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राजनीतिलैटिन अमेरिका

35 साल के गाब्रिएल बोरिच होंगे चिली के नए राष्ट्रपति

२० दिसम्बर २०२१

35 साल के गाब्रिएल बोरिच लैटिन अमेरिका के सबसे आधुनिक और स्थिर देश की कमान मार्च 2022 में संभालेंगे.

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Chile Präsidentschaftswahl 2021 | Gabriel Boric
तस्वीर: Luis Hidalgo/AP Photo/picture alliance

35 साल के वामपंथी नेता गाब्रिएल बोरिच लैटिन अमेरिकी देश चिली के नए राष्ट्रपति होंगे. बोरिच को करीब 56 प्रतिशत वोट मिले हैं. उनके प्रतिद्वंद्वी होसे एंटोनियो कास्ट को 44 प्रतिशत वोट मिले. चुनाव प्रचार के दौरान कास्ट ने वोटरों को यह कह कर डराने की कोशिश की थी कि बोरिच अगर यह चुनाव जीते तो कम्युनिस्ट पार्टी के हाथों की कठपुतली बन जाएंगे और देश की अर्थव्यस्था बर्बाद हो जाएगी. पूरे लैटिन अमेरिका में चिली की अर्थव्यवस्था को सबसे स्थिर और आधुनिक माना जाता है. लेकिन जैसे ही चुनाव का नतीजा साफ हुआ तो कास्ट ने अपनी हार स्वीकार कर ली. चिली के मौजूदा राष्ट्रपति सेबास्चियन पिनेरा ने बोरिच से वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात की और सत्ता सौंपने की तीन महीने की प्रक्रिया में उनका पूरा साथ लेने का भरोसा दिलाया.

चिली लैटिन अमेरिका के सबसे समृद्ध देशों में से एक है. 1 करोड़ 75 लाख की आबादी वाले चिली ने कई तरह की शासन व्यवस्थाएं देखी हैं. 1970 में समाजवादी सरकार थी, जिसका फौजी तानाशाह जनरल पिनोशे ने 1973 में तख्तापलट कर दिया और दक्षिणपंथी-नवउदारवादी नीतियां लागू कर दीं. 1990 में पिनोशे को एक जनमत संग्रह के बाद सत्ता छोड़नी पड़ी. तब से चिली में अलग-अलग विचारधाराओं की सरकारें आईं और 1990 में लागू हुए नए संविधान के तहत काम करने लगीं. उदारवादी आर्थिक व्यवस्था की वजह से चिली समृद्ध तो हुआ, लेकिन असमानता बढ़ती गई. आज प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में चिली लैटिन अमेरिका के टॉप 3 देशों में से एक है.

2010 के दशक में देश की राजधानी सांतियागो में महंगाई, भ्रष्टाचार, सामाजिक सुरक्षा और सस्ती शिक्षा की मांग करते कई विरोध प्रदर्शन हुए. साल 2019 आते-आते प्रदर्शन इतने तीखे हो गए कि सरकार ने 18 अक्टूबर 2019 की रात से इमरजेंसी लगा दी, हालांकि बाद में इसे हटा लिया गया था. शुरुआत में प्रदर्शनकारी मेट्रो किराये को बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे थे. लेकिन बाद में और मांगें भी जुड़ने लगीं. बेहतर सामाजिक सुरक्षा, पेंशन, स्वास्थ्य सेवाएं, मध्यम और निम्न आय वर्ग पर कम टैक्स, नया संविधान बनाने समेत राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांगें भी उठीं. इन हिंसक प्रदर्शनों में सांतियागो के अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों और सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया गया. दर्जनों नागरिक मारे गए.

Chile Präsidentschaftswahl 2021 | Gabriel Boric | Santiago
बोरिच के समर्थकों ने चुनावी नतीजे सामने आने के बाद सड़कों पर ऐसे मनाई जीत की खुशी. तस्वीर: Matias Delacroix/AP Photo/picture alliance

भारी विरोध के बावजूद राष्ट्रपति सेबास्चियन पिनेरा ने इस्तीफा नहीं दिया. साल 2020 में नया संविधान बनाने पर एक जनमत संग्रह कराया गया, जिसमें नया संविधान बनाने के पक्ष में नतीजे आए. करीब 2 साल बाद राजधानी सांतियागो के ऐसे ही एक मेट्रो स्टेशन पर बोरिच की जीत का जश्न मनाने पहुंचे हजारों समर्थकों में शामिल और पेशे से अध्यापक बोरिस सोतो ने कहा, "ये ऐतिहासिक दिन है. हमने सिर्फ फासीवाद और दक्षिणपंथ को नहीं हराया, बल्कि डर को भी हराया है."

क्या करना चाहते हैं युवा नेता

35 साल के बोरिच जब मार्च में राष्ट्रपति पद संभालेंगे, तो वह आधुनिक चिली के सबसे युवा राष्ट्रपति बन जाएंगे. चुनाव जीतने के बाद बोरिच समर्थकों की भारी भीड़ के बीच बैरिकेड फांदकर स्टेज तक पहुंचे. हजारों समर्थकों की भीड़ में ज्यादातर युवा थे. बोरिच ने देशी भाषा मापुचे में भाषण की शुरुआत की. उन्होंने कहा, "मैं चिली के हर नागरिक का राष्ट्रपति बनूंगा, चाहे आपने मुझे वोट दिया हो या नहीं."

