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इस्राएल का ईरान पर हमला: परमाणु कार्यक्रम पर निशाना

ऋतिका पाण्डेय एएफपी, एपी, डीपीए, रॉयटर्स
१३ जून २०२५

इस्राएल ने शुक्रवार को ईरान की राजधानी तेहरान पर हमला किया है. इन हमलों में देश के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाया गया. इसके बाद दोनों कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के बीच बड़े युद्ध की आशंका बढ़ गई.

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ईरान की राजधानी तेहरान में हमले में क्षतिग्रस्त हुए एक आवासीय परिसर के बाहर बचावकर्मी
ईरान की राजधानी तेहरान में हमले में क्षतिग्रस्त हुए एक आवासीय परिसर के बाहर बचावकर्मी तस्वीर: Vahid Salemi/AP/picture alliance

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह खामेनेई ने शुक्रवार को हमले के बाद कहा कि इस्राएल को 'कड़ी सजा' का सामना करना पड़ेगा. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने पुष्टि की है कि देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों की इस्राएली हमले में मौत हो गई है. यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर तनाव नई ऊंचाइयों पर है.

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने गुरुवार को 20 सालों में पहली बार ईरान की निंदा की क्योंकि उसने एजेंसी के निरीक्षकों के साथ सहयोग नहीं किया. ईरान ने हाल ही में घोषणा की है कि वह देश में तीसरा परमाणु संवर्धन केंद्र स्थापित करेगा. उधर इस्राएल कई सालों से चेतावनी देता रहा है कि वह ईरान को परमाणु हथियार बनाने नहीं देगा. तेहरान हमेशा से कहता रहा है कि क्षमता रखने के बावजूद वह खुद परमाणु हथियार बनाना नहीं चाहता.

इस्राएली हमले में ईरानी चीफ ऑफ स्टाफ की मौत

ईरान के सरकारी टीवी चैनल पर चली रिपोर्ट में शुक्रवार को बताया गया है कि एक इस्राएली हवाई हमले में ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बाघेरी की मौत हो गई. बाघेरी ईरानी सुरक्षा बल रेवॉल्यूशनरी गार्ड के  पूर्व कमांडर भी रहे हैं. चैनल ने यह भी पुष्टि की है कि रेवॉल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी की भी इस्राएली हमले में मौत हो गई.

ईरान की चेतावनी, हमला करने की ना सोचे इस्राएल

ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड का गठन 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद हुआ था. इसे देश के भीतर काम करने वाली एक प्रमुख शक्ति माना जाता है. ईरान के बैलिस्टिक मिसाइलों के जखीरे पर भी इसी का नियंत्रण है, जिसका इस्तेमाल उसने इस समय जारी इस्राएल और हमास युद्ध में दो बार इस्राएल पर हमले के लिए किया है.

यह साफ नहीं है कि इस्राएली जेट ईरानी हवाई क्षेत्र में घुसे या सिर्फ किसी और देश से कथित 'स्टैंडऑफ मिसाइल' दागी. इस्राएल ने पहले इराक की सीमा से ईरान पर हमला किया है. हमले के समय इराक में लोगों ने लड़ाकू विमानों को ऊपर उड़ते हुए सुना. ईरान की राजधानी तेहरान में लोगों ने शुक्रवार सुबह इस्राएली हमले के बाद एक बार और कई विस्फोटों की आवाज सुनी.

इस्राएल के यूएन राजदूत ने पूरे विश्व से मांगा इस्राएल के लिए समर्थन

संयुक्त राष्ट्र में इस्राएल के राजदूत डैनी डैनन ने कहा कि इस्राएल ने ईरान के परमाणु ऊर्जा और मिसाइल से जुड़े बुनियादी ढांचे के खिलाफ ऑपरेशन 'राइजिंग लायन' शुरू किया है. इसका उद्देश्य इस्राएल और पूरी दुनिया के नागरिकों के अस्तित्व से जुड़े और तत्काल खतरे को समाप्त करना है.

मध्य पूर्व में सैन्य तैनाती बढ़ाने के बीच अमेरिका की तेहरान को चेतावनी

उन्होंने कहा कि ईरानी शासन अंतरराष्ट्रीय समझौतों का खुलेआम उल्लंघन कर रहा है, परमाणु हथियारों की ओर बढ़ रहा है, और एक क्षेत्रीय आतंक का नेटवर्क चला रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव और सुरक्षा परिषद के सदस्यों से बात करते हुए डैनन ने कहा, "यह नैतिक निर्णय लेने का क्षण है. इस्राएल का समर्थन करें या आप एक खतरनाक चुप्पी में भागीदार होंगे."

