लूला ने कहा, ब्राजील के मामले में अमेरिकी दखल स्वीकार नहीं
२० जुलाई २०२५ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति और दक्षिणपंथी नेता जायर बोल्सोनारो के अभियोजन में शामिल न्यायाधीशों पर प्रतिबंध लगाने की अमेरिकी कार्रवाई की कड़ी निंदा की.
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश आलेक्जांर डी मोरेस, उनके परिवार और अन्य कोर्ट अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगा दिया. ये प्रतिबंध बोल्सोनारो के समर्थन में व्हाइट हाउस द्वारा उठाया गया ताजा कदम है. हफ्ते भर पहले भी ट्रंप, पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो के साथ सरकार के रवैये को लेकर, ब्राजील पर 50% टैरिफ लगाने का एलान कर चुके हैं.
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला का पलटवार
लूला ने अमेरिकी प्रतिबंधों को "एक देश की दूसरे देश की न्याय प्रणाली में हस्तक्षेप" करार दिया. ब्राजीलियाई राष्ट्रपति ने कहा, "यह अस्वीकार्य है तथा राष्ट्रों के बीच सम्मान और संप्रभुता के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है."
सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में लूला ने कहा, "मेरी एकजुटता और समर्थन सर्वोच्च संघीय अदालत के न्यायाधीशों के साथ है, जो अमेरिका की सरकार के एक और मनमाने और पूरी तरह से निराधार कदम से प्रभावित हुए हैं."
79 साल के लूला ने कहा, "मुझे विश्वास है कि किसी भी प्रकार की धमकी या चेतावनी, ब्राजील की शक्तियों और संस्थाओं के सबसे महत्वपूर्ण मिश8न के साथ समझौता नहीं करेगी." लूला के मुताबिक, देश की ये ताकतें और संस्थाएं हमेशा कानून के लोकतांत्रिक शासन को बचाती रहेंगी और बरकरार रखेंगी.
अमेरिका ने ब्राजील पर किस तरह के प्रतिबंध लगाए हैं
ट्रंप के सहयोगी बोल्सोनारो पर 2022 के चुनाव नतीजों को पलटने की कोशिश के आरोप हैं. दूसरे चरण में गए उन चुनावों में लूला की जीत हुई थी. बोल्सोनारो इन आरोपों से इनकार करते हुए खुद को राजनीतिक बदले का शिकार बता रहे हैं.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश आलेक्जांडर डी मोरेस ने फैसला सुनाया कि बोल्सोनारो को टखने में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी उपकरण पहनना होगा, रात में घर पर ही रहना होगा और फैसले आने तक सोशल मीडिया से दूर रहना होगा. ब्राजील के अधिकारियों को आशंका है कि तख्तापलट की कोशिश का मुकदमा झेल रहे बोल्सोनारो देश से भाग सकते हैं, इसीलिए उन्हें टखने में इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग टैग पहनने का आदेश दिया गया है.
शुक्रवार को ब्राजीलियाई सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ट्रंप प्रशासन ने दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के सबसे बड़े देश पर फिर प्रतिबंध लगाए.
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक बयान में कहा, "जायर बोल्सोनारो के खिलाफ राजनीतिक बदले की कार्रवाई करते हुए ब्राजील के सर्वोच्च संघीय न्यायालय के न्यायाधीश आलेक्जांडर डी मोरेस ने उत्पीड़न और सेंसरशिप की ऐसी व्यापक व्यवस्था बना दी है जो न केवल ब्राजीलियाई लोगों के मूल अधिकारों का उल्लंघन करती है, बल्कि ब्राजील की सीमाओं से आगे बढ़कर अमेरिकियों को भी निशाना बनाती है."