एआई कैसे जंगल की आग से निपटने में मदद कर सकता है
जंगल में आग लगने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई बहुत जरूरी है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आधुनिक तकनीक भविष्य में मददगार साबित हो सकती है. जर्मनी के ब्रांडेनबर्ग में ड्रोन का परीक्षण किया जा रहा है.
जंगल की आग से लड़ने के लिए नई ड्रोन तकनीक
बढ़ते वैश्विक तापमान और जलवायु परिवर्तन के कारण, पूर्वी जर्मन राज्य ब्रांडेनबर्ग में जंगल की आग कई सालों से एक समस्या रही है. बर्लिन की एक कंपनी भविष्य में आग का पता लगाने और उससे निपटने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना चाहती है.
ब्रांडेनबर्ग में हरियाली की उम्मीद
एक बड़े आकार की गॉल्फ बॉल की तरह का यह इंस्टॉलेशन एआई-नियंत्रित "सिल्वागार्ड" ड्रोन के लिए हैंगर का काम करता है. यह पहला स्वचालित, एआई आधारित ड्रोन सिस्टम है. इसके डेवलपर को उम्मीद है कि एक दिन यह कुछ ही मिनटों में नई आग का पता लगाने और उसे बुझाने में सक्षम हो जाएगा.
यह कैसे काम करता है
कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि जैसे ही जंगल में लगा सेंसर आग का पता लगाता है, ड्रोन खुद ही सेंसर के पास उड़ कर जाएगा और स्थिति का विश्लेषण करेगा. ड्रोन रिपोर्ट के आधार पर दमकल विभाग आग के सटीक स्थान पर आवश्यक उपकरण भेजने में सक्षम होगा.
बड़ी समस्याओं का समाधान
यूरोपीय वन संस्थान में जंगल की आग से लड़ने के विशेषज्ञ लिंडन प्रोन्टो कहते हैं कि जंगल की आग अब उस बिंदु पर पहुंच गई है जहां इसे "रोकना असंभव है." इसलिए आग को रोकने और उससे लड़ने के लिए नए उपाय किए जाने की जरूरत है.
महत्वपूर्ण है तेजी से कार्रवाई करना
जर्मन कंपनी "ड्रायड" के सीईओ कार्स्टन ब्रिंकशुल्टे ने तकनीक के प्रदर्शन के दौरान समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "आग पहले की तुलना में बहुत तेजी से और अधिक आक्रामक तरीके से फैल रही है. इसका मतलब यह भी है कि हमें और अधिक तेजी से प्रतिक्रिया करनी होगी." ड्रोन सिस्टम के विकास को आंशिक रूप से यूरोपीय संघ द्वारा फंड किया गया था.
ध्वनि तरंगों से आग बुझाना
"ड्रायड" निर्माताओं को उम्मीद है कि नई तकनीक की बदौलत उनका ड्रोन न केवल आग का पता लगाने में सक्षम होगा बल्कि उसे बुझा भी सकेगा. कंपनी के मुताबिक पानी या बुझाने वाले पाउडर का इस्तेमाल करने के बजाय, सुलगती आग को 'ध्वनि तोपों' से बुझाया जाना चाहिए. सोनिक तोप को कम आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को पैदा करने के लिए डिजाइन किया गया है जो आग को "बुझा" देती हैं.
यूरोप के बाहर पहली तैनाती
यह स्वचालित ड्रोन 2026 में बाजार में आएगा. इसे सबसे पहले यूरोप के बाहर किसी देश में तैनात किया जाएगा. इसका व्यावसायिक इस्तेमाल करने में कानूनी अड़चनें भी हैं. आने वाले वर्षों में इसे यूरोप में भी तैनात किए जाने की उम्मीद है.