इस बीच इस्राएल और ईरान में मौजूद भारतीय लोगों के लिए भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से एजवाइजरी जारी की गई है. लोगों से सावधान और सुरक्षित रहने की अपील की गई है, साथ ही अनावश्यक यात्राएं नहीं करने की भी सलाह दी गई है. 

इस समय जारी परमाणु वार्ता का अब क्या होगा

ओमान ने शुक्रवार को ईरान पर इस्राएल के हमलों की निंदा की है. ओमान इस समय तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका और ईरान के बीच उच्च-स्तरीय बातचीत की मध्यस्थता कर रहा है. दो दिन बाद होने जा रही अगली बातचीत से ठीक पहले हुए हमले पर ओमान सरकार ने इस्राएल को इसके परिणामों के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसे रोकने के लिए स्पष्ट और दृढ़ संदेश देने की अपील की है. ओमान के विदेश मंत्री बद्र अल-बुसैदी ने एक दिन पहले ही बताया था कि अगली बातचीत रविवार को मस्कट में होना तय हुआ है.

यूरेनियम संवर्धन पर फंसी अमेरिका ईरान की बातचीत

इस्राएली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा कि लगभग 200 इस्राएली लड़ाकू विमानों ने ऑपरेशन में भाग लिया. करीब 100 लक्ष्यों को निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि हमले जारी हैं. जॉर्डन ने शुक्रवार को ईरान पर इस्राएल के हमलों के बाद अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है. ईरान, इस्राएल और इराक ने भी अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है. इस्राएली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा है, "पिछले कुछ घंटों में, ईरान ने इस्राएल की ओर 100 से अधिक ड्रोन लॉन्च किए हैं, और सभी रक्षा प्रणालियां खतरों को रोकने के लिए काम कर रही हैं."

अमेरिका और जर्मनी की प्रतिक्रिया

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि इस्राएल ने 'ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई' की और इस्राएल ने अमेरिका को बताया कि उसे विश्वास है कि हमले उसकी आत्मरक्षा के लिए आवश्यक थे. रूबियो ने ईरान को अमेरिकी बलों को अपने बदले की कार्रवाई में निशाना नहीं बनाने की चेतावनी दी.

एक बयान में, उन्होंने कहा, "आज रात, इस्राएल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की. हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं और हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी बलों की रक्षा करना है. इस्राएल ने हमें बताया कि उन्हें विश्वास है कि यह कार्रवाई उसकी आत्मरक्षा के लिए आवश्यक थी."

मान जाओ वरना, ट्रंप की ईरान को दी गई चेतावनी का मतलब क्या है

जर्मनी के चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने इस्राएली हमलों पर प्रतिक्रिया में कहा है कि इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने उन्हें टेलीफोन पर ईरान के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई के बारे में जानकारी दी है. जर्मन समाचार पत्रिका डेयर श्पीगल ने इस बारे में लिखा है कि अभी ये पुष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि मैर्त्स के साथ नेतन्याहू की यह बातचीत इस्राएल के हमलों से पहले हुए थी या बाद में.

चांसलर मैर्त्स ने अपने बयान में कहा, "जर्मन सरकार कई सालों से ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम की प्रगति पर चिंता जता रही है," और आगे कहा कि तेहरान का परमाणु कार्यक्रम "पूरे क्षेत्र, खास कर इस्राएल के लिए एक गंभीर खतरा है." उन्होंने सभी पक्षों से तनाव को आगे बढ़ाने वाले कदम उठाने से परहेज करने का आह्वान किया और कहा कि जर्मनी सभी राजनयिक साधनों के साथ मध्यस्थता करने के लिए तैयार है.

ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी से क्या बात कर रहा है ईरान

जर्मनी में सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है और जर्मनी, इस्राएल-ईरान तनाव के मसले पर ब्रिटेन और फ्रांस जैसे अपने यूरोपीय पार्टनरों और अमेरिका के साथ करीबी विचार विमर्श कर रहा है. मैर्त्स ने कहा, "लक्ष्य अभी भी यह होना चाहिए कि ईरान परमाणु हथियार विकसित ना कर सके."

एडिटर, डीडब्ल्यू हिन्दी
ऋतिका पाण्डेय एडिटर, डॉयचे वेले हिन्दी. साप्ताहिक टीवी शो 'मंथन' की होस्ट.@RitikaPandey_