ईरान में बाजार बंद, सड़कों पर उतरे लोग
ईरान में महसा अमीनी की मौत के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. उन्हें सिर ढकने का नियम न मानने के आरोप में ईरान की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कस्टडी में हुई पिटाई की वजह से 22 साल की अमीनी की मौत हो गई.
अखबारों पर महसा अमीनी की तस्वीर
ईरानी अखबारों के फ्रंट पेज पर महसा अमीनी की दर्दनाक मौत की खबर प्रमुखता से छापी गई.
अंतिम संस्कार में हजारों की भीड़
तेहरान के अस्पताल में मौत के बाद महसा अमीनी का शव अंतिम संस्कार के लिए उनके गृह क्षेत्र कुर्दिस्तान के सक्केज शहर लाया गया, जहां हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए.
कुर्दिस्तान के बाजारों में पसरा सन्नाटा
कुर्द नेताओं के आह्वान के बाद, कुर्दिस्तान में बाजार बंद कर लोग हड़ताल पर चले गए.
सड़कों के साथ-साथ ऑनलाइन विरोध जारी
लोग सड़क पर उतर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. कई महिलाओं ने कानूनों की अवहेलना की और सार्वजनिक रूप से हिजाब जलाकर या वीडियो बनाकर हैशटैग #NotoHijab के साथ उन्हें ऑनलाइन अपलोड कर विरोध जताया.
सड़कों पर भारी सुरक्षाबलों की मौजूदगी
विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए सक्केज शहर में सुरक्षाबलों की भारी मौजूदगी थी. लेकिन इसके बावजूद लोग सड़कों पर उतर आए.
विरोध प्रदर्शन के दौरान कई घायल
सक्केज में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस हमले में कई लोगों के घायल होने की खबरें हैं.
एमनेस्टी और ह्यूमन राइट्स वॉच ने की निंदा
सक्केज में महसा अमीनी की कब्र. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने महसा की मौत की आपराधिक जांच की मांग की है और देश में "अत्याचारी, अपमानजनक और भेदभावपूर्ण" कानूनों की निंदा की है. वहीं, ह्यूमन राइट्स वॉच ने इस घटना को "अपमानजनक" बताया और देश में कुख्यात हिजाब कानून को खत्म करने की मांग की है.
ईरान में होता रहा है हिजाब का विरोध
जुलाई में भी ईरान में कुछ महिलाएं बिना हिजाब के सड़कों पर उतरीं थी. दरअसल, ईरान में हिजाब को लेकर सख्त शरिया कानून है. 12 जुलाई वहां 'राष्ट्रीय हिजाब और शुद्धता दिवस' के रूप में मनाया जाता है.