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कानून और न्यायभारत

एयर इंडिया क्रैश की मीडिया रिपोर्टें, कयास और जल्दबाजी

१९ जुलाई २०२५

अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड की प्रमुख ने एयर इंडिया के अहमदाबाद क्रैश से जुड़ी मीडिया रिपोर्टों पर शक जाहिर किया है. कई मीडिया रिपोर्टों में मृतक पायलटों को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.

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अहमदाबाद में क्रैश हुए एयर इंडिया के विमान का पीछे का हिस्सा
तस्वीर: PUNIT PARANJPE/AFP

अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) की प्रमुख जेनिफर होमेंडी ने 18 जुलाई को इंडिया क्रैश से जुड़ी हालिया मीडिया रिपोर्टों की आलोचना की. सोशल नेटवर्किंग साइट, एक्स पर एक पोस्ट में एनटीएसबी ने कहा, "एयर इंडिया 171 क्रैश से जुड़ी हालिया मीडिया रिपोर्टें जल्दबाजी और अटकलों से भरी हैं. भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट अभी जारी ही की है. इतने बड़े स्तर की जांच में समय लगता है. हम पूरी तरह गुरुवार को जारी की गई एएआईबी की सार्वजनिक अपील का समर्थन करते हैं, और हम जारी जांच में मदद करते रहेंगे. जांच से जुड़े सारे सवाल एएआईबी से किए जाने चाहिए." 

एनटीएसबी के इस बयान की अहमियत

अहमदाबाद में 12 जून को हुए इस क्रैश की शुरुआती रिपोर्ट 12 जुलाई को जारी की गई. 15 पन्नों की इस रिपोर्ट में एएआईबी ने कहा कि टेकऑफ के दौरान विमान के हवा में उठते ही ईंधन स्विच बंद हुए. पहले इंजन वन को ईंधन सप्लाई करने वाला स्विच बंद हुआ और इसके एक सकेंड बाद इंजन दो का स्विच बंद हुआ. इसके बाद दोनों पायलटों के बीच फ्यूल स्विच को लेकर बात भी हुई और फिर 10 सेकेंड बाद फ्यूल स्विच फिर से रन (ऑन) पोजिशन में आ गए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. विमान ऊपर उठते हुए आगे बढ़ने के लिए जरूरी ताकत पूरी तरह खो चुका था.

एएआईबी की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दोनों पायलटों के बीच ईंधन के स्विच बंद करने संबंधी बातचीत दर्ज हुई. इस दौरान एक पॉयलट ने दूसरे से पूछा कि क्या आपने फ्यूल स्विच बंद किया है, दूसरे ने जवाब दिया मैंने नहीं किया.

बोइंग B787-900 का कॉकपिट
AAIB की शुरुआती रिपोर्ट में कॉकपिट के ऐसे ही फ्यूल स्विचों का जिक्र हैतस्वीर: Lex Rayton/imageBROKER/picture alliance

इसके बाद कई देशी और विदेशी मीडिया संस्थानों ने कॉकपिट में झगड़ा, पायलटों की गलती, एक पायलट का जानबूझकर ईंधन की सप्लाई बंद करना, या आत्महत्या की कोशिश जैसी रिपोर्टें प्रकाशित की. प्रिंट मीडिया से लेकर टीवी स्टूडियो और यूट्यूब चैनलों तक में ऐसी जानकारी खूब फैली. मीडिया रिपोर्टों में शुरुआती जांच रिपोर्ट की भी निंदा की गई और कहा गया कि ये पर्याप्त जानकारी नहीं देती है.

इसके बाद भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो को भी अपील करनी पड़ी कि ये रिपोर्टें पूरी तरह सही नहीं हैं और मामले की विस्तृत जांच से पहले कुछ नहीं कहा जा सकता. भारत में पायलटों की एसोसिएशन ने भी जानबूझकर क्रैश करने जैसी रिपोर्टों पर कड़ी आपत्ति जाहिर की.

अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान की क्रैश साइट
हादसे के बाद मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल का बड़ा हिस्सा जल गयातस्वीर: Saurabh Sirohiya/NurPhoto/picture alliance

शुरुआती रिपोर्ट के बाद कैसे शुरू हुई अटकलें

एएआईबी की शुरुआती रिपोर्ट के बाद कहा जाने लगा कि फर्स्ट अफसर क्लाइव कुंदर विमान उड़ा रहे थे और कैप्टन सुमित सबरवाल निगरानी कर रहे थे.

12 जून को हुए उस हादसे में 260 लोगों की मौत हुई. विमान में चालक दल के 12 सदस्यों के साथ 230 यात्री सवार थे. लंदन के गेटविक के लिए निकला एयर इंडिया का वह बोइंग ड्रीमलाइनर विमान, अहमदाबाद एयरपोर्ट की चाहरदीवारी से जरा आगे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में गिरा. हादसे में कई छात्र भी मारे गए. क्रैश में किसी चमत्कार की तरह सिर्फ एक विमान यात्री ही जीवित बचा.

नागरिक उड्डयन को सुरक्षित बनाने के लिए हुई अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत यात्री विमान के हादसे से जुड़ी प्राथमिक या शुरुआती रिपोर्ट हादसे के बाद 30 दिन के भीतर पेश करनी होती हैं. भारत के एएआईबी ने अपनी रिपोर्ट जिस तरह बिना संदर्भ के चुनिंदा जानकारियों का जिक्र किया, उसने अटकलों को बल दिया.