क्या ईरान-अमेरिका के बीच तनाव घटा पाएगा पाकिस्तान?
२ अगस्त २०२५ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान शनिवार (2 अगस्त) को पाकिस्तान पहुंचे. यात्रा के पहले दिन उनका विमान लाहौर उतरा. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ उनकी बैठक होनी है.
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बढ़ते क्षेत्रीय और वैश्विक तनाव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना इस यात्रा का उद्देश्य बताया गया है. ईरान ने यह भी कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ कारोबारी रिश्ते बढ़ाना चाहता है. ईरान की समाचार एजेंसी मेहर के अनुसार, यात्रा पर रवाना होने से पहले पेजेश्कियान ने कहा, "हमारी योजना है कि दोनों देशों के बीच कारोबारी आदान-प्रदान को बढ़ाकर सालाना 1,000 डॉलर तक लाया जाए."
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ईरान-अमेरिका के बीच तनाव घटा सकेगा पाकिस्तान?
उधर, पेजेश्कियान के पाकिस्तान आने से एक दिन पहले पाकिस्तान ने कहा था कि वह ईरान और अमेरिका के आपसी तनाव को घटाने में भूमिका निभाना जारी रखेगा.
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मीडिया से बात करते हुए विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "ईरान हमारा करीबी दोस्त और भाईचारे वाला पड़ोसी देश है. तनाव घटाने और समस्या के कूटनीतिक समाधान को बढ़ावा देने में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. हम उस भूमिका को निभाने के लिए तैयार हैं और हम वह भूमिका निभाना जारी रखेंगे."
इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इस दिशा में पाकिस्तान के रुख की तारीफ की थी. रुबियो ने कहा था कि वह "ईरान के साथ बातचीत में मध्यस्थ की सकारात्मक भूमिका निभाने के प्रति पाकिस्तान की इच्छा और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने की उसकी प्रतिबद्धता" की सराहना करते हैं.
जब ईरान-पाकिस्तान ने एक-दूसरे पर हमला किया
पेजेश्कियान की यात्रा से पहले मई 2025 में ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची पाकिस्तान गए थे. इसी महीने शहबाज शरीफ भी दो दिन की यात्रा पर तेहरान गए. हालिया गर्मजोशी से इतर पाकिस्तान और ईरान के आपसी संबंध इतने सरल नहीं रहे हैं.
पिछले साल जनवरी में दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था और दोनों ने एक-दूसरे पर मिसाइल-ड्रोन दागे. पाकिस्तान ने कहा कि बलूचिस्तान में किए ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमले में कुछ लोगों की जान गई.
पाकिस्तान पर ईरान ने क्यों किया हमला
ईरान ने हमले की बात स्वीकार की और दावा किया कि उसने आम नागरिकों को नहीं, केवल पाकिस्तानी जमीन पर सक्रिय "ईरानी आतंकवादियों" को निशाना बनाया. पाकिस्तान ने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानूनों और द्विपक्षीय संबंधों की भावना का उल्लंघन बताया.
प्रतिक्रिया में इस्लामाबाद ने तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया. फिर जवाबी कार्रवाई के रूप में उसने ईरान के सिस्तान-बलूचेस्तान प्रांत पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए. पाकिस्तान के मुताबिक, यहां कथित सशस्त्र बलोच अलगाववादी उसके निशाने पर थे.
दोनों पड़ोसियों के बीच हुए संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भी चिंता जताई. यूएन के महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने दोनों देशों से शांति की अपील की.
ईरान और पाकिस्तान के बीच यह कूटनीतिक अलगाव संक्षिप्त रहा. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की फोन पर बातचीत हुई और उन्होंने कहा कि तनाव घटाने पर सहमति बन गई है. दोनों अपने-अपने देशों के राजदूतों को वापस भेजने पर भी सहमत हुए. इस प्रकरण को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कई जगहों पर "टिट फॉर टैट अटैक्स" यानी, जैसे को तैसा हमला कहा गया.