रंग-बिरंगे कपड़े हमारी आम जिंदगी का हिस्सा हैं, लेकिन कुदरत को इन रंगों की भारी कीमत चुकानी पड़ती है, जो आखिरकार इंसानों और जानवरों दोनों को बड़ा नुकसान पहुंचाती है. तमिलनाडु का तिरुप्पुर कपड़ा उद्योग का बड़ा गढ़ है. इस उद्योग के कारण हजारों लोगों को रोजी-रोटी मिलती है, लेकिन प्रदूषण भी बहुत होता है. अब यहां ईको-फ्रेंडली रंगों से रंगे कपड़ों की मांग बढ़ रही है.