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अर्थव्यवस्थासंयुक्त राज्य अमेरिका

संकट में बैंकों की भूमिका पर रिसर्च को इस साल का नोबेल

१० अक्टूबर २०२२

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के पूर्व प्रमुख बेन बेरनैंकी, डगलस डायमंड और फिलिप डिबविग को इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है.

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2022 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
बैंकों की भूमिका पर रिसर्च के लिए इस साल का नोबेल पुरस्कार दिया गया हैतस्वीर: Anders Wiklund/AP/TT News Agency/dpa/picture alliance

रॉयल स्वीडिश एकेडमी फॉर साइंस ने सोमवार को नोबेल विजेताओं के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि "बैंकों और आर्थिक संकटों" पर किये उनके रिसर्च के लिए यह पुरस्कार दिया जायेगा.

अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार समिति के सदस्य जॉन हैसलर ने कहा, "बेन बेरनैंकी ने 1983 में सांख्यिकीय विश्लेषणों और ऐतिहासिक स्रोतों के साथ अपने पेपर में दिखाया कि बैंक चलाने के तौर तरीकों ने बैंक को नाकाम कर दिया और यही वो तरीका था जिसने एक मामूली मंदी को 30 के दशक में दुनिया की सबसे नाटकीय मंदी में बदल दिया जिसके बाद हमने आधुनिक इतिहास का सबसे बड़ा संकट देखा."

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बैंकों की भूमिका

इन अर्थशास्त्रियों के रिसर्च ने दिखाया है कि किस तरह से बैंकों की नाकामी दुनिया के लिए एक बड़ा आर्थिक संकट बन सकती है. इन तीनों अर्थशास्त्रियों 1989 की दशक के शुरुआती सालों में अपनी रिसर्च के जरिये यह बताया कि आर्थिक बाजारों को नियम कानूनों में बांध कर रखना कितना जरूरी है और साथ ही आर्थिक संकट से कैसे निबटा जाये.

एकेडमी ने यह भी कहा है, "बेन बेरनैंकी, डगलस डायमंड और फिलिप डिबविग ने अर्थव्यवस्था में खासतौर से आर्थिक संकट के दौर में बैंकों की भूमिका के बारे में हमारी समझ को बहुत बेहतर किया है. रिसर्च की एक अहम खोज यह रही है कि बैंकों को नाकाम होने से बचाना क्यों जरूरी है."

68 साल के बेरनैंकी 2006 से 2014 के बीच फेडरल रिजर्व के प्रमुख रहे हैं. डगलस डायमंड शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैं जबकि डिबविग सेंट लुईस में वॉशिंगटन यूनवर्सिटी के प्रोफेसर हैं. 2008-09 की आर्थिक मंदी में भी इन्हीं अर्थशास्त्रियों के सिद्धांत पर चलते हुए अमेरिका में बैंकों को बचाने की कोशिश की गई थी जिससे कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को संभाला जा सके. हालांकि इस कदम की काफी आलोचना भी हुई और बहुत से आम लोगों को नुकसान हुआ.

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अर्थशास्त्र का नोबेल

अर्थशास्त्र में नोबेल विजेता ज्यादातर अमेरिका के ही रहे हैं. अब तक केवल दो महिलायें ही यह पुरस्कार जीत सकी हैं. इनमें से एलिनॉर ओस्ट्रोम ने 2009 में और एस्थर डुफ्लो को 2019 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला था. पिछले साल यह पुरस्कार कनाडा के डेविड कार्ड, इस्रायली अमेरिकी जोशुआ एंग्रिस्ट और डच अमेरिकी गीडो इमबेंस को दिये गये थे.

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अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल नाम पर बने पांच पुरस्कारों में शामिल नहीं था. इसे बहुत बाद में स्वीडन की केंद्रीय बैंक ने शुरू किया. पहली बार 1969 में यह पुरस्कार दिये गये. इस पुरस्कार का पूरा नाम है स्वेरिजेस रिस्कबांक प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज इन मेमरी ऑफ अल्फ्रेड नोबेल. इसके लिए भी पुरस्कार की राशि उतनी ही यानी करीब 9 लाख डॉलर है इसके साथ मेडल भी दिया जाता है. सभी विजेताओं को स्टॉकहोम में 10 दिसंबर को पुरस्कार दिये जायेंगे.

इस घोषणा के साथ ही इस साल के सभी श्रेणी में नोबेल विजेताओं के नाम का एलान पूरा हो गया है. भौतिकी, रसायन, चिकित्सा, साहित्य और शांति पुरस्कारों की घोषणा पिछले हफ्ते ही हो चुकी है.

एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स, एएफपी)