बोरिच ने चुनाव प्रचार में उदारवादी व्यवस्था हटाने का वादा किया है. छात्र राजनीति से निकले राष्ट्रपति से शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर व्यवस्था लागू करने की उम्मीद है. इसके अलावा ज्यादातर वामपंथी रुझान रखने वाले सदस्यों की एक सभा मई 2021 में संविधान ड्राफ्ट करने के लिए चुनी गई थी. इस सभा को नए राष्ट्रपति की देख-रेख में अगले साल तक संविधान बना लेना होगा ताकि इसे मंजूर करवाया जा सके और नई व्यवस्था लागू हो सके. गाब्रियल बोरिच के सामने इस पूरी प्रक्रिया के दौरान देश की स्थिरता बनाए रखने की चुनौती होगी.

चुनाव प्रचार में प्रगतिशील विचार सामने रखने वाले बोरिच ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ने की बात कही है. उन्होंने दुनिया में सबसे ज्यादा तांबा उत्पादन करने वाले देश में एक प्रस्तावित खनन योजना को बंद करने का वादा किया है. इसके अलावा उन्होंने जनरल पिनोशे की तानाशाही के नवउदारवादी आर्थिक मॉडल के तौर पर पहचाने जाने वाले चिली के प्राइवेट पेंशन सिस्टम को खत्म करने का वादा भी किया है.

Chile Präsidentschaftswahl 2021 | Boric Anhänger
10 साल पहले वामपंथी नेता बोरिच ने छात्र राजनीति से की थी शुरुआत. तस्वीर: Javier Torres/AFP

छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में आए बोरिच ने कहा, "हम वो पीढ़ी हैं जो चाहती है कि सार्वजनिक जीवन में अधिकारों का सम्मान हो, ना कि उन्हें वस्तु या व्यवसाय की तरह देखा जाए. हम जानते हैं कि अमीर के लिए न्याय और गरीब के लिए न्याय होता रहेगा लेकिन हम इस बात की इजाजत नहीं देंगे कि गरीबों को चिली में मौजूद असमानता की कीमत चुकानी पड़े."

उनकी सरकार को पूरे लैटिन अमेरिका में करीब से देखा जाएगा क्योंकि लंबे समय से इस इलाके में होने वाले बदलावों का अगुआ चिली ही रहा है. चिली पहला लैटिन अमेरिकी देश था जो शीत युद्ध के दौरान अमेरिकी प्रभुत्व से बाहर आया. चिली की जनता ने 1970 में सल्वाडोर अलेंदे को चुना और देश समाजवादी व्यवस्था की ओर बढ़ा. कुछ ही सालों में ये बदल गया और चिली में तख्तापलट के बाद पिनोशे का दक्षिणपंथी मिलिटरी राज आया. इसने पूरे लैटिन अमेरिका में उदारवादी नीतियों को बढ़ावा दिया. आज पिनोशे के सत्ता से बेदखल होने के करीब 30 साल बाद बोरिच चिली में यूरोप की तर्ज पर सामाजिक लोकतंत्र लाना चाहते हैं. ऐसा लोकतंत्र, जो असमानता के खिलाफ लड़ने के लिए आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों को बढ़ावा देगा.

कैसा रहा है राजनीति में एक दशक

चिली के दक्षिणी हिस्से पुंटा आरेनस के रहने वाले बोरिच ने सांतियागो की यूनिवर्सिटी ऑफ चिली में बतौर छात्र नेता राजनीति शुरू की थी. 2011 में जब बेहतर और सस्ती शिक्षा के लिए प्रदर्शन हुए तो बोरिच उसका प्रमुख चेहरा बने थे.

साल 2014 में वह संसद के निचले सदन के लिए बतौर निर्दलीय उम्मीदवार निर्वाचित हुए. वो चिली के बड़े लेकिन कम आबादी वाले मगालेयाने इलाके से चुने गए थे. साल 2017 में वो दोबारा इसी सीट से सदन के लिए चुने गए.

2018 और 2019 के विरोध प्रदर्शनों में भी उन्हें युवाओं का साथ मिला था. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान इन्हीं युवाओं ने ऑनलाइन मीम्स बनाकर बोरिच के पक्ष में खूब माहौल बनाया.

बोरिच भले ही चिली में वामपंथ का एक जाना-पहचाना चेहरा हों, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब वो राष्ट्रपति पद की दावेदारी पाने की दौड़ में बहुत आगे नहीं थे. उम्मीदवार बनने के लिए जरूरी 35 हजार हस्ताक्षर वह बड़ी मुश्किल से जुटा पाए थे. लेकिन बाद में उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के चर्चित नेता और सांतियागो इलाके के मेयर डानियल होडोये को पछाड़कर वामपंथी गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल कर ली. उम्मीदवारी हासिल करने पर बोरिच ने कहा था, "अगर चिली नवउदारवाद का पालना था, तो यही इसकी कब्र भी बनेगा."

बोरिच ने अपने साथियों के साथ मिलकर साल 2018 में अपनी नई पार्टी 'सोशल कन्वर्जेंस' बनाई थी. हालांकि राष्ट्रपति पद के लिए उनका चुनाव वामपंथी गठबंधन के नेता के रूप में हुआ है. हाल के दिनों में बोरिच इस वामपंथी गठबंधन के कुछ सदस्यों के अति-वाम विचारों से खुद को अलग करते दिखे हैं, जिसमें चिली की कम्युनिस्ट पार्टी के वेनेजुएलाई राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का समर्थन करना भी शामिल है.

आरएस/आरपी (एपी, एएफपी)