लोकसभा चुनाव जीतने का बीजेपी का आत्मविश्वास दिखा रहा है बजट
१ फ़रवरी २०२४"हम 2047 तक विकसित भारत बनाने की कोशिश कर रहे हैं" - इन्हीं शब्दों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना बजट भाषण पढ़ना शुरू किया. यह एक अंतरिम बजट था क्योंकि मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल का समापन नजदीक है.
जल्द ही लोकसभा चुनावों की घोषणा की उम्मीद की जा रही है. सरकारें लोक सभा के आखिरी साल में अंतरिम बजट ही लेकर आती हैं. चुनाव बाद नई सरकार पूरे साल का बजट ले कर आती है.
लोकलुभावन घोषणाएं गायब
अपने बजट भाषण में सबसे पहले सीतारमण ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार के खर्च की योजना सामने रखी और बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इसे बढ़ा कर 11.11 लाख करोड़ कर दिया गया है. एनडीए सरकार ने किस तरह "समावेश" के हर पहलु को आगे बढ़ाने की कोशिश की है, यह बताने पर उनका विशेष ध्यान रहा.
फिस्कल डेफिसिट यानी वित्तीय घाटे के 2023-24 में 5.8 प्रतिशत और 2024-25 में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. कई समीक्षकों को 2023-24 के लिए वित्तीय घाटे के 5.9 रहने अनुमान था, लेकिन सरकार ने उनके आकलन से बेहतर तस्वीर पेश की है.
टैक्स दरों को जस का तस रखा गया है, मनरेगा पर खर्च से भी छेड़छाड़ नहीं की गई है और खाद्य, उर्वरक और ईंधन पर सब्सिडी में आठ प्रतिशत की कटौती की गई है. यानी कुल मिला कर लोकलुभावन घोषणाओं से बजट को दूर रखा गया है.
कुछ जानकारों का कहना है कि यह सभी बीजेपी के आत्मविश्वास के संकेत हैं. कैपिटल इकोनॉमिक्स के शीलन शाह ने बताया, "यह इस बात का संकेत है कि सत्ताधारी बीजेपी आगामी चुनावों में एक और बड़ी जीत हासिल करने को लेकर काफी आश्वस्त है."
कई घोषणाएं बिना रोडमैप के
वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की अगले पांच सालों में सरकार दो करोड़ अफोर्डेबल मकान बनवाएगी. उनके मुताबिक ऐसे तीन करोड़ मकान पहले से बन चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मध्यम वर्ग के लिए भी एक आवासीय योजना शुरू की जाएगी, लेकिन इसके बारे में और कोई जानकारी उन्होंने नहीं दी.
सीतारमण ने रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए युवाओं के लिए कौशल विकास की योजना लाने का और छोटे और मझौले उद्योगों को प्रोत्साहन देने का भी वादा किया. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करेगी.
वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इकोसिस्टम को भी और मजबूत करने के लिए उनके भारत में उत्पादन और चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण को समर्थन देगी. हालांकि इस योजना पर सरकार कितना खर्च करेगी और कब तक करेगी यह जानकारी उन्होंने नहीं दी.
(रॉयटर्स, एपी से इनपुट के साथ)