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विरोध-प्रदर्शनों के बीच जर्मनी में लाया गया परमाणु कचरा

२ अप्रैल २०२५

सात कंटेनरों में भरा रेडियोधर्मी परमाणु कचरा उत्तरी जर्मनी के एक बंदरगाह से बवेरिया राज्य में लाया जा रहा है. परमाणु ऊर्जा विरोधी कई समूहों ने प्रशासन के इन कदमों का विरोध किया है.

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समुद्री जहाज से रेडियोधर्मी कचरे का कंटेनर उतारती एक बड़ी क्रेन
उत्तरी जर्मनी के नॉर्दनहाम बंदरगाह पर रेडियोधर्मी कचरे का कंटेनर उतारती एक बड़ी क्रेन. तस्वीर: Sina Schuldt/dpa/picture alliance

अत्यधिक रेडियोधर्मी परमाणु कचरे से भरे सात कंटेनर 1 अप्रैल को उत्तरी जर्मनी के नॉर्दनहाम बंदरगाह पर एक विशाल जहाज से उतारे गए. यह परमाणु कचरा उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड के सेलाफील्ड से दक्षिणी जर्मनी के बवेरिया राज्य में स्थित नीडरऐकबाख के अस्थायी भंडारण स्थल तक ले जाया जा रहा है.

कंटेनरों को बंदरगाह से भंडारण केंद्र तक रेल के जरिए ले जाया जाएगा. यह कचरा जर्मनी के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से निकाले गए ईंधन तत्वों के दोबारा शोधन के बाद बचा है.

13 फीट लंबे और 100 टन से अधिक वजनी कंटेनरों में से पहला, मंगलवार को एक बड़ी क्रेन के जरिए "पैसिफिक ग्रीब" ट्रांसपोर्ट जहाज से उतारा गया. इसके बाद विकिरण स्तर मापने की प्रक्रिया पूरी की गई ताकि सेलाफील्ड में लिए गए माप के साथ आंकड़ों का मिलान किया जा सके.

संवेदनशीलता और कानून-व्यवस्था के मद्देनजर नॉर्दनहाम बंदरगाह को सील कर दिया गया है और भारी हथियारों से लैस पुलिसकर्मी लगातार सुरक्षा में जुटे हैं. यहां परमाणु ऊर्जा विरोधी कई समूह विरोध-प्रदर्शन के लिए जुटे थे.

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विरोध की वजह

प्रदर्शनकारी समूह आउसगेसट्राल्ट के हेल्गे बाउअर ने कहा, "हर (रेडियोधर्मी) कंटेनर बहुत बड़ा खतरा लेकर चलता है. इसलिए परमाणु कचरे को एक बार में ही स्थायी भंडारण स्थल तक ले जाया जाना चाहिए." आने वाले दिनों में इस कचरे को ले जाने वाली ट्रेन के संभावित मार्ग पर, जिसमें ब्रेमन और गोटिंगन शहर शामिल हैं, विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है.

जर्मनी में एक हथियारबंद पुलिसकर्मी
परमाणु ऊर्जा समूहों के विरोध के मद्देनजर नॉर्दनहाम बंदरगाह पर पूरी प्रक्रिया के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी.तस्वीर: Sina Schuldt/dpa/picture alliance

जर्मनी में परमाणु संयंत्र नहीं, तो कचरा कहां से आया? 

जर्मनी ने 2003 से परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल चरणबद्ध तरीके से बंद करना शुरू किया था. 2011 में जापान की फुकुशिमा परमाणु आपदा के बाद इस प्रक्रिया को और तेज कर दिया गया. जर्मनी के आखिरी बचे परमाणु ऊर्जा संयंत्र 2023 में बंद कर दिए गए थे.

लेकिन जर्मनी अभी भी अपने संयंत्रों से निकले परमाणु कचरे को वापस लेने के लिए बाध्य है. 2005 तक इस कचरे को नियमित रूप से सेलाफील्ड और फ्रांस के ला हेग री-प्रोसेसिंग केंद्रों में भेजा जाता था. प्रोसेस किए जर्मन परमाणु कचरे को वापस देश में लाने का अक्सर विरोध होता रहा है.

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सोसाइटी फॉर न्यूक्लियर सर्विस (जीएनएस) के मुताबिक, 1995 और 2011 के बीच 100 से ज्यादा कैस्टर कंटेनर ला हेग से लोअर सैक्सनी राज्य के गोरलेबेन तक लाए गए. अंतिम चार कंटेनरों को 2024 में बाडेन-वुर्टेमबर्ग के फिलिप्सबुर्ग ले जाया गया था. इसके अलावा 2020 में सेलाफील्ड से हासे राज्य के बिबलिस तक छह कंटेनर लाए गए थे और अभी सात कंटेनर आने बाकी हैं.

नॉर्दनहाम बंदरगाह के पास परमाणु कचरे का कंटेनर उतारती एक क्रेन
ब्रिटेन के सेलाफील्ड के अलावा फ्रांस के ला हेग में भी जर्मनी अपना परमाणु कचरा ट्रीटमेंट के लिए भेजता था. तस्वीर: Sina Schuldt/dpa/picture alliance

परमाणु कचरा कहां रखता है जर्मनी? 

रेडियोधर्मी कचरे के सुरक्षित निपटारे का काम देखने वाली जर्मनी की संघीय एजेंसी (बीजीई) अभी भी 27,000 घन मीटर परमाणु कचरे को स्थायी रूप से जमीन के नीचे स्टोर करने के लिए उपयुक्त जगह की पहचान करने में जुटी है. यह जर्मनी में परमाणु ऊर्जा उत्पादन के 60 वर्षों के दौरान जमा हुआ कचरा है.

सैकड़ों-हजारों वर्षों तक रेडियोधर्मी रह सकने वाला परमाणु कचरा वर्तमान में जमीन पर बने 16 अस्थायी केंद्रों में जमा है. लेकिन इन्हें हमेशा वहां नहीं रखा जा सकता. बीजीई की अधिकारी लीसा सिडल ने नवंबर 2024 में सरकारी प्रसारक एनडीआर को बताया था कि एजेंसी तकनीकी पहलुओं पर काम कर रही है ताकि ऐसी जगह की पहचान हो सके जो रेडियोधर्मी परमाणु कचरे के मामले में सबसे अच्छी सुरक्षा प्रदान करती हो.

आरएस/सीके (डीपीए, एनडीआर)

धरती से आधा किलोमीटर नीचे परमाणु हथियारों का कचरा