लड़ाकू विमानों के लिए ईरान का अंडरग्राउंड एयरबेस
बंकरों को तोड़ने वाले संभावित हमले से बचने के लिए यह एयरबेस जमीन के अंदर गहराई में बनाया गया. यहां तैनात युद्धक विमान लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों से लैस हैं. इस एयरबेस का नाम "ईगल 44" रखा गया है.
ईगल 44
ईरान ने हाल ही में अंडरग्राउंड एयरबेस का उद्घाटन किया है. ईरानी सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक यह सेना के सबसे महत्वपूर्ण हवाई अड्डों में से एक है.
कितनी शक्तिशाली है ईरानी वायुसेना
ईरान के पास ज्यादातर रूसी मिग और सुखोई लड़ाकू विमान हैं, जो सोवियत काल के हैं. ईरान के पास एफ-7 समेत कुछ चीनी विमान भी हैं.
ईरान ने जारी किया वीडियो
ईरान ने बेस के अंदरूनी हिस्से की तस्वीरें और वीडियो भी जारी किए हैं. ईरानी समाचार एजेंसी के मुताबिक, "विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमान और बमवर्षकों के साथ-साथ वायुसेना के ड्रोनों को संचालित करने में यह भूमिगत हवाई अड्डा सक्षम है."
एयरबेस कहां नहीं बताया गया
इस एयरबेस की लोकेशन की जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सरकारी समाचार एजेंसी ने कहा, "एयरबेस पहाड़ों के नीचे सैकड़ों मीटर गहराई पर स्थित है और एक रणनीतिक सैन्य अड्डा है."
विशाल सुरंग की तरह
ईरानी मीडिया ने नए गुप्त ठिकाने पर ईरान के सशस्त्र बलों के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी और सेना के कमांडर-इन-चीफ मेजर जनरल अब्दुल रहीम मौसवी को दिखाया. बघेरी ने कहा, "दुश्मनों को ईगल 44 समेत हमारे कई हवाई अड्डों से वाजिब जवाब मिलेगा."
हमले से निपटने के लिए अहम
ईरानी सेना के हवाले से सरकारी मीडिया ने कहा यह एयरबेस ईरान को इस्राएल के किसी भी हमले का मुकाबला करने के लिए अतिरिक्त क्षमता प्रदान करेगा.