फलस्तीनी लोगों को मानवीय इलाके में भेज रही है इस्राएली सेना
६ सितम्बर २०२५करीब 10 लाख की आबादी वाले गाजा सिटी के कुछ हिस्सों को पहले ही इस्राएल ने "रेड जोन" घोषित कर दिया है. यहां आशंकित हमलों के शुरू होने से पहले ही लोगों को इलाका खाली करने का आदेश मिल चुका है. इस बीच खबर आई है कि इस्राएली सेना ने एक बहुमंजिली इमारत को ध्वस्त कर दिया है.
सहायता समूहों ने बार-बार चेतावनी दी है कि बड़े पैमाने पर लोगों को हटाने से वहां की मानवीय दशा और बिगड़ जाएगी. करीब दो साल से चली आ रही गाजा की लड़ाई में फलस्तीनी लोगों को कई बार उनके घरों और ठिकानों से हटाया गया है. कई संगठनों ने गाजा में बेहद खराब स्थिति और भुखमरी जैसी दशा होने की बात कही है. इन संगठनों का कहना है कि प्रभावित इलाकों में रहने वाले फलस्तीनी लोग बेहद कमजोर हो चुके हैं और उनके पास कहीं जाने का कोई ठिकाना भी नहीं है.
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इस्राएली सेना ने लोगों को "मानवीय इलाके" में जाने को कहा है. इस्राएली सेना के प्रवक्ता अविचाय अदराई ने एक्स पर लिखा है कि सेना ने दक्षिणी गाजा पट्टी में मुवासी को मानवीय इलाका घोषित किया है. यह टेंटों से घिरा एक अस्थाई ठिकाना है. सेना ने गाजा सिटी में रहने वाले सभी लोगों से मुवासी जाने को कहा है. इस्राएली सेना गाजा सिटी को हमास का गढ़ मानती है और उसे युद्ध का इलाका बताया है. सेना ने कहा है कि ये लोग एक निर्धारित सड़क पर कारों में बिना तलाशी दिए वहां जा सकते हैं.
गाजा में मानवीय इलाका
सेना के बयान के साथ एक नक्शा भी है जिसमें खान यूनिस का वह मानवीय इलाका दिखाया गया है. इसमें वह हिस्सा भी है जहां नासिर अस्पताल मौजूद है. अस्पताल के आसपास के इलाके को रेड जोन माना गया है हालांकि अस्पताल को नहीं. पिछले हफ्ते इस्राएल ने अस्पताल पर हमला किया था जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई. इनमें समाचार एजेंसी एपी की मरियम डागा और दूसरे मीडियाकर्मी भी शामिल थे. अस्पताल को खाली करने का आदेश नहीं मिला है.
निर्धारित मानवीय इलाके में फील्ड अस्पताल, पानी की पाइपलाइन, खान और टेंट शामिल है. बयान में कहा गया है कि वहां सहायता अभियान "संयुक्त राष्ट्र और दूसरे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करते हुए लगातार जारी रहेगा."
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संयुक्त राष्ट्र की प्रवक्ता ओल्गा चेरेवको का कहना है कि दक्षिणी गाजा में मानवीय इलाका इस्राएली अधिकारियों की तरफ से एकतरफा घोषित किया गया है. संयुक्त राष्ट्र और दूसरे मानवीय सहायता संगठन इसका हिस्सा नहीं हैं. इस्राएली सैनिक इस तरह के मानवीय इलाकों पर पूरे जंग के दौरान हमले करते रहे हैं. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इनमें मुवासी भी शामिल है जिसे पहले सेफ जोन घोषित किया गया था.
शनिार को इस्राएल ने गाजा सिटी की दो ऊंची इमारतों और उसके आसपास मौजूद टेंट के लिए चेतावनी जारी की. इस्राएल का कहना है कि इस इमारत के अंदर या उसके आस पास हमास के खिकाने हैं. बिना सबूत दिए इस्राएल ने कहा कि हमास इन ठिकानों का इस्तेमाल निगरानी के लिए कर रहा है.
इस्राएल की चेतावनी के बावजूद गाजा सिटी के कई फलस्तीनी लोगों का कहना है कि वे वहां से नहीं जाएंगे. उम हाइथाम नाम की एक महिला ने कहा, "वे केवल हमें एक टाउन से दूसरे टाउन जाने का आदेश देते हैं. हम अपने बच्चों के बगैर वहां क्या करेंगे? जिनके घर में बीमार, बुजुर्ग या घायल लोग हैं, उन्हें हम कहां लेकर जाएंगे."
ट्रंप से अपील
इस्राएल के अभियान का इस्राएल में भी बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है. हमास की कैद में मौजूद लोगों के परिवारों को डर है कि इस अभियान से उन लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा जो अब भी गाजा में कैद हैं. माना जाता है कि इनमें से कुछ गाजा सिटी में हैं. हमास की कैद में अब भी 48 बंधक मौजूद हैं. अनुमान है कि उनमें से कम से कम 20 की मौत हो चुकी है.
बंधकों के परिजनों का कहा है कि सरकार उनके प्रियजनों की रिहाई को प्राथमिकता नहीं दे रही है. ऐसे में अब उन्हें छुड़ाने के लिए वे डॉनल्ड ट्रंप से गुहार लगा रहे हैं. इस्राएल का कहना है कि जब तक बंधक वापस नहीं आ जाते और हमास हथियार नहीं छोड़ देता यह लड़ाई चलती रहेगी. इस्राएल का यह भी कहना है कि वह इस इलाके का सुरक्षा नियंत्रण अपने हाथ में ले लेगा. गाजा में करीब 20 लाख लोग रहते हैं. उधर हमास का कहना है कि वह बाकी बंधकों को तभी रिहा करेगा जब उनके बदले फलस्तीनी कैदी रिहा होंगे, युद्धविराम होगा और इस्राएल गाजा से पूरी तरह बाहर निकल जाएगा.