दोनों राष्ट्रों के प्रति प्रतिबद्ध" हैं.
अपनी दो महीने में दूसरी अमेरिकी यात्रा के दौरान, पाकिस्तानी फील्ड मार्शल ने भारत के खिलाफ परमाणु युद्ध शुरू करने और "आधी दुनिया को खत्म करने" की धमकी दी थी.
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने विदेश विभाग की ब्रीफिंग में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के उस दावे को दोहराया जिसमें हाल के सैन्य संघर्ष के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम में अमेरिका की संलिप्तता का जिक्र था. उन्होंने कहा कि यह वाशिंगटन के लिए एक बहुत गर्व का क्षण था कि वह उस संभावित तबाही को रोकने में शामिल था.
ब्रूस ने कहा, "पाकिस्तान और भारत के साथ हमारा एक अनुभव रहा है, जब एक संघर्ष हुआ था, जो काफी भयानक हो सकता था. उप राष्ट्रपति जेडी वेंस, राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जो हो रहा था, उसे संबोधित करने में तत्काल चिंता और कार्रवाई दिखाई."
गौरतलब है कि मुनीर ने दो महीने से भी कम समय में दूसरी बार अमेरिका का दौरा किया है. मुनीर रविवार को अमेरिकी शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के साथ कई उच्च-स्तरीय बैठकों के लिए वॉशिंगटन पहुंचे थे.