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सीरिया की राजधानी पर इस्राएल के हवाई हमले

ओंकार सिंह जनौटी डीपीए, रॉयटर्स
१६ जुलाई २०२५

इस्राएल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हवाई हमले किए. हमलों में रक्षा मंत्रालय और सैन्य मुख्यालय को निशाना बनाया गया. इस्राएली सेना ने इसे दक्षिणी सीरिया में द्रुजे अल्पसंख्यकों के हिंसक दमन का जवाब बताया है.

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दमिश्क में इस्राएल के हवाई हमले
तस्वीर: Khalil Ashawi/REUTERS

सीरियाई सरकारी टेलीविजन के मुताबिक, इस्राइली सेना ने बुधवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क में सीरियाई सेना के मुख्यालय के गेट पर हमला किया. इस हमले के कुछ ही घंटे बाद उसी जगह एक और बड़ा हमला किया गया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सीरियाई रक्षा सूत्रों के हवाले से कहा है कि पहले हमले में कम से कम दो ड्रोनों ने सीरियाई रक्षा मंत्रालय की इमारत को निशाना बनाया.

इस्राएली सेना के प्रतिनिधियों के मुताबिक, "एक सैन्य निशाना" सीरिया के राष्ट्रपति भवन के पास किया गया. उस जगह सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा भी बैठा करते हैं. इस्राएली सेना ने इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी.

सीरिया की समाचार एजेंसी सना ने देश के स्वास्थ्य मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा है कि इस्राएली हमलों में कम से कम 18 लोग जख्मी हुए हैं.

दमिश्क में सीरियाई रक्षा मंत्रालय की इमारत, इस्राएली हमले के बाद
इस्राएली हमलों के बाद सीरियाई रक्षा मंत्रालय और सेना का मुख्यालयतस्वीर: Louai Beshara/AFP/Getty Images

हमलों पर अलग अलग रिपोर्ट

जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक, इस्राएली लड़ाकू विमानों ने सीरिया की राजधानी पर तीन सटीक हवाई हमले किए. डीपीए के रिपोर्टर के मुताबिक, अन्य निशाने सीरिया के रक्षा मंत्रालय और सैन्य मुख्यालय पर साधे गए.

डीपीए के मुताबिक, हमलों के बाद इन इलाकों में काले धुएं का गुबार उठने लगा और एंबुलेंसों के सायरन घनघनाने लगे. एक स्थानीय निवासी ने बताया कि धमाका इतना जोरदार था कि उनका घर भी थर्रा उठा. सीरियन ऑब्जरवेट्री फॉर ह्यूमन राइट्स के प्रमुख रामी अब्देल रहमान के मुताबिक, "ऐसा लगता है जैसे वो सीरिया के रक्षा मंत्री को टारगेट कर रहे हों या फिर उन्हें एक सीधा संदेश दे रहे हों क्योंकि स्वेइदा में ऑपरेशन का वही नेतृत्व कर रहे थे."

इस्राएल के रक्षा मंत्री ने बुधवार को किए गए हवाई हमलों का एक वीडियो भी ट्वीट किया है.

द्रुजे समुदाय के समर्थन में इस्राएल

इस्राएली सेना के कहना है कि ये हमला दक्षिणी सीरिया में द्रुजे अल्पसंख्यकों के हिंसक दमन का जवाब है. इस्राएल द्रुजे समुदाय को खुला समर्थन देता है और उन्हें अपना साझेदार कहता हैं. द्रुजे समुदाय के लोग स्वेच्छा से इस्राएली सेना में काम करते हैं. इस्राएल का कहना है कि वह सीरिया के हालात पर नजर बनाए हुए है.

दक्षिणी सीरिया के स्वेइदा में द्रुजे समुदाय के लोग अच्छी खासी संख्या में बसते हैं. हालांकि द्रूज समुदाय के लोगों ने विद्रोह के दौरान पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. दिसंबर 2024 में असद के सीरिया छोड़ने के बाद कट्टर इस्लामिक रुझानों वाले कई चरमपंथी सीरियाई सेना में अधिकारी बन गए.

हाल में हुए कई बड़े नरसंहारों में सेना और उससे जुड़े चरमपंथियों पर गंभीर आरोप लगे हैं. बीते रविवार को वहां सुन्नी बदून कबीले और द्रुजे समुदाय के बीच जातीय हिंसा होने लगी. यह हिंसा वहां सीरिया की सेना तैनात करने के बाद शुरू हुई. रिपोर्टों के मुताबिक इस हिंसा में बुधवार तक करीब 300 लोग मारे जा चुके हैं.

सीरिया के हालात पर नजर रखने वाली लंदन स्थित ऑब्जरवेट्री के मुताबिक, 2025 की शुरुआत से अब तक इस्राएल ने सीरिया की जमीन पर 60 बार हवाई और 10 बार जमीनी हमले किए हैं. इन हमलों में 102 ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस्राएल का दावा है कि ये निशाने हथियार डिपो, सैन्य ठिकानों और सैन्य वाहनों पर किए गए.