ईरान पर इस्राएल का हमला
13 जून शुक्रवार, सुबह ईरान पर इस्राएल ने हमला किया. हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत हुई है साथ ही परमाणु केंद्रों और हथियार बनाने वाली जगहों को निशाना बनाया गया है.
शुक्रवार की सुबह हुआ हमला
इस्राएल ने लड़ाकू विमानों और मिसाइलों से ईरान पर हमला बोला. 1980 में इराक के साथ युद्ध के बाद ईरान पर यह सबसे बड़ा हमला है. अब तक मिली खबरों के मुताबिक, इस्राएल के 200 लड़ाकू जहाजों ने इस हमले में हिस्सा लिया और ईरान के 100 ठिकानों को निशाना बनाया गया है. इस्राएल का कहना है कि यह हमले जारी रहेंगे.
"युद्ध का आगाज"
ईरान के विदेश मंत्री ने इसे देश के खिलाफ 'युद्ध का आगाज' कहा है. ईरान सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह खामेनेई ने इस्राएल को "कड़ी सजा" देने की बात कही है. ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेचेश्कियान ने टीवी पर प्रसारित संदेश में कहा है कि उनका देश इस्राएल के खिलाफ "कठोर कार्रवाई" करेगा. ईरान और इराक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस मामले पर तुरंत चर्चा की मांग भी की है.
ईरान का ड्रोन हमला
इस्राएल का कहना है कि ईरान ने जवाबी कार्रवाई में करीब 100 ड्रोनों से हमला किया है लेकिन इस्राएली सुरक्षा तंत्र ने लगभग सभी ड्रोनों को बीच रास्ते में ही खत्म कर दिया. इस्राएल ने और हमलों की आशंका जताई है और लोगों से अपने घरों में ही रहने को कहा है.
परमाणु केंद्र को नुकसान
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने एक बयान में कहा है कि नतांज के नाभिकीय संवर्धन केंद्र को कुछ इस्राएली हमले में कुछ नुकसान पहुंचा है. हालांकि इसके नतीजे में किसी रासायनिक या फिर रेडियोधर्मी रिसाव की खबर नहीं है. इस्राएल का कहना है कि उसने ईरान के मिसाइल तंत्र को निशाना बनाया है.
सैन्य अधिकारियों की मौत
ईरान की सशस्त्र सेना के शीर्ष कमांडर और रेवॉल्यूशनरी गार्ड के कमांडर की मौत के अलावा सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह खमेनेई के वरिष्ठ सलाहकार इसमें घायल हुए हैं. ईरान में मारे गए अधिकारियों की जगह नए अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है. जनरल अब्दुलरहीम मुसावी सशस्त्र सेना के नए प्रमुख होंगे जबकि मोहम्मद पाकपुर को रेवॉल्यूशनरी गार्ड का कमांडर बनाया गया है.
तस्करी से ले जाए गए हथियार
इस्राएली अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने हमले से पहले ही ईरान में तस्करी के जरिए हथियार पहुंचा दिए थे. इस्राएल के मुताबिक इन हथियारों का इस्तेमाल सुरक्षा ठिकानों और मिसाइलों की तैनाती वाली जगहों को निशाना बनाने में किया गया है.
विरोध प्रदर्शन
हमले के बाद ईरान की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन भी दिखाई पड़ा. लोग सैन्य प्रमुख जनरल मोहम्मद बाघेरी की मौत पर विरोध जता रहे थे. इस्राएली हमले में जिन अधिकारियों की मौत हुई है उनमें रेवॉल्यूशनरी गार्ड के मिसाइल कार्यक्रम के प्रमुख अमीर अली हाजीजादेह भी शामिल हैं. इस्राएल का कहना है कि हाजीजादेह ने कई मौकों पर इस्राएल को नुकसान पहुंचाने की बात कही थी.
ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ प्रस्ताव
गुरुवार को 20वर्षों में पहली बार अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने ईरान के खिलाप प्रस्ताव पारित किया. एजेंसी के निदेशकों की बोर्ड का कहना है कि ईरान निरीक्षकों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है. 35 सदस्यों वाले बोर्ड में 19 सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया. इसके तुरंत बाद ईरान ने तीसरा नाभिकीय संवर्धन केंद्र बनाने की घोषणा की.
अल अक्सा मस्जिद बंद
यरुशलम की अल अक्सा मस्जिद को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है. इस्राएली पुलिस ने फिलहाल वहां सिर्फ गार्ड और मस्जिद के कर्मचारियों को जाने की अनुमति दी है. अल अक्सा मस्जिद मुसलमानों के लिए तीसरी सबसे पवित्र जगह है. यहां अजान होगी लेकिन फिलहाल आमलोग नमाज नहीं पढ़ सकेंगे.
इस्राएल में सन्नाटा
यरुशलम की ओल्ड सिटी में सन्नाटा पसरा है. लोगों से कहा गया है कि वह सिर्फ बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें. ज्यादा लोगों की भीड़ जुटाने पर रोक लगा दी गई है. उधर ईरान में लोग गाड़ियों में तेल भरवा रहे हैं और अपने घरों में ही सिमटे हुए हैं.
ट्रंप ने कहा "शानदार हमला"
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान पर इस्राएली हमले को शानदार कहा और यह भी कि अभी और हमले होंगे. शुक्रवार सुबह अमेरिकी चैनल एबीसी से बातचीत में ट्रंप ने कहा, "मेरा ख्याल है कि वह शानदार था. हमने उन्हें मौका दिया लेकिन उन्होंने उसे नहीं लिया." ट्रंप ने यह भी कहा है कि ईरान के सामने दूसरा मौका है वह समझौता कर ले.
रिहायशी इमारतों को नुकसान
इस्राएल के हमले में तेहरान की कई रिहायशी इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है. मीडिया में आई तस्वीरों में कई जगहों पर हमले में ध्वस्त हुई इमारतें दिख रही हैं. घायलों के बारे में पक्के तौर पर जानकारी नहीं मिली है लेकिन अपुष्ट खबरों में 90 से ज्यादा लोगों के घायल होने की बात कही गई है.
तेल की कीमतों में तेजी
ईरान पर इस्राएली हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आ गई है. हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि कीमतों में यह तेजी तात्कालिक रहने की उम्मीद है. अगर यह युद्ध तेलों की ढुलाई पर असर नहीं डालता तो कीमतें नीचे आ जाएंगी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत शुक्रवार को करीब 7.8 फीसदी बढ़ कर 74.89 डॉलर प्रति बैरल हो गई.
मध्यपूर्व में एयर स्पेस बंद
इन हमलों के बाद जॉर्डन, इराक, इस्राएल और ईरान ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है. एयर इंडिया की यूरोप और अमेरिका जाने वाले कम से कम 16 उड़ानों पर इसका असर हुआ है. कुछ उड़ानें वापस भारत ले जाई गईं तो कुछ का रास्ता बदला गया है. इलाके में ऑपरेट करने वाली ज्यादातर एयरलाइनों के उड़ान पर असर पड़ा है.