4.6 अरब रुपये में बिकी मर्सिडीज
मर्सिडीज की यह कार साढ़े चार अरब रुपये से ज्यादा में बिकी है. इस नीलामी के बाद यह कार ग्रां प्री की अब तक की सबसे महंगी कार बन गई है. ऐसा क्या खास है इसमें?
4.6 अरब की कार
जर्मनी के श्टुटगार्ट में आरएम सॉदबी की नीलामी में 1955 मर्सिडीज डब्ल्यू196 आर स्ट्रीमलाइनवागन कार को 511.55 लाख यूरो यानी लगभग 4 अरब 59 करोड़ 91 लाख 92 हजार रुपये में बेचा गया.
सबसे महंगी ग्रां प्री कार
यह बिक्री अब तक की सबसे महंगी नीलाम हुई ग्रांड प्री कार बन गई है. इस कार को महान रेसिंग ड्राइवर स्टर्लिंग मास और हुआन मैनुएल फेंगियो ने चलाया था.
कम ही लगी बोली
कार की अनुमानित कीमत 50 मिलियन यूरो से अधिक थी और बोली 40 मिलियन यूरो से शुरू हुई और 5 मिलियन यूरो बढ़कर 46.5 मिलियन यूरो पर रुकी. उसके ऊपर बायर्स प्रीमियम लगता है, जिससे कुल कीमत एक नया रिकॉर्ड बन गया.
2013 का रिकॉर्ड टूटा
इससे पहले किसी ग्रां प्री कार के लिए सबसे महंगी नीलामी का रिकॉर्ड 1954 की मर्सिडीज डब्ल्यू196 के नाम था, जिसे 2013 में गुडवुड में 296 लाख डॉलर में बेचा गया था.
सबसे महंगी कार
अब तक की सबसे महंगी नीलाम हुई कार 1955 मर्सिडीज 300एसएलआर उह्लेनहाउट कूपे है, जिसे मई 2022 में 13.5 करोड़ यूरो में बेचा गया था.
म्यूजियम की मरम्मत के लिए
इस डब्ल्यूए196 आर मर्सिडीज कार को 1965 में इंडियानापोलिस मोटर स्पीडवे म्यूजियम को कंपनी ने ही दान किया था. इसे म्यूजियम की मरम्मत के लिए धन जुटाने के वास्ते बेचा गया है.
पहले सिगार की आकार की थी
फैंगियो ने इस कार से 1955 ब्यूनस एयर्स ग्रांड प्री में जीत दर्ज की थी, हालांकि उस समय यह पारंपरिक सिगार-आकार की बॉडी में थी.
इटैलियन ग्रां प्री में दौड़ी थी
बाद में स्टर्लिंग मॉस ने इसी कार को 1955 इटैलियन ग्रां प्री, मोंजा में स्ट्रीमलाइन बॉडी के साथ चलाया. उन्होंने 215.7 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत गति से सबसे तेज लैप बनाया, लेकिन रेस पूरी नहीं कर पाए.
ग्रां प्री में मर्सिडीज
1955 सीजन के बाद मर्सिडीज ने फैक्ट्री-समर्थित फॉर्मूला वन रेसिंग से संन्यास ले लिया और 1994 में इंजन उपलब्ध कराने के साथ वापसी की. 2010 में मर्सिडीज ने पूरी तरह से एक टीम के रूप में वापसी की. वीके/एवाई (रॉयटर्स)